Uncategorized

कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को बदलने का कवायद तेज, कई उम्मीदवार ठोक रहे दावेदारी अध्यक्ष के प्रबल दावेदार वरिष्ठ कांग्रेसी अवधेश कुमार सिंह प्रमुख दावेदार में से एक चर्चा में हैं

कांग्रेस के पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को बदलने का कवायद अब तेज हो चुका है। जिलाध्यक्ष के पद के लिए कई दावेदार अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. इसे लेकर योग्य उम्मीदवार की तलाश की जा रही है. इसे लेकर राज्य स्तर पर प्रभारियों की नियुक्ति कर दी गयी है. इसके तहत पूर्वी सिंहभूम जिले के लिए मंत्री राधाकृष्ण किशोर, बलजीत सिंह बेदी, सुंदरी तिर्की को प्रभारी बनाया गया है. ये लोग योग्य उम्मीदवार की तलाश करेंगे.

कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को बदलने का कवायद तेज, कई उम्मीदवार ठोक रहे दावेदारी अध्यक्ष के प्रबल दावेदार वरिष्ठ कांग्रेसी अवधेश कुमार सिंह प्रमुख दावेदार में से एक चर्चा में हैं

जमशेदपुर- कांग्रेस के पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को बदलने का कवायद अब तेज हो चुका है। जिलाध्यक्ष के पद के लिए कई दावेदार अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. इसे लेकर योग्य उम्मीदवार की तलाश की जा रही है. इसे लेकर राज्य स्तर पर प्रभारियों की नियुक्ति कर दी गयी है इसके तहत पूर्वी सिंहभूम जिले के लिए केन्द्रीय पर्यवेक्षक गुजरात के विधायक अनंत पटेल, झारखण्ड सरकार मंत्री राधाकृष्ण किशोर, बलजीत सिंह बेदी सुंदरी तिर्की को प्रभारी बनाया गया है. ये लोग योग्य उम्मीदवार की तलाश करेंगे
सूत्रों की माने तो इस बार कांग्रेस जिलाध्यक्ष ब्राह्मण छोड़कर कोई ओबीसी नेता और राजपूत नेता को बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके तहत कार्यकारी अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनकर, डॉ पारितोष सिंह परबिंदर सिंह, अखिलेश सिंह यादव बिजय यादव राकेश साहू समेत अन्य कई नेता दावेदार हैं. वैसे इस पद के लिए कई और दावेदार हैं.

प्रभारियों की बैठक 27 अगस्त को रांची में बुलायी गयी थी पुराना विधानसभा भवन में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति या चुनाव को लेकर अंतिम फैसला लिया गया ओबीसी चेहरा की तलाश इसलिए है क्योंकि लगातार तीन बार से ब्राह्मण चेहरा जिलाध्यक्ष बनता रहा है. रवींद्र झा उर्फ नट्टू झा अध्यक्ष बने, जबकि उसके बाद बिजय खां जिलाध्यक्ष बने और उसके बाद आनंद बिहारी दुबे अध्यक्ष बने. यह तीनों करीब 20 साल तक जिलाध्यक्ष के पद पर रहे हैं. इस कारण अब यह डिमांड उठी है कि हर हाल में जिलाध्यक्ष ओबीसी चेहरा जिले में बनाया जाये रामाश्रय प्रसाद के बाद फिर कोई जिलाध्यक्ष ओबीसी के तौर पर नही बन पाया है उससे पहले केपी सिंह जिलाध्यक्ष होते थे. ऐसे में सक्रिय चेहरे की तलाश की जा रही है
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार सिंहभूम पूर्वी जिला कांग्रेस कमेटी को मजबूती प्रदान करने के लिए केन्द्रीय पर्यवेक्षक सहित तीन सदस्यीय कमिटी का नगर आगमन तीन सितम्बर को जमशेदपुर में होने जा रहा है उन पर्यवेक्षकों के समक्ष सभी लोग अपने अपने दावेदारी का आवेदन पेश करेंगे
जानकर सूत्रों के अनुसार सिंहभूम पूर्वी जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ कांग्रेसी पदाधिकारी अवधेश कुमार सिंह जो 1984 से युवा कांग्रेस से जिला कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हुए ज्ञात हो कि 2024 के झारखण्ड विधानसभा में पर्यवेक्षक के समक्ष सबसे प्रबल दावेदार थे और पर्यवेक्षक के समक्ष अवधेश कुमार सिंह का नाम जोरदार ढंग से पूर्वी जमशेदपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी के रूप में उनकी उपस्थिति थी लेकिन डा अजय कुमार के कारण कई दिगगज पूर्वी जमशेदपुर से टिकट पाने में नाकामयाब रहे
सूत्रों के अनुसार अवधेश कुमार सिंह युवा कांग्रेस की राजनीति करते हुए आज वे सिंहभूम जिला कांग्रेस कमेटी में सक्रिय राजनीति की भूमिका में है और 1984 से जिला कांग्रेस के विभिन्न पदों पर लगातार
बने रहे आज भी जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे हैं
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार विगत बीस वर्षों से जिला कांग्रेस का संगठन ब्राम्हणों के कब्जे में था
जहाँ तक ओबीसी और राजपूत घराने के लोगों को सिंहभूम पूर्वी जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष के रूप में बाजार में चर्चा का विषय बना हुआ है जहाँ तक ओबीसी में नेतृत्व कर्ता के रूप में रामाश्रय प्रसाद के रूप में कोई क्षमता वान नेता सामने नजर नहीं आ रहे हैं जिन नामों की चर्चा सामने आ रही है उन नेताओं में संगठनिक क्षमता नहीं के बराबर है जिसमें कोई भी ओबीसी से अध्यक्ष बनने का क्षमता नहीं रखता है
सूत्रों के अनुसार सिंहभूम जिला कांग्रेस कमेटी की तत्कालीन जिला उपाध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह राजपूत समाज से आते हैं जिनमें सांगठनिक क्षमता कूट कूट कर भरा है यदि पर्यवेक्षक के समक्ष यदि राजपूत समाज की दावेदारी सशक्त और मजबूती के साथ पक्ष रखने में सफल रहे तो जिला कांग्रेस कमेटी के संगठन में राजपूतों का बहुत दिनों से संगठन में वर्चस्व नहीं रहना भी काफी चर्चा का विषय बना हुआ है
जानकर सूत्रों के अनुसार अगर पर्यवेक्षक के समक्ष कोई तेज तर्रार सांगठनिक कार्यकर्ता नहीं मिला तो
तो पर्यवेक्षक आनन्द बिहारी दूबे को ही अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो सकतें हैं सूत्रों के अनुसार
चार सितम्बर को यह तय हो जायेगा कि अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन काबिज किया जाएगा
पार्टी संगठन में यह जोरों पर चर्चा है कि कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाने के लिए विगत बीस वर्षों से ब्राह्मणों के कब्जे में था अबकी बार ओबीसी नहीं तो राजपूत समाज के लोगों के बीच से ही अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज करने का प्रयास जारी है
राजपूत समाज के बीच के लोगों को अध्यक्ष बनाकर संगठन को मजबूत किया जा सकता है सूत्रों के अनुसार राजनीतिक गलियारे में एक नाम की चर्चा जोरों पर है वह कांग्रेसी कौन हो सकता है यह चर्चा बना हुआ है देखना है पर्यवेक्षक किस प्रत्याशी पर मेहरबान होते हैं इतंजार चार सिंतबर का है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!