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इंटक की संस्था इंडियन नेशनल स्टील मेटल, मेटल माइंस एंड इंजीनियरिंग इम्पलाईज फेडरेशन के दो दिवसीय बैठक की शुरुआत माईकल जान आडिटोरियम बिष्टुपुर में हुई

इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी ने कहा कि यूनियनों में एक जुटता जरुरी है

इंटक की संस्था इंडियन नेशनल स्टील मेटल, मेटल माइंस एंड इंजीनियरिंग इम्पलाईज फेडरेशन के दो दिवसीय बैठक की शुरुआत माईकल जान आडिटोरियम बिष्टुपुर में हुई

इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी ने कहा कि यूनियनों में एक जुटता जरुरी है

जमशेदपुर- इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी ने अपने संबोधन में कहा कि सभी यूनियन एक जुटता के साथ इंटक को और अधिक ताकतवर बनाएं जिससे हमलोग प्रबंधन और सरकार से मजदूरों के अधिकार के लिए लडाई लड सकें उन्होंने ने कहा कि ट्रेड यूनियन में एक जुटता की कमी है जिससे हम कहीं न कहीं कमजोर पड़ रहे हैं इसे वे हरसंभव मिटाने का प्रयास कर रहे हैं उन्होंने कहा इंटक के पास फंड की कमी नहीं है अभी भी तीस करोड़ रुपये का फंड है जिसका जहां भी सदुपयोग की जरूरत होगी किया जाएगा

मेटल फेडरेशन की बैठक में नए नाम पर लगी मुहर

इंडियन नेशनल मेटल फेडरेशन का नाम बदलकर इंडियन नेशनल स्टील, मेटल, मेटल माइंस एंड इंजीनियरिंग इंप्लाईज फेडरेशन कर दिया गया है। यह प्रस्ताव फेडरेशन की 25अगस्त 2021 को हैदराबाद में हुई बैठक में पेश किया गया था। फेडरेशन के महासचिव रघुनाथ पांडेय ने उस बैठक में संविधान में किए गए संशोधन समेत कार्य विवरण को पढ़कर सुनाया जिसे सदस्यों ने सर्वसम्मति से हाथ उठाकर पारित कर दिया। उन्होंने कहा कि नए नाम को पंजीकृत कराने के लिए प्रक्रिया की जा रही है। वर्तमान में फेडरेशन की कार्यकारिणी में 209 सदस्य हैं। कोषाध्यक्ष सतीश कुमार सिंह ने लेखजोखा पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2024-25 में 4 लाख 35 हजार 26 रूपये की आमदनी हुई जबकि 3.35 लाख रूपये खर्च हुए। शेष 95026 रूपये बचे हैं इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने कहा कि आज इंटक देश की सबसे बड़ी मजदूर संगठन है जिसकी सदस्य संख्या 3.5 करोड़ है। आज संजीवा रेड्डी के नेतृत्व में कोष शून्य से 30 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। आज बीएमएस भी संजीवा रेड्डी के नेतृत्व और सिद्धांत को मानता है। हम केंद्रीय श्रम नीति के खिलाफ संजीवा रेड्डी के नेतृत्व में लड़ रहे हैं। विशाखापत्तनम स्टील के इंटक नेता राजशेखर मंत्री ने इशारों में कह दी बड़ी बात विशाखापत्तनम स्टील कंपनी यूनियन के महामंत्री राजशेखर मंत्री ने बैठक में एक इशारे में बड़ी बात कहते हुए कहा कि टाटा स्टील में भी ठेका मजदूरों की संख्या दिनोंदिन लगातार बढ़ रही है। स्थायी मजदूरों की संख्या कम हो रही है। उन्होंने टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे भी इस बात को जान रहे हैं। उन्होंने कहा कि देशभर की कंपनियों में यह स्थिति बनी हुई है।

एक कंपनी में कई यूनियनों का होना सबसे बड़ी कमजोरी: जी संजीवा रेड्डी

आईएनएसएमएम एंड ईईएफ की राष्ट्रीय बैठक में बोले इंटक अध्यक्ष मजदूरों के बीच मतभेद का लाभ प्रबंधन उठाता है मजदूर संगठन कमजोर है। इसका कारण एक कंपनी में एक से अधिक यूनियनों का होना है। मालिक और प्रबंधन मजदूरों के इसी मतभेद का पूरा लाभ उठाते हैं। हममें एकता नहीं है परिणामस्वरूप हम प्रबंधन के समक्ष झुक जाते हैं हम लड़ने वाली यूनियन लड़ना छोड़ दिये। मजदूरों के अंदर यह कैंसर है। इसलिए ठेका मजदूरों की संख्या बढ़ रहे हैं। इसके लिए हमें संगठित होना होगा सरकार से मालिक से बात करना चाहते हैं बात हो रही है। यह बात इंटक और स्टील, मेटल, मेटल माइंस एंड इंजीनियरिंग इंप्लाईज फेडरेशन (आईएनएसएमएम एंड ईईएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी ने आज आईएनएसएमएम एंड ईईएफ की बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि ठेका मजदूरों से कंपनी चल रही है। ठेका मजदूर कम पैसा में काम करते हैं। इससे कंपनी का मुनाफा बढ़ता है। सभी यूनियनों के साथ लड़ने से रास्ता निकलेगा। आपसी फूट रूपी कैंसर का ऑपरेशन जरूरी है। हम इस दिशा में सफल भी हो रहे हैं। बीएमएस को छोड़कर सीटू, एटक समेत सभी ट्रेड यूनियन एक मंच पर आ रहे हैं। हम सरकार से बात भी कर रहे हैं। हम ठेका मजदूरों की समस्याओं का भी निदान चाहते हैं। ठेका मजदूरों को स्थायी प्रकृति के जॉब पर नहीं रखे। ठेका मजदूरों का कैसे स्थायी करण हो इसपर बात कर रहे हैं। उन्होंने सभी से आहवान किया कि सभी इकट्ठा हो, झगड़ा छोड़े, इंटक को ताकतवर बनाइए। हम दूसरे क्षेत्र के भी मजदूरों को जोड़ रहे हैं।

श्री रेड्डी ने कहा कि ट्रेड यूनियन में एक जुटता लाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें काफी हद तक हमें कामयाबी मिली है और कुछ जगहों पर नहीं मिली है जब हम आपस में एक जुट रहेगें तभी हम मजबूत होगें इसलिए सभी लोग आपस में लडने के बदले एक जुटता बनाने की कोशिश करें
उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतांतर के कारण की वजह से एक जुटता नहीं बन पा रही है उन्होंने फेडरेशन से जुड़े सभी लोगों से अपील की कि वे आपस में एक जुट रहें और इंटक की ताकत को अधिक मजबूत करें उन्होंने कहा कि आज एक कंपनी में एक से चार युनियन हैं जिसका फायदा प्रबंधन उठा रही है सभी ट्रेड यूनियन से चाहिए की वे एक मंच पर रहें उन्होंने कहा कि आज ठेका मजदूरों की स्थिति दयनीय बनी हुई है प्रबंधन स्थायी मजदूरों से कम वेतन देकर उनसे अधिक काम ले रही है जिससे उनका शोषण हो रहा है
इंटक का प्रयास है कि कंपनियों में ठेका मजदुरों का स्थायी करण कर उनसे काम कराया जाय उन्होंने ने कहा कि आज जो संगठित मजदूर हैं उन्हें उनका काफी हद तक अधिकार मिल रहा है लेकिन असंगठित मजदूरों का खुलकर शोषण हो रहा है इंटक उनकी इस दयनीय स्थिति को ठीक करने का हर संभव प्रयास कर रही है उन्होंने कहा कि इस कैंसर रुपी राेग को हल करने के लिए ठेका मजदूरों के अधिकार के लिए लडने की जरूरत है एक तरह से कहा जाए तो ठेका मजदूरों को लुटने काम किया जा रहा है
इंटक इस मामले पर प्रबंधन से मिलकर बात करना चाहती है उन्होंने कहा कि सरकार के पास ठेका मजदूरों को लेकर कोई विचार नहीं है इंटक कंपनियों में हो या छोटी छोटी संस्थाएं वहां काम करने वाले मजदूरों को संगठित करने का प्रयास कर रही है मजदूर नेताओं के पास जो मतभेद है उसे दूर करें उन्होंने फेडरेशन से जुड़े लोगों से अपील की कि इंटक की ओर से इंडियन वर्कर पेपर प्रकाशित किया जा रहा है जिसका वे सदस्य बने और देश और दुनिया में किया हो रहा है इसे पढकर जानकारी लें उन्होंने कहा कि इंटक की ताकत मजदूर है इसलिए उनकी समस्याओं का समाधान कराने का काम करें
इसके पहले कटिहार के सांसद तारिक अनवर ने कहा कि देश के विकास में मजदूरों की अहम भूमिका है। लेकिन सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के कारण इनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। सांसद ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। बेरोजगारी की समस्या दिनोंदिन बढ़ रही है।संगठित क्षेत्र के मजदूरों की स्थिति कुछ हद तक ठीक है पर असंगठित (अप्रवासी) मजदूरों की स्थिति दयनीय है झारखंड, बिहार के लाखों असंगठित क्षेत्र के मजदूर इस दंश को झेल रहे हैं। मैं उचित फोरम पर इस मुद्दे को लगातार उठाता हूं और आगे भी इसके लिए पहल करुंगा। सांसद ने कहा कि इंटक मजदूर हितों की रक्षा के लिए लगातार काम कर रहा है। मजदूरों के समाजिक, आर्थिक स्तर को ऊंचा करने के लिए प्रयासरत है। इंटक मजदूरों के लिए सुरक्षित कार्य पद्धति, उचित मजदूरी, पेंशन, बीमा, स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे मुद्दे पर काम कर रहा है। इस दिशा में अभी और काम करने की जरूरत है। इंटक स्वतंत्रता संग्राम का भी हिस्सा रहा है और औद्योगिक शांति के साथ विकास चाहता है। इसलिए इंटक हड़ताल के रास्ते नहीं वार्ता के जरिए समस्याओं के समाधान के लिए पहल करता है। सांसद ने इंटक के अंतरराष्ट्रीय मंच पर सशक्त ढंग से मजदूरों की समस्या उठाने के लिए डाॅ. जी संजीवा रेड्डी का सराहना किया और कहा कि उम्र के इस पड़ाव में मजदूरों के प्रति उनके जज्बा को देख काम करने का उत्साह बढ़ जाता है कार्यक्रम का संचालन फेडरेशन के महासचिव एवं जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय ने किया। उन्होंने फेडरेशन के संविधान में संशोधन के बारे में जानकारी भी दिया जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
बैठक को इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय, कोषाध्यक्ष सतीश सिंह, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टाटा मोटर्स यूनियन के अध्यक्ष आर के सिंह आदि ने भी संबोधित किया

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