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परीक्षाएं नियमानुकूल ही ली गई थी दिए गए प्रमाण पत्रों में कोई त्रुटि नहीं

कोल्हान विश्वविद्यालय में सीबी सी एस पद्धति लागू होने के पश्चात ली गई सारी परीक्षाएं और उससे संदर्भित दिए गए अंक पत्रों एवं प्रमाण पत्रों में कोई वैधानिक त्रुटि नहीं है

परीक्षाएं नियमानुकूल ही ली गई थी दिए गए प्रमाण पत्रों में कोई त्रुटि नहीं

सिंहभूम चाईबासा- कोल्हान विश्वविद्यालय में सीबी सी एस पद्धति लागू होने के पश्चात ली गई सारी परीक्षाएं और उससे संदर्भित दिए गए अंक पत्रों एवं प्रमाण पत्रों में कोई वैधानिक त्रुटि नहीं है। यह सारी परीक्षाएं उस समय लागू रेगुलेशन के हिसाब से ही आयोजित की गई थी। और झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों ने प्रायः ऐसा ही किया था। चाहे सीबीसीएस लागू होने के समय बनाए गए रेगुलेशन हो यानी 2017 का रेगुलेशन या फिर 2020 का पुनरीक्षित रेगुलेशन दोनों में जीइ के लिए एक ही पेपर का प्रावधान किया गया था। यह भी स्पष्ट करना आवश्यक है कि यूजीसी जब अपना गाइडलाइन जारी करती है तो वह गाइडलाइन शैक्षणिक नियमावलियों के संबंध में प्रायः सलाह के रूप में हुआ करती है। जिसमें आवश्यकता अनुसार 20% तक संशोधन का विकल्प रहता है। उसी आधार पर सभी विश्वविद्यालय अपना पाठ्यक्रम अपने एकेडमिक काउंसिल के माध्यम से तय करते हैं और यह स्वायत व्यवस्था है । विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त उपाधियों का इसी आधार पर मूल्यांकन किया जाता है कि वह यूजीसी द्वारा मान्य संस्थान है या नहीं है। इसलिए किसी भी छात्र को जिसने कोल्हान विश्वविद्यालय से परीक्षाएं दी है और उन्होंने अपना प्रमाण पत्र प्राप्त किया है को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। वर्तमान में जो जीइ पेपर के लिए परीक्षा लेने की घोषणा की गई है यह अनिवार्य स्वरूप में नहीं है। अगर किसी खास संस्थान या नौकरी विशेष के क्रम में किसी छात्र-छात्राओं को समस्याएं होती है जो परीक्षा में बैठ सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उनके प्रमाण पत्रों का वेरिफिकेशन विश्वविद्यालय द्वारा सम्यक रूप से किया जाएगा। इससे किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी
यूजीसी द्वारा जारी गाइड रेगुलेशन के अनुरूप ही प्रमुख का निर्धारण हुआ था और परीक्षाएं ली गई थी इसलिए परीक्षाओं के वैधता पर कोई समस्या नहीं है। माननीय कुलपति प्रोफेसर (डा.)अंजिला गुप्ता ने किसी भी विद्यार्थी को कहीं पर कठिनाई न हो इस बात को ध्यान में रखकर परीक्षा के आयोजन का निर्देश दिया है और यह पूर्ण रूप से विद्यार्थियों पर निर्भर करता है कि अगर वह चाहे तो परीक्षा में भाग ले सकते हैं। अलग से पूरक अंक पत्र उनके पास होगा। झारखंड सरकार के कुछ विभागों में रोजगार प्राप्त होने के बाद कुछ छात्रों से इससे संदर्भित प्रश्न पूछे जाने के कारण ही विशेष परीक्षा का निर्देश दिया गया है। जो अनिवार्य नहीं है। नई शिक्षा नीति अर्थात एन इ पी में भी विद्यार्थी एसोसिएटेड पेपर के रूप में एक ही पत्र की पढ़ाई करते हैं।जीइ पत्र की विशेष परीक्षा लेने के संबंध में विश्वविद्यालय ने 8 अगस्त को पत्रांक संख्या 1080 के द्वारा सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट कर दी है
महाविद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र और माइग्रेशन ले चुके विद्यार्थी भी अगर परीक्षा में बैठना चाहते हैं उन्हें भी कोई समस्या नहीं होगी इसके संदर्भ में कुलपति ने आवश्यकक्ष निर्देश परीक्षा विभाग को दे रखा है। उन्होंने निर्देश दिया है कि छात्र हित को सर्वोपरि मानकर ही सारी व्यवस्थाएं पूर्ण की जाए।
यह जानकारी विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ अशोक कुमार झा ने दी है

कोल्हन विश्वविद्यालय द्वारा आज तक ली गई सभी परीक्षाएं वैध है और नियमानुकूल ही ली गई है। कुछ विशेष क्षेत्र के एजेंसियों द्वारा विद्यार्थियों से जी ई से संदर्भित प्रश्न पूछे जाने के कारण छात्र हित में इस प्रकार का निर्णय लिया गया है। परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को किसी प्रकार की समस्या ना हो इस पर ध्यान रखने के लिए समुचित निर्देश दे दिया गया है। विश्वविद्यालय के लिए छात्र हित सर्वोपरि है।
प्रो. (डा) अंजीला गुप्ता
कुलपति कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा

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