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उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई राजस्व संग्रहण की समीक्षात्मक बैठक, आंतरिक संसाधनों से राजस्व वृद्धि के दिए निर्देश

समाहरणालय सभागार जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में राजस्व संग्रहण से सम्बंधित समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई । बैठक में उपायुक्त द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया कि राजस्व संग्रहण प्रशासनिक कार्यप्रणाली का अहम हिस्सा है कोई भी विभाग अपने सालाना लक्ष्य की प्राप्ति से पीछे नहीं रहे इसे सुनिश्चित करेंगे । उन्होने आतंरकि संसाधनों से राजस्व वृद्धि पर बल दिया

उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई राजस्व संग्रहण की समीक्षात्मक बैठक, आंतरिक संसाधनों से राजस्व वृद्धि के दिए निर्देश

जमशेदपुर- समाहरणालय सभागार जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में राजस्व संग्रहण से सम्बंधित समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई । बैठक में उपायुक्त द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया कि राजस्व संग्रहण प्रशासनिक कार्यप्रणाली का अहम हिस्सा है कोई भी विभाग अपने सालाना लक्ष्य की प्राप्ति से पीछे नहीं रहे इसे सुनिश्चित करेंगे । उन्होने आतंरकि संसाधनों से राजस्व वृद्धि पर बल दिया

समीक्षा के क्रम में यह स्पष्ट हुआ कि राज्य कर विभाग के चारों सर्किल (अर्बन, जमशेदपुर, सिंहभूम तथा आदित्यपुर) द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष औसतन 20 प्रतिशत राजस्व की वसूली की गई है। उपायुक्त ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि कर संग्रहण की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जाए। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि राज्य सरकार को मिलने वाले कर राजस्व में किसी भी प्रकार की हेराफेरी, चोरी या अवैध छूट की संभावना को सख्ती से रोका जाए। इसके लिए करदाताओं का नियमित ऑडिट, उच्च जोखिम वाले व्यवसायों की पहचान, बकायेदारों पर कार्रवाई, फील्ड इंस्पेक्शन, डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से धोखाधड़ी की रोकथाम और GST पोर्टल पर अपडेशन की निरंतर निगरानी जैसे उपाय अपनाए जाएं ताकि वास्तविक कर संग्रहण में वृद्धि हो और राज्य को अपेक्षित राजस्व प्राप्त हो सके

उपायुक्त ने जिला खनन पदाधिकारी को निर्देशित किया कि वह पिछले 4-5 वर्षों में मनरेगा वेंडरों के माध्यम से राज्य सरकार को प्राप्त रॉयल्टी की पूरी विवरणी रिपोर्ट समर्पित करें। साथ ही खनिजों के लाइसेंसधारकों के यहां सीसीटीवी कैमरे के अनिवार्य अधिष्ठापन को सख्ती से लागू कराने का भी निर्देश दिया गया, जिससे खनन कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

पंजीयन कार्यालयों के प्रदर्शन की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि घाटशिला और जमशेदपुर के सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों द्वारा वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध औसतन 18 प्रतिशत राजस्व संग्रहण किया गया है। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि राजस्व संग्रहण में वृद्धि के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री में गड़बड़ी न हो, विशेषकर सरकारी जमीनों की अवैध रजिस्ट्री पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाए। रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता और वैधता बनाए रखने के लिए गहन निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया गया।

जिला परिवहन कार्यालय द्वारा अब तक 27 प्रतिशत, जबकि एमवीआई (मोटरयान निरीक्षक) द्वारा 12 प्रतिशत राजस्व संग्रहण किया गया है। नगर निकायों की बात करें तो जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (J.N.A.C.) ने 18 प्रतिशत, मानगो नगर निगम ने 39 प्रतिशत, तथा जुगसलाई नगर परिषद एवं चाकुलिया नगर पंचायत ने 37-37 प्रतिशत राजस्व संग्रहित किया है। इसी प्रकार, बिजली विभाग के तीनों प्रमंडलों का सालाना लक्ष्य के विरूद्ध औसत राजस्व संग्रहण 32 प्रतिशत रहा है। हालांकि, यह संतोषप्रद है कि केवल जून माह के प्रदर्शन को देखा जाए, तो बिजली के तीनों प्रमंडलों, परिवहन विभाग, कृषि विभाग, मत्स्य विभाग, और मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद एवं चाकुलिया नगर पंचायत—इन सभी इकाइयों ने 100 प्रतिशत से अधिक राजस्व संग्रहण किया है।

उपायुक्त ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे नियमित मॉनिटरिंग, पारदर्शिता और तकनीकी उपकरणों के समुचित उपयोग से राजस्व संग्रहण में तेजी लाएं तथा निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाकर कार्य करें। साथ ही ऐसे सभी बिंदुओं पर निगरानी रखी जाए, जहाँ से संभावित राजस्व हानि हो सकती है।

उपायुक्त ने सर्टिफिकेट मामलों की समीक्षा करते हुए इनकी वर्तमान स्थिति, वसूली की प्रगति तथा लंबित मामलों के कारणों का विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि राजस्व वसूली से संबंधित सर्टिफिकेट केसों का निष्पादन प्राथमिकता में रखें। पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि वसूली योग्य राशि की कुर्की, वारंट निर्गत, नीलामी अथवा अन्य विधिसम्मत प्रक्रियाएं समयबद्ध ढंग से की जाएं, ताकि लंबित राजस्व की वसूली प्रभावी रूप से हो सके। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों एवं सर्टिफिकेट ऑफिस को निर्देशित किया कि प्रत्येक लंबित मामले की नियमित मॉनिटरिंग की जाए ।

बैठक में अपर उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला, जिला परिवहन पदाधिकारी, डीसीएलआर धालभूम, जिला भू अर्जन पदाधिकारी, खनन, विद्युत, राज्य कर समेत अन्य सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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