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शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं प्लेसमेंट सेल, ग्रेजुएट महाविद्यालय, जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 29 अगस्त 2025 को प्रतियोगी परीक्षा प्रकल्प के अंतर्गत “प्रतियोगी परीक्षा एवं मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर एक प्रेरणादायक एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमती अंकिता उपस्थित थीं, जिन्होंने हाल ही में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की मुख्य परीक्षा में 30वां स्थान प्राप्त कर संस्था को गौरवान्वित किया है उनके अतिरिक्त, डॉ. सुरुचि, पीएच.डी. (एन.आई.टी. जमशेदपुर) जिन्होंने "वेस्ट रिसाइक्लिंग" विषय पर शोध किया है और एक सर्टिफाइड करियर काउंसलर भी हैं, ने भी छात्राओं को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया

जमशेदपुर- शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं प्लेसमेंट सेल, ग्रेजुएट महाविद्यालय, जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 29 अगस्त 2025 को प्रतियोगी परीक्षा प्रकल्प के अंतर्गत “प्रतियोगी परीक्षा एवं मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर एक प्रेरणादायक एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमती अंकिता उपस्थित थीं, जिन्होंने हाल ही में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की मुख्य परीक्षा में 30वां स्थान प्राप्त कर संस्था को गौरवान्वित किया है उनके अतिरिक्त, डॉ. सुरुचि, पीएच.डी. (एन.आई.टी. जमशेदपुर) जिन्होंने “वेस्ट रिसाइक्लिंग” विषय पर शोध किया है और एक सर्टिफाइड करियर काउंसलर भी हैं, ने भी छात्राओं को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया।

इस अवसर पर डॉ. कविता परमार, विभाग संयोजिका, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, जमशेदपुर विभाग एवं वर्तमान में जिला परिषद सदस्य, बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाते हुए महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्या श्रीमती डौरिस दास भी मंच पर उपस्थित थीं।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या के स्वागत भाषण से हुआ। तत्पश्चात डॉ. कविता परमार ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की स्थापना, उद्देश्यों एवं अब तक की यात्रा पर प्रकाश डाला।

मुख्य वक्ता श्रीमती अंकिता ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में आने वाली चुनौतियों और उनसे जूझने के अपने अनुभव को साझा करते हुए छात्राओं को आत्मविश्वास के साथ निरंतर प्रयास करते रहने की प्रेरणा दी।

डॉ. सुरुचि ने विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर बल देते हुए बताया कि किस प्रकार परीक्षा की तैयारी के दौरान मानसिक संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों को तनाव प्रबंधन, समय-निर्धारण और सकारात्मक सोच को विकसित करने के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए।

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. अर्चना सिन्हा द्वारा किया गया, जबकि संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन डॉ. रागिनी भूषण, संयोजिका, शिक्षा में स्वायत्तता शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन अमर नाथ द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों की लगभग 150 छात्राएं उपस्थित रहीं। साथ ही, डॉ. मुदिता चंद्रा, डॉ. लाडली कुमारी, डॉ. लक्ष्मी जा, डॉ. संगीता, डॉ. संगिता, डॉ. नुपुर रॉय, डॉ. ज्योति, डॉ. सायंतनी बनर्जी एवं डॉ राकेश पाण्डेय सहित महाविद्यालय की अन्य शिक्षिकाएं भी उपस्थित थीं।

कार्यक्रम अत्यंत सफल एवं प्रेरणास्पद रहा, जिससे छात्राओं को न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश मिले।

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