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तुलसी भवन बिष्टुपुर के चित्रकूट कक्ष में साहित्य और कला की महक बिखेरते हुए निनाद द्वारा आयोजित काव्य संध्या “मनस्वर” का भव्य शुभारंभ हुआ

दीप प्रज्वलन मुख्य अतिथि कुणाल षाडंगी, विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रसेनजित तिवारी एवं दिव्येन्दु त्रिपाठी, साथ ही निनाद की संस्थापक पूनम महानन्द और सह-संस्थापक श्री निशांत सिंह ने संयुक्त रूप से किया

जमशेदपुर- तुलसी भवन बिष्टुपुर के चित्रकूट कक्ष में साहित्य और कला की महक बिखेरते हुए निनाद द्वारा आयोजित काव्य संध्या “मनस्वर” का भव्य शुभारंभ हुआ।

दीप प्रज्वलन मुख्य अतिथि कुणाल षाडंगी, विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रसेनजित तिवारी एवं दिव्येन्दु त्रिपाठी, साथ ही निनाद की संस्थापक पूनम महानन्द और सह-संस्थापक निशांत सिंह ने संयुक्त रूप से किया
कार्यक्रम का संचालन पूनम महानन्द ने गरिमापूर्ण ढंग से किया, जबकि स्वागत भाषण श्री निशांत सिंह ने अपनी सशक्त कविता के माध्यम से प्रस्तुत कर माहौल को साहित्यिक ऊष्मा से भर दिया

शाम को और भी यादगार बनाने वाले कवियों और कवयित्रियों में क्षमा, शुभम, तसनीम, पूजा, मनीष, आरती, हृदयांश, वीणा, विद्या एवं सुनील शामिल रहे, जिन्होंने अपनी सशक्त काव्य प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया
कार्यक्रम में भारत, अंजान मुसाफ़िर, द्रौपदी, तुम सुनोगे क्या, प्रसव पीड़ा और ईश्वर जैसी रचनाएँ पढ़ी गईं।

विशेष आकर्षण रहे चंद्र मोहन सोरेन उर्फ़ The Dark Voice, जिन्होंने अपनी अनूठी प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने शिव तांडव स्तोत्र और फ्लूट के साथ जबर्दस्त बीटबॉक्सिंग से कार्यक्रम की शुरुआत की जबकि समापन ऐगिरी नंदिनी पर लाजवाब बीटबॉक्सिंग के साथ कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं, जय कुमार शाही की हास्य प्रस्तुति ने वातावरण को हल्का-फुल्का और आनंदमय बना दिया। उनके तीखे व्यंग्य और सहज शैली ने दर्शकों को ठहाकों पर मजबूर कर दिया। उनकी अभिव्यक्ति में लोकभाषा का ऐसा सम्मिश्रण था जिसने हर आयु वर्ग के श्रोताओं का दिल जीत लिया और कार्यक्रम को यादगार रंगत दी।
कार्यक्रम की सफलता में उपासना सिन्हा, मनुश्री दुबे, हेमलता दुबे, दीपक कामथ, खुशबू कुमारी सहित निनाद की पूरी टीम एवं तुलसी भवन परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कार्यक्रम के दौरान जब मुख्य अतिथि कुणाल षाडंगी ने अपने लिखे शेर सुनाए तो पूरा चित्रकूट कक्ष तालियों से गूंज उठा।
अतिथियों ने साहित्य प्रेमियों की भारी भीड़ देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और निनाद को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।
इस आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि जमशेदपुर साहित्य और कला की मिट्टी में गहरी जड़ें रखता है।

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