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सीएसआईआर-एनएमएल और एक्सआईटीई गम्हरिया द्वारा सीएसआईआर–आईआईआईएम जम्मू में लेमनग्रास की खेती और तेल निष्कर्षण पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

सीएसआईआर–राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (सीएसआईआर–एनएमएल), जमशेदपुर ने ज़ेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ ट्राइबल एजुकेशन (एक्सआईटीई), गम्हरिया के सहयोग से, ग्रामीणों के लिए "लेमनग्रास की खेती और तेल निष्कर्षण" विषय पर एक पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन अगस्त 2025 से सीएसआईआर–इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (सीएसआईआर–आईआईआईएम), जम्मू में किया

सीएसआईआर-एनएमएल और एक्सआईटीई गम्हरिया द्वारा सीएसआईआर–आईआईआईएम जम्मू में लेमनग्रास की खेती और तेल निष्कर्षण पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

जमशेदपुर- सीएसआईआर–राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (सीएसआईआर–एनएमएल), जमशेदपुर ने ज़ेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ ट्राइबल एजुकेशन (एक्सआईटीई), गम्हरिया के सहयोग से, ग्रामीणों के लिए “लेमनग्रास की खेती और तेल निष्कर्षण” विषय पर एक पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन अगस्त 2025 से सीएसआईआर–इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (सीएसआईआर–आईआईआईएम), जम्मू में किया

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा प्रायोजित विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार हब (एसटीआई हब) परियोजना के अंतर्गत आयोजित किया गया। इस पहल का उद्देश्य वैकल्पिक खेती विधियों के माध्यम से सतत आजीविका को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से औषधीय और सुगंधित पौधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए

झारखंड के सात चयनित गांवों — जैसे बसाहातू, पताहातू, सोनरो, पोरलोंग आदि — से आए ग्रामीणों ने इस प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रशिक्षण सत्रों को इस तरह तैयार किया गया था कि प्रतिभागियों को लेमनग्रास की खेती की तकनीक, खेत प्रबंधन, कटाई की विधियाँ और डिस्टिलेशन के माध्यम से आवश्यक तेल निकालने की प्रक्रिया की व्यवहारिक जानकारी प्राप्त हो सके।

प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में, प्रतिभागियों को उनके गांवों में खेती के लिए लेमनग्रास के नमूने प्रदान किए गए, ताकि वे इस ज्ञान को व्यवहार में उतार सकें और इस पद्धति को दीर्घकालिक रूप से अपनाएं।

इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों को एक वैकल्पिक और टिकाऊ आय स्रोत उपलब्ध कराना है, साथ ही स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए मूल्य संवर्धित उत्पादों को बढ़ावा देना है।

सीएसआईआर–एनएमएल और एक्सआईटीई गम्हरिया ने इस कार्यक्रम के लिए संस्थागत समर्थन और अधोसंरचना उपलब्ध कराने हेतु सीएसआईआर–आईआईआईएम जम्मू का हार्दिक आभार व्यक्त किया। आयोजकों ने इस बात पर बल दिया कि इस प्रकार की पहलें न केवल ग्रामीण आबादी के लिए आजीविका के अवसरों को बढ़ाती हैं, बल्कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज के बीच की कड़ी को भी मजबूत करती हैं।

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