एनआईटी जमशेदपुर में “संख्यात्मक और मशीन लर्निंग तकनीकों” पर पाँच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ
एनआईटी जमशेदपुर के गणित विभाग द्वारा “Numerical and Machine Learning Techniques in Applied Mathematics (NMAM-2025)” विषय पर आधारित पाँच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का उदघाटन 10 जुलाई को हुआ। यह कार्यशाला 10 से 14 जुलाई 2025 तक आयोजित की जा रही है और इसका आयोजन DST - FIST समर्थित वैज्ञानिक संगणना प्रयोगशाला में हो रहा है

एनआईटी जमशेदपुर में “संख्यात्मक और मशीन लर्निंग तकनीकों” पर पाँच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ
जमशेदपुर – एनआईटी जमशेदपुर के गणित विभाग द्वारा “Numerical and Machine Learning Techniques in Applied Mathematics (NMAM-2025)” विषय पर आधारित पाँच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का उदघाटन 10 जुलाई को हुआ। यह कार्यशाला 10 से 14 जुलाई 2025 तक आयोजित की जा रही है और इसका आयोजन DST – FIST समर्थित वैज्ञानिक संगणना प्रयोगशाला में हो रहा है। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. महेशा नारायण (University of West Indies) ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अन्य प्रमुख अतिथियों में प्रो. गौतम सूत्रधार (निदेशक), प्रो. आर. वी. शर्मा (उप निदेशक), प्रो. सतीश कुमार (डीन, अनुसंधान एवं परामर्श), डॉ. राज नंदक्युलियार (विभागाध्यक्ष एवं कार्यशाला अध्यक्ष) और डॉ. रजत त्रिपाठी (कार्यशाला समन्वयक) उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और पुष्प स्वागत से हुई। डॉ. राज नंदक्युलियार ने विभाग की उपलब्धियों का संक्षिप्त परिचय देते हुए सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं डॉ. रजत त्रिपाठी ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि यह कार्यशाला संख्यात्मक तकनीकों और मशीन लर्निंग टूल्स के समावेश के माध्यम से तरल यांत्रिकी, ठोस यांत्रिकी और गणितीय जीवविज्ञान जैसे क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है। कार्यशाला में MATLAB पर आधारित हैंड्स-ऑन सेशन और व्याख्यान शामिल हैं। निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार ने कहा कि AI दुनिया को बदल रहा है, लेकिन साथ ही यह अभी भी त्रुटिपूर्ण और विकसित होती तकनीक है इसलिए इसमें मानव हस्तक्षेप और नैतिक दृष्टिकोण अत्यंत आवश्यक है। प्रो. आर. वी. शर्मा, उप निदेशक।ने भी सभा को संबोधित किया और कहा कि यह कार्यशाला समयानुकूल और अत्यंत आवश्यक है। विशेषकर आज के दौर में जहाँ गणित और AI का मेल महत्वपूर्ण होता जा रहा है। डीन (R&C) प्रो. सतीश कुमार ने अपने विचार साझा करते हुए प्रतिभागियों को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि का परिचय डॉ. राज नंदक्युलियार द्वारा दिया गया, जिसके बाद प्रो. महेशा नारायण ने अपने मुख्य भाषण में कार्यशाला की सराहना की और वैश्विक शोध सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम का समापन डॉ. रजत त्रिपाठी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन, राष्ट्रगान, और हाई टी के साथ हुआ।