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शंकरदा गांव के ऊपर पाड़ा में माताजी आश्रम की ओर से 27 वां अपुर पाठशाला खोली गई मातृभाषा के बिना शिक्षा अधूरी है- सुनील कुमार दे

अपुर पाठशाला खुलने में माताजी आश्रम अग्रणी भूमिका निभा रही है- करुणामय मंडल

शंकरदा गांव के ऊपर पाड़ा में माताजी आश्रम की ओर से 27 वां अपुर पाठशाला खोली गई मातृभाषा के बिना शिक्षा अधूरी है- सुनील कुमार दे

अपुर पाठशाला खुलने में माताजी आश्रम अग्रणी भूमिका निभा रही है- करुणामय मंडल

पोटका- झारखंड में बंगला भाषा और बंगला संस्कृति को बचाने का निरंतर प्रयास कर रही है झारखंड बंगला भाषी उन्नयन समिति ने विभिन्न संगठनों के सहयोग से।इस सिलसिले में जगह जगह पर जन जागरण आंदोलन किया जा रहा है साथ ही साथ बंगला भाषा की शिक्षा देने के लिए अपुर पाठशाला खोली जा रही है।
आज पोटका प्रखंड के शंकरदा गांव के ऊपर पाड़ा में माताजी आश्रम हाता की सहयोग से 27 वां अपुर पाठशाला खोली गई।पाठशाला का उदघाटन दीप प्रज्वलित कर तथा सरस्वती मां की प्रतिकृति पर पुष्प प्रदान कर सुनील कुमार दे ने किया राजू नारायण भकत ने सभी अतिथियों और छात्र छात्राओं को स्वागत करते हुए माताजी आश्रम की ओर से बंगला भाषा को बचाने के लिए चलाए जा रहे अभियान की भूरी भूरी प्रशंसा की।सभी लोग मिलकर मां सरस्वती की गीत प्रस्तुत की।इस अवसर पर सुनील कुमार दे ने कहा कि मातृभाषा के बिना शिक्षा अधूरी है इसलिए हर छात्र छात्राओं को अपनी अपनी मातृभाषा सीखनी चाहिए।इसके लिए मन में कोई संकोच और हीन भावना नहीं होनी चाहिए करुणामय मंडल ने कहा कि सुनील दा के नेतृत्व में बंगला भाषा को बचाने के लिए माताजी आश्रम की ओर से गांव गांव में निःशुल्क अपुर पाठशाला खोली जा रही है जो काबिले तारीफ है जिसका प्रभाव आज पूरा झारखंड में पड़ रहा है।दूसरे जिले में भी लोग अपुर पाठशाला खोल रहे हैं।वर्तमान समय में बंगला भाषा को बचाने का अपुर पाठशाला ही एकमात्र विकल्प है।समाजसेवी जनमेजय सरदार ने कहा कि बंगला भाषा बहुत,सरल,मधुर और उन्नत भाषा है इसलिए सभी बंगला भाषी छात्र छात्राओं को बंगला सीखना चाहिए, भविष्य में नोकरी में भी यह भाषा काम आयेगी।आज का अपुर पाठशाला में कुल 30 से ऊपर बच्चों ने बंगला सीखने के लिए नामांकन किया।इस अवसर पर माताजी आश्रम की ओर वर्ण परिचय पुस्तक दी गई।सुनील कुमार दे ने प्रथम बंगला क्लास लिया।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक मुक्त राम भकत ने किया।भकत जी ही प्रति रविवार को सुबह 9 बजे से बच्चे को निःशुल्क बंगला भाषा की शिक्षा देंगे।कार्यक्रम का संचालन मृणाल पाल ने किया।इस अबसर पर बलराम गोप,विशाल भकत,हेमंत बेहरा,अंजली मंडल,पूर्णिमा भकत,संगीता मंडल,रवि गोप के अलावे बंगला सीखनेवाले छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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