सीएसआईआर-जिज्ञासा वर्चुअल प्रयोगशाला परियोजना के अंतर्गत सीएसआईआर-एनएमएल ने एक दिन वैज्ञानिक के रूप में कार्यक्रम 21 से 25 जुलाई 2025 तक आयोजित किया
सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (CSIR-NML), जमशेदपुर ने एक दिन वैज्ञानिक के रूप में (ODAS) कार्यक्रम को 21 से 25 जुलाई 2025 तक सीएसआईआर-जिज्ञासा पहल के तहत सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस कार्यक्रम में पूर्वी सिंहभूम जिले के 10–12 स्कूलों के 500 से अधिक छात्रों ने भाग लिया

सीएसआईआर-जिज्ञासा वर्चुअल प्रयोगशाला परियोजना के अंतर्गत सीएसआईआर-एनएमएल ने एक दिन वैज्ञानिक के रूप में कार्यक्रम 21 से 25 जुलाई 2025 तक आयोजित किया
जमशेदपुर- सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (CSIR-NML), जमशेदपुर ने एक दिन वैज्ञानिक के रूप में (ODAS) कार्यक्रम को 21 से 25 जुलाई 2025 तक सीएसआईआर-जिज्ञासा पहल के तहत सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस कार्यक्रम में पूर्वी सिंहभूम जिले के 10–12 स्कूलों के 500 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा देना था जिसमें उन्हें वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से प्रत्यक्ष बातचीत प्रयोगात्मक गतिविधियों और अत्याधुनिक शोध सुविधाओं का अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला।
यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात के 119वें संस्करण (23 फरवरी 2025) में व्यक्त उस दृष्टिकोण के अनुरूप था जिसमें उन्होंने छात्रों को वैज्ञानिक संस्थानों में समय बिताने और विज्ञान तथा नवाचार के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया था
डॉ. संदीप घोष चौधुरी निदेशक सीएसआईआर-एनएमएल ने स्वागत भाषण के दौरान युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करने हेतु प्रारंभिक अनुसंधान संपर्क के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. सर्मिष्ठा पालित सागर, प्रमुख, आईएमडीसी ने कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि “एक दिन वैज्ञानिक के रूप में” कार्यक्रम किस प्रकार युवाओं को प्रेरित करता है। डॉ. अनिमेष जाना, जिज्ञासा समन्वयक, सीएसआईआर-एनएमएल ने प्रतिदिन की गतिविधियों का संचालन और मार्गदर्शन किया, जिससे पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन सुनिश्चित हुआ
छात्रों को रसायन विज्ञान, ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग, यांत्रिक परीक्षण, पिघलाने और ढलाई, तथा नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग जैसी प्रमुख शोध प्रयोगशालाओं का भ्रमण कराया गया। उन्होंने व्यावहारिक प्रयोगों में भाग लेकर वैज्ञानिक प्रक्रियाओं की वास्तविक जानकारी प्राप्त की।
डॉ. प्रतिमा मेश्राम, डॉ. जय चक्रवर्ती और डॉ. श्रीदा पी. द्वारा दिए गए प्रेरणादायक व्याख्यानों ने छात्रों को विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। यह कार्यक्रम अनुभवात्मक शिक्षण को बढ़ावा देने में प्रभावी रहा और युवाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने में सहायक सिद्ध हुआ