प्रजापिता ब्रह्मा कुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से आज बारीडीह विजया गार्डन सेवा केंद्र शाखा के द्वारा महाशिवरात्रि (त्रिमूर्ति शिव जयंती) कार्यक्रम का शुभारंभ परमात्मा शिव की याद से किया गया
25 फरवरी 2025 को सुबह कलश यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा का शुभारंभ बारीडीह विजय गार्डन बरेली शाखा से होते हुए बजरंग चौक तक जाएगी

जमशेदपुर- प्रजापिता ब्रह्मा कुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से आज बारीडीह विजया गार्डन सेवा केंद्र शाखा के द्वारा महाशिवरात्रि (त्रिमूर्ति शिव जयंती) कार्यक्रम का शुभारंभ परमात्मा शिव की याद से किया गया। सेवा केंद्र की इंचार्ज बी.के. राजवंती बहन द्वारा ध्वजारोहण किया गया। झंडोत्तोलन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिसमें भाई- बहनों ने बड़े उमंग- उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर इस प्रोग्राम में हिस्सा लिया साथ ही साथ शिवरात्रि का जो आध्यात्मिक रहस्य है उससे परिचित करवाया गया। शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है? शिवरात्रि और नवरात्रि यह दो ही पर्व है जहां पर रात्रि शब्द का प्रयोग किया जाता है रात्रि का अर्थ है जहां पर सुबह होने वाली है वैसे ही यह कलयुगी रूपी रात में जब अत्याचार, पापचार, भ्रष्टाचार की अति हो जाती है। तभी इस अंधकार रूपी रात्रि से और विषय विकारों से मुक्त करने हेतु परमात्मा का अवतरण होता है कहा भी गया है यदा यदा ही धर्मस्य….. अर्थात जब-जब धर्म की गिलानी होती है तब- तब परमात्मा इस धरा पर अवतरित होते हैं। येही वह समय है जब परमात्मा शिव स्वयं इस धरा पर अवतरित होकर गीता ज्ञान द्वारा हमारी दिव्य बुद्धि को जागृत कर, श्रेष्ठ कर्मों की ओर हमें प्रेरित करते हैं । येही कारण है कि यह दिन विशेष दिवस महाशिवरात्रि उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। परमात्मा आकर कलयुग को सत्य में परिवर्तन करते हैं। आज के कार्यक्रम में वहां उपस्थित सभी भाई -बहनों को इसी रहस्य से परिचित करवाया गया और फिर परमात्मा पिता को भोग स्वीकार करवाकर, टीका लगाकर गीत संगीत के माध्यम से भाई बहनों द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया 25 फरवरी 2025 को सुबह कलश यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा का शुभारंभ बारीडीह विजय गार्डन बरेली शाखा से होते हुए बजरंग चौक तक जाएगी और फिर वापस बारीडीह विजय गार्डन शाखा में पहुंचेगी। कोई भी इच्छुक भाई-बहन कलश उठाना चाहते हैं तो यह अनिवार्य है कि वे हमसे (शाखा की सेवा इंचार्ज) संपर्क करें और इस पुण्य कार्य में सहभागी बने। हरिंदर बहन शिखा बहन विश्वनाथ भाई मेघनाथ भाई, संस्था के सेवादारी सदस्यों द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाया गया