मेडिकल साइंस में दवाएं केवल दर्द निवारण और संक्रमण से बचाव के लिए हैं, इससे आगे नहीं। असली इलाज प्रकृति में है
बी.वी. चौहान की शिक्षाओं से अब लोगों में सीखने की तीव्र इच्छा प्रकट हो रही है। वे संकल्प ले रहे हैं कि वे इस सम्पूर्ण प्राकृतिक आहार प्रणाली को अपनाएँगे और स्वयं को पूर्णतः स्वस्थ बनाएँगे। साथ ही वे इस सच को समाज में भी पहुँचाने के लिए तैयार हैं

जमशेदपुर- आज प्राकृतिक अपक्व आहार शिविर का तीसरा दिन था और प्रतिभागियों में ऊर्जा और उत्साह देखते ही बन रहा था। अब लोग इस नए आहार पद्धति को पूरी तरह से स्वीकार कर चुके हैं और इसकी गहराई में जाकर जीवन को स्वस्थ बनाने की दिशा में अग्रसर हो चुके हैं
इसी बीच शिविर में एक अत्यंत सम्माननीय लेकिन सहज व्यक्तित्व डॉ. एच. साहनी जी की उपस्थिति ने सभी को प्रेरित किया। डॉ. साहनी वर्तमान में टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (टीएमएच) में रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। वे एमबीबीएस गोल्ड मेडलिस्ट हैं, MD, DNB, DB (Radiology) की उपाधियाँ प्राप्त हैं। AFMC मेरिट में पास कर भारतीय वायुसेना में 25 वर्षों तक सेवा दी और मार्च 2024 में मेजर जनरल पद से सेवानिवृत्त हुए
उन्होंने कहा कि शरीर के पास स्वयं को ठीक करने की अद्भुत शक्ति है और इसके लिए प्राकृतिक आहार सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रकृति ने हमें हर चीज़ दी है, पकाने की ज़रूरत नहीं है। मेडिकल साइंस में दवाएं केवल दर्द निवारण और संक्रमण से बचाव के लिए हैं, इससे आगे नहीं। असली इलाज प्रकृति में है।
उनकी बातों से शिविर में उपस्थित लोग अत्यंत प्रभावित हुए और उनके समय देने के लिए आभार प्रकट किया।
बी.वी. चौहान की शिक्षाओं से अब लोगों में सीखने की तीव्र इच्छा प्रकट हो रही है। वे संकल्प ले रहे हैं कि वे इस सम्पूर्ण प्राकृतिक आहार प्रणाली को अपनाएँगे और स्वयं को पूर्णतः स्वस्थ बनाएँगे। साथ ही वे इस सच को समाज में भी पहुँचाने के लिए तैयार हैं।
बी.वी. चौहान जी ने कहा कि अगर कोई सम्पूर्ण प्राकृतिक आहार प्रणाला का अपनाएँगे और स्वयं को पूर्णतः स्वस्थ बनाएँगे। साथ ही वे इस सच को समाज में भी पहुँचाने के लिए तैयार हैं। बी.वी. चौहान ने कहा कि ्अ््अ अगर कोई व्यक्ति कैंसर, किडनी जैसी गंभीर बीमारी से ठीक होना चाहता है तो उसे मीरा जैसी श्रद्धा और समर्पण चाहिए। लोग पूछते हैं कि क्या मेरे लिए अलग इलाज है? मैं हमेशा कहता हूँ यह सब शरीर में जमा विषाक्तता को दूर करने की प्रक्रिया है उन्होंने एक प्रेरणादायक उदाहरण साझा किया – एक व्यक्ति जिसका वजन 156 किलोग्राम था, उसे नज़र नहीं आता था, डायबिटीज़, बीपी जैसी अनेक समस्याएँ थीं और चोट के कारण डॉक्टरों ने उसका पैर काटने की सलाह दी थी। फिर उसने चौहान जी से संपर्क किया और नेचुरल डाइट सिस्टम अपनाया। मात्र 6 महीनों में उसका वजन 98 किलो कम हो गया, दृष्टि वापस आ गई और डॉक्टरों ने पैर काटने की योजना रद्द कर दी। ऐसे हज़ारों उदाहरण हैं
अंजू दीदी कोल्हान क्षेत्र की ब्रह्माकुमारीज़ निदेशिका ने सभी को आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर किया उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि हम ईश्वर के घर से आए हैं और हमें वहीं वापस जाना है लेकिन केवल शरीर छोड़ने से आत्मा ईश्वर के पास नहीं पहुँचती उसके लिए हमें अपने कर्मों को पवित्र करना होगा और परमात्मा से योग (ध्यान) के माध्यम से जुड़ना होगा बी.वी. चौहान ने कहा बीमारी का कोई अलग इलाज नहीं है, सब भोजन पर निर्भर है। जो भी शरीर में रुक गया है
वही बीमारी बनता है। जैसे गाड़ी में ईंधन रुक जाए वैसे ही शरीर में भी रुकावट बीमारी लाती है
जमशेदपुर वासियों से आग्रह है कि शिविर के आगामी दो दिनों में अवश्य भाग लें और अपने शरीर और आत्मा को स्वस्थ एवं प्रकाशमय बनाएं