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एक कंपनी में कई यूनियनों का होना बड़ी कमजोरी- संजीवा रेड्डी

इंजीनियरिंग उद्योग को बचाने की जरूरत- कमर

एक कंपनी में कई यूनियनों का होना बड़ी कमजोरी- संजीवा रेड्डी

इंजीनियरिंग उद्योग को बचाने की जरूरत- कमर

टाटा स्टील में स्थायी मजदूर कम हो रहे- राजशेखर मंत्री
जमशेदपुर- माइकल जॉन प्रेक्षागृह में इंटक की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष ने कहा-मजदूरों के बीच फूट का फायदा उठाते हैं प्रबंधन
जी संजीवा रेड्डी ने कहा कि ठेका मजदूर कम वेतन पर काम करते हैं, जिससे कंपनी का मुनाफा बढ़ता है। सभी यूनियनों के साथ मिलकर लड़ने से ही समाधान निकलेगा। उन्होंने आहवान किया कि मजदूर झगड़ा छोड़कर इंटक को मजबूत बनाएं और दूसरे क्षेत्र के मजदूरों को भी जोड़ें। उन्होंने ठेका मजदूरी के रेगुलाइजेशन और स्थायी रोजगार के मुद्दों पर भी है, ताकि सरकार से बातचीत हो रही है. उनकी समस्याओं का निदान किया जा सके। उन्होंने आहवान किया कि सभी एकजुट होकर इंटक को ताकतवर बनाएं। हम दूसरे क्षेत्र के भी मजदूरों को जोड़ रहे हैं।

मजदूर संगठन कमजोर हैं। इसका प्रमुख कारण एक ही कंपनी में कई यूनियनों का होना है। मालिक और प्रबंधन इस फूट का लाभ उठाते हैं। उन्होंने बताया कि ठेका मजदूरों की संख्या बढ़ रही है और उन्हें संगठित करना आवश्यक है। यह बातें भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) और स्टील, मेटल, मेटल माईस एंड इंजीनियरिंग इंप्लाईज फेडरेशन (आईएनएसएमएम एंड इंईएफ) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी ने कहीं। सोमवार को बिष्टूपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में कटिहार के सांसद तारिक अनवर ने कहा कि देश के विकास में मजदूरों की अहम भूमिका है लेकिन असंगठित मजदूरों की स्थिति दयनीय है। झारखंड, बिहार के लाखों असंगठित क्षेत्र के मजदूर इस देश को झेल रहे हैं। इंटक मजदूरी हितों की रक्षा में काम कर रहा है। मजदूरों के लिए सुरक्षित कार्य पद्धति, उचित मजदूरी, पेंशन, बीमा, स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे मुद्दे पर काम किया जा रहा है। इंटक
कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद पदाधिकारी।
स्वतंत्रता संग्राम का भी हिस्सा रहा है और औद्योगिक शांति के साथ विकास चाहता है। इंटक हड़ताल के रास्ते नहीं वार्ता के जरिए समस्याओं के समाधान की पहल करता है। कार्यक्रम का संचालन फेडरेशन के महासचिव एवं जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय ने किया। बैठक में फेडरेशन के बायलॉज में संशोधन को सर्वसम्मति से पारित किया गया। बैठक को इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय, कोषाध्यक्ष सतीश सिंह और टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी ने भी संबोधित किया।
मजदूरों का तेजी से होगा उत्थान: आरके सिंह
टाटा मोटर्स यूनियन के महासचिव आरके सिंह ने कहा कि संजीवा रेडी अंग्रेजों के जमाने से लड़ाई लड़ रहे है और उनके नेतृत्व में सभी लड़ाई जीतेगे। सभी कंपनियां मजबूत ही रहीं है. मुनाफा बढ़ रहा है। मजदूरों का भी उत्थान तेजी से होगा। बैठक को बिहार इंटक अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह, लीलाधर सिंह आदि ने भी संबोधित किया।
इंजीनियरिंग उद्योग को बचाने की जरूरतः कमर

बैठक में इंजीनियरिंग उद्योग को बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। पश्चिम बंगाल इंटक अध्यक्ष एमक्यू कमर ने कहा कि यह मदर इंडस्ट्री है, इसे अलग बैठक की आवश्यकता है। लीलाधर सिंह ने उद्योग में तेजी से हो रहे आउटसोर्सिंग और गिरावट की चिंता जताई। टाटा वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष शाहनवाज आलम ने एजेंडे की जानकारी दी। मंच पर इंटक महासचिव संजय सिंह टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, यूथ इंटक के अध्यक्ष पी श्रीनिवासन और महिला इंटक की अध्यक्ष देविका सिंह उपस्थित थी।
मेटल फेडरेशन की बैठक में नए नाम पर लगी मुहर
जमशेदपुर। इंडियन नेशनल मेटल फेडरेशन का नाम बदलकर इंडियन नेशनल स्टील, मेटल, मेटल माइस एंड इंजीनियरिंग इंप्लाइज फेडरेशन कर दिया गया है। यह प्रस्ताव 25 अगस्त 2021 को हैदराबाद में हुई बैठक में पेश किया गया था। फेडरेशन के महासचिव रघुनाथ पांडेय ने बायलॉज में किए गए संशोधन और मिनट्स पढ़कर सुनाए, जिन्हें सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। नए नाम की पंजीकृत कराने की प्रक्रिया जारी है। वर्तमान में फेडरेशन की कार्यकारिणी में 209 सदस्य है। कोषाध्यक्ष सतीश सिंह ने वित्तीय रिपोर्ट पेश की, जिसमें वर्ष 2024-25 पै 4 लाख 35 हजार 26 रुपये की आमदनी और 3.35 लाख रुपये खर्च दिखाए गए. शेष 95,026 रुपये बचे हैं। इंटक के प्रदेश अध्यक्ष रावर पांडेय ने बताया कि आज इंटक देश की सबसे बड़ी मजदूर संगठन है, जिसकी सदस्य सख्या 3.5 करोड़ है।

टाटा स्टील में स्थायी मजदूर कम हो रहे – राजशेखर

विशाखापत्तनम स्टील कंपनी यूनियन के महामंत्री राजशेखर मंत्री ने कहा कि टाटा स्टील में ठेका मजदूरी की संख्या बढ़ रही है, जबकि स्थायी मजदूर कम हो रहे हैं। उन्होंने टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे भी इस बात को जान रहे है। उन्होंने आयात-निर्यात पर रोक लगाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

एआई के संचालन को मैनवापर बढ़ेंगे: संजीव

टाटा वर्कर्स यूनियन के आध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि ठेका मजदूरों की समस्याओं के समाधान और एआई के संचालन के लिए मैनपावर पर ध्यान देना जरूरी है। आनेवाला समय एआई का है। इसके आने पर 17 हजार रोजगार बढ़ेंगे। ठेका मजदूरों की संख्या बढ़ने की वजह अधिकांश जाँब आउट सोर्स हो जाएंगे। आने वाले दिनों में स्थिति और खराब होगी।

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