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उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला परामर्शदात्रि समिति एवं जिला स्तरीय बैंकर्स समन्वय समिति की बैठक, कृषि ऋण, एमएसएमई लोन की स्वीकृति बढ़ाने और आदिम जनजातीय समुदाय तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाने पर विशेष जोर

समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला परामर्शदात्रि समिति एवं जिला स्तरीय बैंकर्स समन्वय समिति (डीएलसीसी) की बैठक आयोजित की गई, जिसमें अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, आरबीआई एलडीओ गौरव कुमार, डीडीएम नाबार्ड जस्मिका बासके सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों एवं विभागों के पदाधिकारी शामिल हुए

उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला परामर्शदात्रि समिति एवं जिला स्तरीय बैंकर्स समन्वय समिति की बैठक, कृषि ऋण, एमएसएमई लोन की स्वीकृति बढ़ाने और आदिम जनजातीय समुदाय तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाने पर विशेष जोर


जमशेदपुर- समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला परामर्शदात्रि समिति एवं जिला स्तरीय बैंकर्स समन्वय समिति (डीएलसीसी) की बैठक आयोजित की गई, जिसमें अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, आरबीआई एलडीओ गौरव कुमार, डीडीएम नाबार्ड जस्मिका बासके सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों एवं विभागों के पदाधिकारी शामिल हुए ।

बैठक में वार्षिक ऋण योजना (Annual Credit Plan) एवं उपलब्धियों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कृषि क्षेत्र में ऋण वितरण, फार्म और क्रॉप लोन की स्थिति, केसीसी (KCC) आवेदनों के निष्पादन, और एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि मात्र 46,573 किसानों तक केसीसी का लाभ पहुंचना चिंता का विषय है, छोटे एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता के साथ ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाए। केसीसी योजना के तहत कुछ बैंकों की शून्य उपलब्धि पर उपायुक्त द्वारा असंतोष व्यक्त करते हुए कारण स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, लक्ष्य की पूर्ति हेतु शीघ्र रणनीति तैयार करने का परामर्श दिया गया। वार्षिक ऋण योजना (ACP) के अन्य क्षेत्रों में प्रगति एवं बाधाओं की भी समीक्षा की गई।

उपायुक्त ने एचडीएफसी, बंधन, आईसीआईसीआई, और इंडिया बैंक जैसे कुछ बैंकों द्वारा सरकारी योजनाओं में रुचि न दिखाने पर अप्रसन्नता व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बैंकों को अपने सामाजिक दायित्वों को समझते हुए जनहितकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए। उन्होने बैंकों को प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण वितरण बढ़ाने और लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में यह भी पाया गया कि जिले के लगभग 22 हजार विशेष रूप से संवेदनशील आदिम जनजाति समुदायों तक बैंकों की सीधी पहुंच नहीं है, जिसे उपायुक्त ने अस्वीकार्य बताया। उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि वे इन क्षेत्रों तक अपनी पहुँच सुनिश्चित करें और किसानों को एनपीए या भूमि रिकॉर्ड के अभाव में आने वाली तकनीकी बाधाओं से अवगत कराते हुए जागरूकता अभियान चलाएं।
एमएसएमई, एजुकेशन लोन और बीमा योजनाओं की भी हुई गहन समीक्षा

उपायुक्त ने कहा कि एमएसएमई ऋण स्वीकृति की गति में तेजी लाते हुए इंडिया बैंक और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक को विशेष प्रयास करने होंगे। पीएम सूर्यघर योजना के प्रचार-प्रसार और लाभुकों को सब्सिडी प्रदान करने की प्रक्रिया को भी सरल और पारदर्शी बनाने पर बल दिया गया।

एजुकेशन लोन की समीक्षा में बंधन बैंक, आईडीएफ, इंडस बैंक, उज्जीवन बैंक एवं उत्कर्ष बैंक की धीमी प्रगति पर असंतोष जताया गया वहीं, पीएम जनधन योजना के तहत बैंक खाते खोलने और आधार सीडिंग, अटल पेंशन योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना में प्रगति की भी समीक्षा की गई।

उपायुक्त ने कहा कि सभी बैंक प्रो-एक्टिव होकर योजनाओं से पात्र नागरिकों को लाभान्वित करें। एयरटेल पेमेंट बैंक सर्विस के लाइसेंसधारी को उचित सेवा संचालन तथा साइबर सुरक्षा पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।

पीएमएफएमई योजना की समीक्षा के दौरान महिलाओं, वंचित वर्गों और विशेष रूप से संवेदनशील आदिम जनजातीय समूह को प्राथमिकता देने की बात कही गई। R-SETI के माध्यम से संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि प्रशिक्षण उपरांत युवाओं को ऋण सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कार्य किया जाए।

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