साकची गुरुद्वारा प्रधान पद के लिए फार्म लेने के अंतिम दिन चार अन्य लोगों द्वारा फॉर्म लिया गया
निशान सिंह चुनाव लड़ने से पीछे हट गए हैं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा पुलिस बल भी तैनात किया गया था क्योंकि सुबह में कुछ लोगों द्वारा अशांति फैलाने की कोशिश की गई थी जिसके कारण कोई अप्रिय घटना ना हो साकची के थाना प्रभारी आनंद कुमार स्वयं साकची गुरुद्वारा पहुंचकर पूरे घटनाक्रम पर ध्यान रखे थे

साकची गुरुद्वारा प्रधान पद के लिए फार्म लेने के अंतिम दिन चार अन्य लोगों द्वारा फॉर्म लिया गया
जमशेदपुर – साकची गुरुद्वारा के प्रधान पद के चुनाव को लेकर विवाद उत्पन्न होने पर अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश के बाद सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा प्रधान पद का चुनाव करवाने के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय टीम नरेंद्र पाल सिंह अमरजीत सिंह परविंदर सिंह अमरजीत सिंह भाबरा लखविंदर सिंह निर्धारित समय पर साकची गुरुद्वारा में बैठने पर प्रधान पद के चार उम्मीदवार जोगिंदर सिंह जोगी परमजीत सिंह काले पूरन सिंह जसबीर सिंह गांधी ने 3100 रुपए देकर नामांकन पत्र प्राप्त किया
ज्ञातव्य है कि प्रधान पद के उम्मीदवार नामांकन फार्म लेने का अंतिम दिन 5 से 7 बजे तक था पांच सदस्यीय टीम ने बताया कि नामांकन पत्र 6 लोगों द्वारा लिया गया है इसके पूर्व हरविंदर सिंह मंटू एवं देवेंद्र सिंह मारवा नामांकन पत्र ले चुके हैं अब 2 जून को फार्म जमा करने का समय शाम 5 से 7 बजे तक निर्धारित किया गया है 4 जून को दिन के 11 बजे धार्मिक जांच परीक्षा होगी और शाम 5 से 6 बजे तक जांच में पास उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकते हैं उसके बाद बचे उम्मीदवारों की जानकारी सार्वजनिक करते हुए उन्हें वोटर लिस्ट सौंप दी जाएगी वोटर लिस्ट में आपसी सहमति बनाने के बाद उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जाएगा और उम्मीदवारों की सहमति से चुनाव की तारीख की घोषणा की जाएगी
आज की उल्लेखनीय घटना यह भी रही की साकची गुरुद्वारा के वर्तमान कार्यकारी प्रधान निशान सिंह ने नामांकन पत्र नहीं लिया है और उनके गुट के दो पदाधिकारी परमजीत सिंह काले एवं जसवीर सिंह गांधी ने नामांकन पत्र लिया है इससे यह तय हो गया कि निशान सिंह चुनाव लड़ने से पीछे हट गए हैं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा पुलिस बल भी तैनात किया गया था क्योंकि सुबह में कुछ लोगों द्वारा अशांति फैलाने की कोशिश की गई थी जिसके कारण कोई अप्रिय घटना ना हो साकची के थाना प्रभारी आनंद कुमार स्वयं साकची गुरुद्वारा पहुंचकर पूरे घटनाक्रम पर ध्यान रखे थे