धर्म रक्षीणी पौरोहित्य महासंघ की ओर से सुवर्णरेखा नदी तट, मेरीन ड्राइव, बच्चा सिंह बस्ती, सोमेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की आत्मा की शान्ति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया
महासंघ के अध्यक्ष पं0 विपिन कुमार झा ने अपने संवोधन में कहा कि श्री सोरेन ने झारखण्ड में शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई हैं। उन्होनें संस्कृत, मिथिला, भोजपुरी आदि भाषाओं को सूची में शामिल करने का ही नहीं अपितु संस्कृत और वैदिक शिक्षाओं को पुष्पित पल्लवित करने में यथासम्भव मदद देने की भी बातें कही थी। पूर्व मंत्री श्री सोरेन का असामयिक निधन भी काफी दुखद ही नहीं अपितु राज्य के लिए अकल्पनीय क्षति है

जमशेदपुर- आज धर्म रक्षीणी पौरोहित्य महासंघ की ओर से सुवर्णरेखा नदी तट, मेरीन ड्राइव, बच्चा सिंह बस्ती, सोमेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की आत्मा की शान्ति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया, जिसमें जमशेदपुर के विभिन्न स्थानों के आचार्यगण उपस्थित हुए। शोकसभा का श्रीगणेश सामुहिक शान्ति पाठ से प्रारंभ हुआ।
महासंघ के अध्यक्ष पं0 विपिन कुमार झा ने अपने संवोधन में कहा कि श्री सोरेन ने झारखण्ड में शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई हैं। उन्होनें संस्कृत, मिथिला, भोजपुरी आदि भाषाओं को सूची में शामिल करने का ही नहीं अपितु संस्कृत और वैदिक शिक्षाओं को पुष्पित पल्लवित करने में यथासम्भव मदद देने की भी बातें कही थी। पूर्व मंत्री श्री सोरेन का असामयिक निधन भी काफी दुखद ही नहीं अपितु राज्य के लिए अकल्पनीय क्षति है। परमपिता परमेश्वर उनके परिवारजनों को दुःख सहन करने की शक्ति दें। हमसभी पौरोहित्य आचार्यों की तरफ से संवेदना एवं उनके परिवारजनों के साथ है।
दिवंगत आत्मा के शान्ति के लिए शोकसभा में मुख्य रूप से संघ के उपाध्यक्ष पं0 राम अवधेश चौबे, सचिव आचार्य उमेश कुमार तिवारी, प्रवक्ता पं0 मुन्ना पाण्डेय, पं0 सुबोध पाण्डेय, पं0 साकेत पाण्डेय, पं0 बॉबी मुखर्जी, पं0 जितेन्द्र पाण्डेय, पं0 बिपीन कुमार झा, पं0 संतोष पाण्डेय, पं0 , अमित शर्मा, पं0 विकाश पांडेय, पं0 विपीन पांडेय, पं0 नारायण पाण्डेय, पं0 गिरिकान्त पाण्डेय, पं0 विश्वेश्वर पाण्डेय, पं0 कृष्णा पाण्डेय, पंo नवलेश पाण्डेय एवं अन्य आचार्यगण उपस्थित थे। उक्त जानकारी पं0 विपिन कुमार झा अध्यक्ष, धर्म रक्षीणी पौरोहित्य महासंघ आचार्य उमेश कुमार तिवारी सचिव धर्मरक्षिणी पौरोहित्य महासंघ ने संयुक्त रूप से दी है