केंद्र सरकार से अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए भी निधि का आवंटन करने की राजेश शुक्ल ने मांग की
झारखण्ड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और राज्य के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को ई मेल भेजकर झारखण्ड में अधिवक्ता कल्याण की योजनाओं को सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए केंद्र सरकार से अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए निधि आवंटन का प्रावधान करने का आग्रह किया है

केंद्र सरकार से अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए भी निधि का आवंटन करने की राजेश शुक्ल ने मांग की
जमशेदपुर- झारखण्ड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और राज्य के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को ई मेल भेजकर झारखण्ड में अधिवक्ता कल्याण की योजनाओं को सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए केंद्र सरकार से अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए निधि आवंटन का प्रावधान करने का आग्रह किया है कल 6 जून को भारत के विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का कार्यक्रम रांची में था लेकिन अपरिहार्य कारणों से स्थगित हो गया उसके बाद श्री शुक्ल ने यह अनुरोध पत्र अधिवक्ताओं के आग्रह पर भारत के विधि और न्याय मंत्री श्री मेघवाल को आज भेजा है
श्री शुक्ल ने विधि और न्याय मंत्री को लिखा है की झारखण्ड मे आज भी कई जिले और अनुमंडल ऐसे है जहा अधिवक्ताओ के न तो बैठने के बेहतर व्यवस्था है और न ही बेहतर आधारभुत संरचना ही सुलभ है
श्री शुक्ल ने लिखा है की भारत सरकार का विधि और न्याय विभाग द्वारा पुरे देश में न्यायालयों के आधुनिकीकरण की दिशा मे तेजी से सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं झारखण्ड में भी इस दिशा में प्रयास की आवश्यकता है ताकि आजादी के अमृतकाल में झारखण्ड में भी सभी जिला,अनुमंडल में सुन्दर बार भवन,बार काम्प्लेक्स का निर्माण हो,जहा महिला अअधिवक्ताओं के लिए कॉमन रूम,वास रूम के साथ समृद्धिशाली पुस्तकालय हो और युवा अधिवक्ताओं के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण भवन भी हो तभी ही अधिवक्ता व्यवस्थित ढंग से अपने कानूनी क्षेत्र की भूमिका को और सशक्त तरीके से पूरा कर सकते है और उनका मार्ग प्रशस्त हो सकेगा
श्री शुक्ल ने विधि और न्याय मंत्री को लिखा है की झारखण्ड उच्च न्यायालय और जिला और अनुमंडल न्यायालयों में न्यायधीशों और न्यायिक अधिकारियों की कमी को दूर करने की दिशा मे कदम भी बढ़ाया जाना चाहिए ताकि मामलों का निष्पादन समय सीमा के अंदर हो सके
श्री शुक्ल ने लिखा है की झारखण्ड में युवा अधिवक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाने की भी जरुरत है ताकि यहाँ के मेधावी और होनहार युवा अधिवक्ता न्यायिक क्षेत्र में और विभिन्न कॉरर्पोरेट सेक्टर एवं लॉ फार्म और अन्य कानूनी क्षेत्रों में अपना स्थान बना सकेl
श्री शुक्ल ने भारत सरकार इस फार्मूले का की नागरिक प्रथम,सम्मान प्रथम और न्याय प्रथम का स्वागत करते हुए लिखा है की न्यायिक सुगमता का नया युग शुरू हुआ है तो ऐसे मे झारखण्ड के न्यायालय और बार भवन आधुनिक सुविधा और संसाधन से परिपूर्ण रहना चाहिए जहा न्यायिक अधिकारियो,अधिवक्ताओ और मुव्वकीलों के बैठने की व्यवस्था उत्तम से उत्तम हो ताकि इस आजादी के अमृत काल खंड में यह कानूनी सुधार हमारे कानूनी ढांचे को और अधिक प्रासंगिक बना सके और केंद्र सरकार के न्याय को प्राथमिकता का देश के लिए बनाये गए विधान को हर स्तर पर सफलता मिल सके