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दलमा में कांवरियों से प्रवेश शुल्क पर विवाद गहराया, भाजपा और झामुमो आमने-सामने

जमशेदपुर के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक को लेकर पैसे लिए जाने को लेकर विवाद बढ़ गया है

दलमा में कांवरियों से प्रवेश शुल्क पर विवाद गहराया, भाजपा और झामुमो आमने-सामने डीएफओ ने दी सफाई

जमशेदपुर के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक को लेकर पैसे लिए जाने को लेकर विवाद बढ़ गया है

जमशेदपुर- जमशेदपुर के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में पहाड़ी पर मौजूद शिवलिंग (दलमा बाबा ) पर जलार्पण करने वाले भक्तों से प्रवेश शुल्क वसूली का मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है

भाजपा ने इसे जजिया टैक्स बताया है जबकि जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम का कहना है कि यह व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है. विवाद बढ़ने पर झामुमो के विधायक मंगल कालिंदी ने घोषणा कर दी है कि पैदल कांवरियों का प्रवेश शुल्क खुद वहन करेंगे
पूर्व की तुलना में कम किया गया है प्रवेश शुल्क- डीएफओ
दरअसल दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में एलीफेंट प्रोजेक्ट चलता है यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है डीएफओ सबा आलम ने न्यू झारखंड वाणी संवाददाता को एक भेंट में बताया कि दलमा में पहाड़ी पर भगवान शिव का मंदिर है वहां जलार्पण के लिए सावन माह में बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. पुरानी व्यवस्था के तहत चार पहिया, तीन पहिया, दो पहिया और पैदल आने वाले लोगों से अलग अलग प्रवेश शुल्क लिया जाता है

इस बार से जनहित में प्रवेश शुल्क को बहुत कम कर दिया गया है. अब चार पहिया वाहन से ₹600 की जगह डेढ़ सौ रुपये, तीन पहिया से ₹400 की जगह ₹100 और पैदल आने वाले श्रद्धालुओं से ₹10 की जगह ₹5 का शुल्क लिया जा रहा है साथ ही बाइक से आने वाले श्रद्धालुओं को पहली बार एंट्री की छूट दी गई है. प्रति बाइक से ₹50 रु प्रवेश शुल्क लिया जाता है

उन्होंने कहा कि पता नहीं किसने अफवाह फैला दी कि श्रद्धालुओं से वसूली की जा रही है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सेवा और सुरक्षा में वन विभाग के 60 से 70 कर्मचारी लगे हुए हैं श्रद्धालुओं के लिए टेंट के साथ-साथ साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है. उनको पानी भी मुहैया कराया जाता है
पैदल कांवरियों का प्रवेश शुल्क वहन करेंगे झामुमो विधायक
श्रद्धालुओं से प्रवेश शुल्क वसूली का मामला तूल पकड़ने पर जुगसलाई विधानसभा झामुमो के विधायक मंगल कालिंदी ने डीएफओ से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि यह एक पुरानी व्यवस्था है दलमा प्रोजेक्ट को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर चलाती है
फिर भी उन्होंने घोषणा की है कि पैदल कांवरियों के नाम पर जितनी भी पर्ची कटेगी, उस राशि को वे अपनी सैलरी से देंगे. उन्होंने कहा कि दलमा बाबा के प्रति लोगों की असीम आस्था है. वह चाहते हैं कि तिरुपति बालाजी की तर्ज पर उस मंदिर की व्यवस्था को भी विकसित किया जाए. इसको लेकर एक बार मुआयना हो चुका है श्री कालिंदी ने कहा कि आस्था के मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए

कांवरियों पर लगने वाला ‘जजिया’ टैक्स बंद हो – भाजपा

भाजपा के पूर्व जिला मिडिया प्रभारी अंकित आनंद ने इस मुद्दे को सबसे पहले टिवटर पर उठाते हुए वन विभाग के निर्णय को तुगलकी फरमान बताया उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम से इस अमानवीय आदेश को अविलंब रद्द करने की मांग की है

इधर झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि हेमंत सरकार ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए सावन महीने में दलमा पहाड़ पर स्थित भोले बाबा के प्राचीन मंदिर में पैदल जाने वाले लोगों पर भी टैक्स लगा दिया है. विभाग ने इसका विधिवत नोटिस भी जारी किया है. नोटिस में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि सावन के महीने को देखते हुए ये शुल्क लगाया जा रहा है. प्रतुल ने कहा कि डीएफओ सबा आलम इसे उचित कदम भी बता रहे हैं और इसको सही ठहरा रहे हैं.

हजारों फीट की ऊंचाई पर स्थित दलमा बाबा का शिव मंदिर बिहार, झारखंड ,बंगाल और ओडिशा के लाखों श्रद्धालुओं के लिए सावन में आस्था का केंद्र होता है. पैदल चलने वालों पर भी सावन के महीने में सरकार ने टैक्स लगाकर अपने तुष्टिकरण की नीति दिखा दी है. प्रतुल ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह अविलंब इस तुगलकी फरमान को वापस ले वरना सनातनी सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे

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