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एडीएल सोसायटी का विवाद चरम पर, अध्यक्ष और सचिव अपने-अपने फैसले पर अड़े, गेंद एसडीओ कोर्ट के पाले में

एडीएल सोसायटी के चुनाव का मुद्दा गर्म है और सोसायटी का आपसी विवाद चरम पर है समिति के अध्यक्ष वाई ईश्वर राव और सेक्रेटरी गुरुनाथ राव समर्थक सोसायटी के चुनाव को लेकर आमने-सामने है. कमेटी का कार्यकाल तीन वर्षों का 31 जुलाई 2025 को पूरा होना है, लेकिन दो माह पहले से अपनी डफली अपना राग शुरु है

एडीएल सोसायटी का विवाद चरम पर, अध्यक्ष और सचिव अपने-अपने फैसले पर अड़े, गेंद एसडीओ कोर्ट के पाले में

जमशेदपुर – एडीएल सोसायटी के चुनाव का मुद्दा गर्म है और सोसायटी का आपसी विवाद चरम पर है समिति के अध्यक्ष वाई ईश्वर राव और सेक्रेटरी गुरुनाथ राव समर्थक सोसायटी के चुनाव को लेकर आमने-सामने है. कमेटी का कार्यकाल तीन वर्षों का 31 जुलाई 2025 को पूरा होना है, लेकिन दो माह पहले से अपनी डफली अपना राग शुरु है. सेक्रेटरी गुरुनाथ राव ने एक ओर जहां 15 जून को चुनाव की घोषणा कर दी है वहीं अध्यक्ष वाई ईश्वर राव ने 27 जुलाई को चुनाव की घोषणा की है. मामला एसडीओ कोर्ट में पहुंच गया है. मामले पर सुनवाई 9 जून निर्धारित है.

कोई फैसला लेने के लिये अध्यक्ष ही अधिकृत : ईश्वर राव

इस संबंध में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर कमेटी के अध्यक्ष ए ईश्वर राव ने पत्रकारों को बताया की एडीएल सोसायटी के संविधान में स्पष्ट तौर पर अध्यक्ष को प्रभावी फैसले के लिए अधिकारी माना गया है। उन्होंने बताया की कमेटी का कार्यकाल 31 जुलाई को पूरा हो रहा है, और 27 जुलाई को उन्होंने चुनाव की घोषणा की है जो भी चुनाव में जीतेगा उसे कार्यभार सौंप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि चुनाव से संबंधित निर्णय के लिए अध्यक्ष की जवाबदेही है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा की जुलाई 2022 में चुनाव के कुछ माह बाद सचिव गुरुनाथ राव को बर्खास्त कर दिया गया था. कमेटी का यह सर्वसम्मत फैसला था क्योंकि गुरुनाथ राव के एकतरफा कई फैसलों की वजह से कमेटी परेशान थी. वैधानिक संकट खड़ा हो गया था. अनिर्णय की स्थिति थी. इसलिए एजीएम बुलाकर सचिव को बर्खास्त कर दिया गया. इसलिए उन्हें किसी तरह का कमेटी में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है. ऐसा अध्यक्ष वाई ईश्वर राव का दावा है.

सचिव ने सोसायटी को कई तरह के विवादों में उलझाया

खड़ी हो रही थी. नियुक्ति से लेकर डेवलपमेंट के काम में भी गुरुनाथ राव ने अडंगा खड़े किए. ईश्वर राव ने कहा कि गुरुनाथ राव के 15 जून को चुनाव कराए जाने के दावे को लेकर एसडीओ कोर्ट का उन्हें नोटिस प्राप्त हुआ है. वे एसडीओ कोर्ट में जाकर अपनी बात रखेंगे. उसके बाद एसडीओ का जैसा फैसला होगा उस पर अमल किया जाएगा. हालांकि एजीएम ही सर्वश्रेष्ठ है, एजीएम की बैठक में ही सर्वमान्य फैसला लिया जाता है.

बर्खास्त करने का अधिकार किसी को नहीं : सचिव

दूसरी ओर कथित सचिव गुरुनाथ राव ने भी संवाददाताओं से बातचीत की और कहा कि वे सचिव चुनकर आये हैं, उन्हें बर्खास्त करने का अधिकारी किसी को नहीं है. एडीएल सोसायटी के संविधान में सचिव ज्यादा प्रभावशाली है और सचिव को ही चुनाव से संबंधित फैसला लेने का अधिकार है. इसलिए वे फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं. उनके साथ कार्यकारिणी कमिटी है. एडीएल सोसायटी के सदस्यों ने तय कर लिया है कि 15 जून को ही चुनाव होगा लेकिन यह पूछे जाने पर की कमेटी का कार्यकाल कब पूरा हो रहा है गुरुनाथ राव ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और पूछने पर उखड़ गए. गुरुनाथ राव ने कहा कि उनका निर्णय सर्वोपरि है और वे एसडीओ कोर्ट में अर्जी लगा चुके हैं. एसडीओ के आदेश के बाद 15 जून के चुनाव की तारीख तय कर दी जाएगी. बल्कि उन्होंने यह दावा भी किया कि 15 जून को ही चुनाव निश्चित है. फिलहाल मामला एसडीओ कोर्ट के पाले में है. आगे निर्णय क्या होता है

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