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बकरीद जिसे ईद-उल-अधा भी कहा जाता है इस्लाम का एक महत्वपूर्ण त्योहार है

बकरीद पर मुसलमान आमतौर पर घर में बकरों,बकरियों या अन्य जानवरों की बलि देते हैं।बलिदान का मांस तीन भागों में बांटा जाता है: एक हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को दिया जाता है दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों और मित्रों के लिए रखा जाता है, और तीसरा हिस्सा परिवार के लिए सुरक्षित रखा जाता है

जमशेदपुर- बकरीद जिसे ईद-उल-अधा भी कहा जाता है इस्लाम का एक महत्वपूर्ण त्योहार है यह त्योहार कुरान में अय्यूब की कहानी से जुड़ा है जिसमें हज़रत इब्राहीम ने कुर्बानी देकर चालू किया । यह त्योहार श्रद्धा और बलिदान का प्रतीक मानी जाती है।इस दिन बिना किसी आत्मगत स्वार्थ के सेवा व आस्था का प्रदर्शन किया जाता है।बकरीद पर मुसलमान आमतौर पर घर में बकरों,बकरियों या अन्य जानवरों की बलि देते हैं।बलिदान का मांस तीन भागों में बांटा जाता है: एक हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को दिया जाता है दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों और मित्रों के लिए रखा जाता है, और तीसरा हिस्सा परिवार के लिए सुरक्षित रखा जाता है। इस प्रकार बकरीद पर सामाजिक सहयोग और सामंजस्य की भावना को बढ़ावा मिलता है।आज इसी क्रम में सोनारी परदेसीपाड़ा मस्जिद मैं शांति और सौहार्दपूर्ण तरीके से बकरीद की नमाज अदा कराने में सोनारी थाना प्रभारी कुमार सरयू आनंद और सोनारी थाना शांति समिति के सचिव सुधीर कुमार पप्पू के दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन पर सोनारी थाना शांति समिति के सभी सदस्य राहुल भट्टाचार्जी,गौतम आचार्य,दीपक यादव,सरिता लाल,हरिदास,विजय वारथा,सर्वेश कुमार एवं सोनारी थाना प्रशासनिक अधिकारी शिवम राज अधिकारियों के साथ मौजूदगी रह कर संपन्न करवाये।नमाज खत्म होने के पश्चात सभी नमाजी थाना प्रभारी एवं सचिव महोदय के साथ-साथ सभी सदस्यों से आकर मिले एवं सभी ने बकरीद की हार्दिक शुभकामनाएं आपस में साझा किया।

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