Uncategorized

पूर्वी भारत के चिड़ियाघर परिचारकों हेतु क्षमता निर्माण कार्यशाला का जमशेदपुर में शुभारंभ

पूर्वी भारत के चिड़ियाघर परिचारकों के लिए चार दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला, जिसका प्रायोजन केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) भारत सरकार द्वारा किया गया है का आज जमशेदपुर स्थित सेंटर फॉर एक्सीलेंस में शुभारंभ हुआ

पूर्वी भारत के चिड़ियाघर परिचारकों हेतु क्षमता निर्माण कार्यशाला का जमशेदपुर में शुभारंभ

जमशेदपुर- पूर्वी भारत के चिड़ियाघर परिचारकों के लिए चार दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला, जिसका प्रायोजन केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) भारत सरकार द्वारा किया गया है का आज जमशेदपुर स्थित सेंटर फॉर एक्सीलेंस में शुभारंभ हुआ

इस कार्यक्रम का उदघाटन एस. आर. नतेशा, भा. वि. से., मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), झारखंड सरकार ने किया। इस अवसर पर सबा आलम अंसारी, भा. वि. से., वन संरक्षक एवं डीएफओ जमशेदपुर तथा कैप्टन अमिताभ, मानद सचिव, टाटा स्टील प्राणी उद्यान सोसायटी (TSZS) उपस्थित थे।

अपने स्वागत भाषण में कैप्टन अमिताभ ने कार्यशाला के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह चिड़ियाघर परिचारकों की दक्षता और ज्ञान को बढ़ाने का अवसर है। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए प्रायोजन प्रदान करने हेतु केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण का आभार व्यक्त किया और टाटा स्टील प्राणी उद्यान को संरक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया

एस. आर. नतेशा ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि CZA ने परिचारकों के लिए यह महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध कराया है। उन्होंने झारखंड वन विभाग की कई पहलें साझा कीं, जिनमें गिरिडीह और दुमका में दो नए चिड़ियाघरों तथा पलामू टाइगर रिज़र्व के निकट टाइगर सफारी की प्रस्तावित स्थापना शामिल है। उन्होंने हाल ही में एक बाघ को रिहायशी क्षेत्र से सफलतापूर्वक बचाकर पलामू टाइगर रिज़र्व में पुनर्स्थापित किए जाने की घटना का भी उल्लेख किया और बताया कि यह वन विभाग की विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

चार दिवसीय इस कार्यशाला में पशु आवास और देखभाल, पशु-चिकित्सा सेवाएँ, अभिलेख रखरखाव, पशुओं का टीकाकरण, साँपों का व्यवहार और जीवविज्ञान, मॉक ड्रिल तथा आपदा प्रबंधन जैसे विविध विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, प्रतिभागियों को दलमा वन्यजीव अभयारण्य का भ्रमण भी कराया जाएगा।

इस कार्यशाला में पूर्वी भारत के 23 चिड़ियाघरों से आए 34 प्रतिभागी, जिनमें टाटा स्टील प्राणी उद्यान के परिचारक भी शामिल हैं, भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम अनुभव साझा करने, सीखने और चिड़ियाघर प्रबंधन को और सुदृढ़ बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!