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बागबेड़ा गांधीनगर की बेटी प्रतिमा बनी जमशेदपुर की मैट्रिक परीक्षा का टॉपर, साधारण एवं गरीब परिवार की संघर्षशील बेटी ने पाई असाधारण सफलता, पूरे क्षेत्र में बजा बागबेड़ा का डंका

सामाजिक संस्था समर्पण एवं पंचायत प्रतिनिधि के टीम पहुंची प्रतिमा के घर, मेमोंटो एवं अंगवस्त्र से किए गए सम्मानित, मिठाईयां खिलाकर दी गई शुभकामनाएं

बागबेड़ा गांधीनगर की बेटी प्रतिमा बनी जमशेदपुर की मैट्रिक परीक्षा का टॉपर, साधारण एवं गरीब परिवार की संघर्षशील बेटी ने पाई असाधारण सफलता, पूरे क्षेत्र में बजा बागबेड़ा का डंका

 

सामाजिक संस्था समर्पण एवं पंचायत प्रतिनिधि के टीम पहुंची प्रतिमा के घर, मेमोंटो एवं अंगवस्त्र से किए गए सम्मानित, मिठाईयां खिलाकर दी गई शुभकामनाएं

जमशेदपुर : झारखंड एकेडमिक काउंसिल,जेएसी, जैक बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा के नतीजे में बागबेड़ा गांधीनगर में खुशियों का माहौल छा गया है। कारण था सरकारी जुगसलाई गर्ल्स हाईस्कूल की मेधावी छात्र प्रतिमा गोराई जिसने 483 अंक 96.6% अर्जित कर जमशेदपुर में टॉपर बनकर इतिहास रच दिया। एक छोटी सी स्लम बस्ती की यह बेटी अब पूरे राज्य की प्रेरणा बन गई है। सीमित संसाधनों, आर्थिक कठिनाइयां और पारिवारिक जिम्मेदारियां के बीच भी प्रतिमा ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि इरादे मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य संभव नहीं है ।
समर्पण टीम एवं पंचायत प्रतिनिधि पहुंची प्रतिमा के घर, सम्मानित कर दी शुभकामनाएं
प्रतिमा की उपलब्धियां की जानकारी मिलते ही समर्पण की टीम एवं पंचायत प्रतिनिधि उनके घर पहुंचे। प्रतिमा को मेमोंटो, अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही मिठाईयां खिलाकर खुशी का इजहार कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना भी की गई । इस मौके पर सामाजिक संस्था समर्पण के अध्यक्ष विभूति जेना, मनीष शर्मा, रिंकी, नीरज तिवारी, चंदन, सूरज,सोनु, हरप्रित,पंचायत प्रतिनिधियों में पूर्व जिला पार्षद किशोर यादव, मुखिया मायावती टुडू, पंचायत समिति सदस्य सुनील गुप्ता, पूर्व उप मुखिया हरीश कुमार, वार्ड सदस्य रीमा कुमारी, पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि नीरज सिंह उपस्थित थे।

समर्पण की टीम एवं पंचायत प्रतिनिधियों हुए भावुक

समर्पण की टीम एवं पंचायत प्रतिनिधियों के सदस्यों ने संयुक्त रूप से भावुक होते हुए कहा कि यह केवल बागबेड़ा गांधीनगर ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड के लिए गर्व ककी बात है। एक साधारण गरीब परिवार की बेटी ने कड़ी मेहनत और लगन से जो मुकाम हासिल की है। वह युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। प्रतिमा जैसी प्रतिभाओं को समय पर प्रोत्साहन और सहयोग की जरूरत है। सरकार को प्रतिमा जैसी प्रतिमाओं को आर्थिक मदद करने की भी जरूरत है
प्रतिमा की सपना साइंस की पढ़ाई
प्रतिमा के पिता कृष्ण गोराई ठेला एवं गाड़ी पर घूम-घूम कर दोसा एवं इटली बिक्री करते हैं। मां मुक्तिनाथ गोराई गृहिणी है। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है। फिर भी प्रतिमा ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और संबंधित शिक्षकों को देते हुए कहीं की मेरे माता-पिता ने हमेशा हौसला बढ़ाया और स्कूल के शिक्षक सहित रेलवे लाल बिल्डिंग स्थित पूर्व जिला पार्षद किशोर यादव के एनआईसीटी कंप्यूटर के लोगों ने मुझे हर मोड़ पर मार्गदर्शन दिया। यह सफलता उन्हीं की देन है। प्रतिमा आगे साइंस की पढ़ाई करना चाहती है और इसके लिए उन्होंने सरकार से आर्थिक सहायता की अपील की है ताकि वह बिना किसी बाधा के उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके।
*परिवार खुश पर भविष्य की चिंता कायम*
प्रतिमा के परिवार में दो बहन और दो भाई है। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। पूरा बस्ती प्रतिमा की उपलब्धियों से खुश तो है लेकिन भविष्य की शिक्षा और खर्च को लेकर चिंतित भी है।
*अनुशासन और मेहनत बनी सफलता की चाबी*
प्रतिमा ने बताया कि परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया में पूरी तरह दूरी बना ली थी और अनुशासन के साथ पढ़ाई में जुटी रही। वह उन छात्रों को भी यही संदेश देती है कि डिजिटल भटकाव से दूर रहो और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें।
*प्रेरणा की मिसाल बनी प्रतिमा*
प्रतिमा जैसी छात्राएं यह संदेश देती है कि हालात चाहे जैसे भी हो अगर सोच साफ हो और मेहनत में दम हो तो सफलताएं जरूर मिलती है। कामयाबी कदम चूमेगी।

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