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मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल अपने स्वर्ण जयंती वर्ष (6-7 सितम्बर, 2025) में ऐतिहासिक प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी कांफ्रेंस की मेज़बानी करेगा प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी कांफ्रेंस: कैंसर उपचार में नये अध्याय का शुभारंभ

स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत, एमटीएमएच ताज विवांता, गोलमुरी में डेढ़ दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जो प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में हालिया प्रगति पर केंद्रित होगा

मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल अपने स्वर्ण जयंती वर्ष (6-7 सितम्बर, 2025) में ऐतिहासिक प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी कांफ्रेंस की मेज़बानी करेगा
प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी कांफ्रेंस: कैंसर उपचार में नये अध्याय का शुभारंभ

स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत, एमटीएमएच ताज विवांता, गोलमुरी में डेढ़ दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जो प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में हालिया प्रगति पर केंद्रित होगा।

सम्मेलन का शुभारंभ 6 सितम्बर 2025 को सुबह 9:30 बजे होगा और इसका समापन 7 सितम्बर 2025 को दोपहर 1:00 बजे होगा। देशभर से 150 से अधिक प्रतिनिधि इसमें भाग लेंगे और डेढ़ दिन तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान अपने ज्ञान और समझ को समृद्ध करेंगे।

मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल और टाटा मेन अस्पताल, जमशेदपुर के सभी ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञों और सुपर-स्पेशलिस्ट्स की टीम ने एमटीएमएच एडमिनिस्ट्रेशन के साथ मिलकर इस भव्य आयोजन की रूपरेखा तैयार करने और उसे सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए सामूहिक रूप से कार्य किया है।

सम्मेलन का केंद्रीय विषय “प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी” रखा गया है, जो कैंसर उपचार में उत्कृष्टता की एमटीएमएच के विज़न से पूरी तरह मेल खाता है। इस सम्मेलन के विचार-विमर्श का उद्देश्य झारखंड के सभी ऑन्कोलॉजिस्टों के सामूहिक ज्ञान और अनुभवों को साझा एवं समृद्ध कर प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी की दिशा में नई राहें प्रशस्त करना है।

प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी भविष्य की दिशा है — जहाँ कैंसर उपचार को प्रत्येक रोगी के ट्यूमर की आनुवंशिक संरचना के आधार पर सटीक और व्यक्तिगत रूप से अनुकूलित किया जाएगा, और यही उपचार के नैदानिक परिणामों को निर्धारित करेगा। इसमें लक्षित दवाओं या थेरेपी का उपयोग किया जाता है, जो ट्यूमर कोशिकाओं को रोकने पर केंद्रित होती हैं, ताकि उपचार अधिक प्रभावी हो सके।

यह सम्मेलन इस बात पर विचार-विमर्श करेगा कि किस प्रकार लक्षित और व्यक्तिगत उपचार कैंसर देखभाल में गेम चेंजर साबित होगा और एमटीएमएच जैसी संस्थाओं को इस परिवर्तन को अपनाने के लिए “भविष्य के लिए तैयार” होने हेतु क्या कदम उठाने चाहिए।

शैक्षणिक विशेषताएँ और विशेषज्ञ वक्ता

सम्मेलन में प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी पर विभिन्न प्रमुख कैंसर क्षेत्रों — स्तन, सिर-गर्दन, पेट और आँतों से संबंधित, स्त्रीरोग संबंधी तथा प्रजनन और मूत्र संबंधी कैंसर — पर केंद्रित सत्र शामिल होंगे। इन सत्रों में देशभर से आए अग्रणी ऑन्कोलॉजिस्ट और शोधकर्ताओं का योगदान रहेगा।

प्रमुख वक्ताओं में शामिल हैं:

डॉ. अशुतोष मिश्रा, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, एम्स दिल्ली

डॉ. सोमनाथ रॉय, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, टीएमसी कोलकाता

डॉ. आषु अभिषेक, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर, चेन्नई

डॉ. दिलीप कुमार मुदुली, प्रोफेसर एवं हेड, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, एम्स भुवनेश्वर

डॉ. पूनम पंजवानी, ऑन्को-पैथोलॉजिस्ट, टीएमएच मुंबई

सत्रों में एएससीओ अपडेट्स, आणविक प्रोफाइलिंग और प्रिसिजन इमेजिंग रणनीतियाँ भी शामिल होंगी।

सहयोगात्मक शिक्षा एवं प्रभाव
एम्स, टीएमएच मुंबई, टीएमसी कोलकाता और अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं की भागीदारी के साथ यह आयोजन सहयोगात्मक शिक्षा, केस-आधारित चर्चा और चिकित्सकों, शोधकर्ताओं एवं अस्पताल प्रबंधन लीडर्स के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण प्रदान करेगा।

एमटीएमएच के बारे में
मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल (एमटीएमएच) का उद्घाटन श्री जे.आर.डी. टाटा द्वारा 4 फरवरी 1975 को इस क्षेत्र में किफायती और करुणामय कैंसर उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया था।

वर्षों के दौरान एमटीएमएच एक आधुनिक, समग्र कैंसर देखभाल अस्पताल के रूप में विकसित हुआ है। यह झारखंड और आस-पास के क्षेत्रों में नैतिक, सुलभ, किफायती और गुणवत्तापूर्ण कैंसर उपचार उपलब्ध कराने के अपने मिशन को निरंतर आगे बढ़ा रहा है। टाटा समूह की उस भावना के अनुरूप, जो जिन समुदायों की सेवा करता है उनमें सकारात्मक प्रभाव डालने पर केंद्रित है, एमटीएमएच कैंसर देखभाल के क्षेत्र में उत्कृष्टता और विश्वास का प्रतीक बन चुका है।

पचास वर्षों से, एमटीएमएच कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक क्षेत्रीय अग्रणी संस्था रहा है — मेडिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के साथ-साथ पैलिएटिव केयर में भी। अस्पताल में उन्नत डायग्नोस्टिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जिनमें पीईटी सीटी, पारंपरिक सीटी, 3टी एमआरआई, टोमोसिंथेसिस सहित मैमोग्राफी, तथा एनएबीएल-मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला शामिल है, जिसमें एडवांस्ड साइटोपैथोलॉजी और इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री की क्षमताएँ मौजूद हैं

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