शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के जमशेदपुर विभाग द्वारा को-ऑपरेटिव महाविद्यालय में एक दिवसीय अभ्यास वर्ग का आयोजन भव्य रूप से किया गया
डॉ. विजय कुमार सिंह ने न्यास की स्थापना यात्रा एवं 2004 के शिक्षा बचाओ आन्दोलन से 2007 में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की स्थापना तक की प्रेरणादायक कथा साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे न्यास नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में प्रभावी भूमिका निभा रहा है

जमशेदपुर- आज शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के जमशेदपुर विभाग द्वारा को-ऑपरेटिव महाविद्यालय में एक दिवसीय अभ्यास वर्ग का आयोजन भव्य रूप से किया गया।
इस अभ्यास वर्ग में शिक्षा, संस्कृति एवं संगठन निर्माण से जुड़े अनेक विद्वान, प्रबुद्धजन एवं शिक्षाविदों की गरिमामयी उपस्थिति रही
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. पी.के. पाणी (कुलपति, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, जमशेदपुर) तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अंगद तिवारी (उपकुलपति, अरका जैन विश्वविद्यालय), डॉ. बी.एन. प्रसाद (पूर्व प्राध्यापक, एन.आई.टी. जमशेदपुर), डॉ. अमर सिंह (प्राचार्य, को-ऑपरेटिव महाविद्यालय) विद्यासागर लाभ जी (विभाग सह-कार्यवाह आर.एस.एस., जमशेदपुर), मनोज कुमार सिंह (पूर्व सदस्य, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार), डॉ. राजीव कुमार (प्राध्यापक, भौतिकी विभाग, जमशेदपुर को-ऑपरेटिव महाविद्यालय) सहित अनेक विशिष्ट अतिथिगण मंचासीन थे
इस अवसर पर डॉ. विजय कुमार सिंह (क्षेत्रीय संयोजक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं वरिष्ठ डीन, सरला बिरला विश्वविद्यालय), डॉ. पियूष रंजन (प्रान्त अध्यक्ष एवं कुलपति, झारखंड राय विश्वविद्यालय), महेन्द्र सिंह (प्रान्त संयोजक) डॉ. रंजीत प्रसाद (राष्ट्रीय सह-संयोजक, तकनीकी शिक्षा विभाग, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास) तथा डॉ. कविता परमार (जमशेदपुर विभाग संयोजिका) श्री श्रीमन नारायण त्रिगुण, प्रान्त संयोजक प्रतियोगी परीक्षा, डॉ. रागिनी भूषण संयोजिका शिक्षा में स्वायत्ता, जमशेदपुर महानगर ने अभ्यास वर्ग की गरिमा बढ़ाई।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। डॉ. कविता परमार द्वारा सभी अतिथियों का परिचय कराया गया तथा डॉ. अमर सिंह द्वारा उनका सम्मान किया गया।
प्रथम सत्र की शुरुआत डॉ. अमर सिंह के स्वागत भाषण से हुई जिसमें उन्होंने उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया। तत्पश्चात डॉ. रंजीत कर्ण (विभागाध्यक्ष, भौतिकी विभाग, कोल्हान विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय संयोजक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास) ने विषय प्रवेश कराते हुए अभ्यास वर्ग की संकल्पना और उद्देश्य पर प्रकाश डाला
डॉ. विजय कुमार सिंह ने न्यास की स्थापना यात्रा एवं 2004 के शिक्षा बचाओ आन्दोलन से 2007 में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की स्थापना तक की प्रेरणादायक कथा साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे न्यास नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में प्रभावी भूमिका निभा रहा है। महेन्द्र सिंह ने न्यास के विभिन्न विषय, कार्यविभाग एवं उनमें सहभागिता की प्रक्रिया को स्पष्ट किया।
इस सत्र का अध्यक्षीय भाषण डॉ. पी.के. पाणी ने दिया, जिसमें उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा एवं नवाचार को लेकर अपने विश्वविद्यालय में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी
द्वितीय सत्र में डॉ. अंगद तिवारी ने आत्मानुभूतियों के आधार पर प्रबंधन की शिक्षा पर विचार साझा किए। डॉ. रंजीत प्रसाद ने संगठन विस्तार एवं कार्यकर्ता विकास पर सारगर्भित वक्तव्य देते हुए ‘आत्मानुशासन से ही संगठन निर्माण’ की भावना को रेखांकित किया
अंत में डॉ. पियूष रंजन ने समापन संबोधन में सभी प्रतिभागियों में नई ऊर्जा एवं उत्साह का संचार किया। धन्यवाद ज्ञापन मंजू सिंह (महानगर सह-संयोजिका) द्वारा प्रस्तुत किया गया
कार्यक्रम का संचालन प्रो. अमर नाथ सिंह (महानगर सह-संयोजक) द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया। इस अभ्यास वर्ग में कोल्हान प्रमंडल के 10 से अधिक विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विद्यालयों से आए लगभग 50 प्रतिभागियों ने सहभागिता की
यह अभ्यास वर्ग न केवल बौद्धिक विमर्श का केंद्र बना, बल्कि शिक्षकों, विद्वानों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रेरणास्पद मार्गदर्शन मंच भी सिद्ध हुआ