टाटा स्टील ने कलिंगानगर प्लांट में आउटबाउंड लॉजिस्टिक्स की सभी तीन शिफ्टों में महिला कार्यबल की तैनाती की
दिसंबर 2024 में उठाए गए उस ऐतिहासिक कदम को आगे बढ़ाते हुए, जब नोआमुंडी आयरन माइंस में देश की पहली पूर्ण महिला शिफ्ट शुरू की गई थी इस वर्ष टाटा स्टील अपने प्रमुख विविधता समानता और समावेशन (DEI) कार्यक्रम मोजैक की गौरवशाली दसवीं वर्षगांठ मना रही है

टाटा स्टील ने कलिंगानगर प्लांट में आउटबाउंड लॉजिस्टिक्स की सभी तीन शिफ्टों में महिला कार्यबल की तैनाती की
दिसंबर 2024 में उठाए गए उस ऐतिहासिक कदम को आगे बढ़ाते हुए, जब नोआमुंडी आयरन माइंस में देश की पहली पूर्ण महिला शिफ्ट शुरू की गई थी इस वर्ष टाटा स्टील अपने प्रमुख विविधता समानता और समावेशन (DEI) कार्यक्रम मोजैक की गौरवशाली दसवीं वर्षगांठ मना रही है
मुंबई- टाटा स्टील ने ओडिशा स्थित अपने कलिंगानगर प्लांट के आउटबाउंड लॉजिस्टिक्स विभाग में सभी तीन शिफ्टों में महिला कर्मचारियों की सफल तैनाती की है। यह उपलब्धि औद्योगिक परिचालन में लैंगिक समानता की दिशा में कंपनी की यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है — एक ऐसा क्षेत्र जो पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान माना जाता रहा है
जनवरी 2025 में, टाटा स्टील कलिंगानगर ने 2023 बैच से 39 ट्रेड अपरेंटिस का स्वागत किया, जिनमें से 26 महिलाएँ थीं। इनमें से 18 को आउटबाउंड लॉजिस्टिक्स विभाग में शामिल किया गया और उन्हें सुरक्षा, गुणवत्ता, डिस्पैच प्रक्रियाएँ, इन्वेंट्री प्रबंधन और डिजिटल टूल्स से संबंधित कठोर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उनके ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में कक्षा आधारित सत्रों के साथ-साथ ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग भी शामिल थी, जिससे वे फील्ड और सिस्टम-आधारित भूमिकाओं के लिए तैयार हो सकें।
करमवीर सिंह, जेनरल मैनेजर (ऑपरेशन्स), टाटा स्टील कलिंगानगर ने कहा: “खनन, लॉजिस्टिक्स और सभी शिफ्टों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी कार्यस्थल पर समानता और समावेशिता को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, विशेषकर विनिर्माण क्षेत्र में। तकनीकी प्रगति ने उन जिम्मेदारियों में महिलाओं के लिए समान अवसर पैदा किए हैं, जिन्हें अब तक पुरुष-प्रधान माना जाता था। सबसे प्रेरणादायक बात यह है कि महिलाएँ इन अवसरों को न सिर्फ अपना रही हैं, बल्कि उत्कृष्ट प्रदर्शन भी कर रही हैं। यह उपलब्धि हमारे लिए गर्व का विषय है और हम आगे भी महिलाओं की प्रतिनिधित्व को और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।”
सितंबर 2019 में, टाटा स्टील भारत की पहली कंपनी बनी जिसने नोआमुंडी माइन में सभी शिफ्टों में महिला माइनिंग इंजीनियरों की तैनाती की। वित्त वर्ष 2024-25 में, कंपनी ने एक समावेशी और न्यायसंगत कार्यस्थल बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया और कई उल्लेखनीय पहलें शुरू कीं। इनमें सबसे बड़ा मील का पत्थर था नोआमुंडी आयरन माइंस में देश की पहली पूर्ण महिला शिफ्ट की शुरुआत, जो ‘विमेन@माइंस’ और ‘तेजस्विनी’ जैसे कार्यक्रमों की सफलता पर आधारित थी। इसके साथ ही, ‘ फ्लेम्स ऑफ चेंज’ पहल के तहत टाटा स्टील ने महिला फायरफाइटर प्रशिक्षुओं को शामिल किया और भारत के इस्पात क्षेत्र की पहली पूर्ण महिला फायरफाइटिंग टीम का गठन कर एक नया इतिहास रचा।