पूर्ववर्ती और नियमित छात्र छात्राएं एलवीएसएम कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से कुलसचिव कोल्हन विश्वविद्यालय चाईबासा को ज्ञापन सौंपा
कोल्हन विश्वविद्यालय के सत्र (2025-29) में स्रातक पाठ्यक्रम के लिए नामांकन में मानविकी विषय से संबंधित मेजर विषयों के वैकल्पिक पत्र एसोसिएट पेपर के रूप में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा (संथाली, हो, कुरमाली इत्यादि) को शामिल किए जाने को लेकर कॉलेज के पूर्ववर्ती एवं नियमित छात्र छात्राओं ने कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा

पूर्ववर्ती और नियमित छात्र छात्राएं एलवीएसएम कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से कुलसचिव कोल्हन विश्वविद्यालय चाईबासा को ज्ञापन सौंपा
जमशेदपुर – कोल्हन विश्वविद्यालय के सत्र (2025-29) में स्रातक पाठ्यक्रम के लिए नामांकन में मानविकी विषय से संबंधित मेजर विषयों के वैकल्पिक पत्र एसोसिएट पेपर के रूप में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा (संथाली, हो, कुरमाली इत्यादि) को शामिल किए जाने को लेकर कॉलेज के पूर्ववर्ती एवं नियमित छात्र छात्राओं ने कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा। छात्र छात्राओं का उपरोक्त विषय के संबंध में कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी स्रातक पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु विषय सूची में निर्धारित मानविकी के मेजर विषय के वैकल्पिक पत्र एसोसिएट कोर्स पेपर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा (संथाली हो, कुरमाली इत्यादि) को भी शामिल किया जाय क्योंकि इसके पूर्व के सत्र में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं को मेन पेपर के रूप में लेने का प्रावधान था। वर्तमान पाठ्यक्रम में मेन पेपर को अतिरिक्त पेपर बना दिया गया है। कुलपति का ध्यान निम्न बिंदुओं की ओर आकर्षित करना हैं – क) झारखंड की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं को रखा गया है। अतिरिक्त पेपर में जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा को रखने पर विद्यार्थीगण लाभान्वित होंगे।
ख) कोल्हान विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालय संबंध महाविद्यालय जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा बहुल क्षेत्र में ही अवस्थित हैं इसलिए कोल्हान के हरेक महाविद्यालय में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के विद्यार्थी बहुतायत में हैं
ग) जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाएं विलुप्त के कगार पर हैं जिनके उत्थान के लिए यह कदम अति आवश्यक है।
घ) इस कार्य से जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के साहित्य सृजन में विद्यार्थियों की रुचि बढ़ेगी। अतः कुलपति से निवेदन पूर्वक यह मांग है कि मेजर पेपर – इतिहास, पोलिटिकल सांइस, भुगोल, इकोनॉमिक, Anthropology, फीलोसपी, साइकोलॉजी इत्यादि वानिकी से संबंधित विषयों के साथ वैकल्पिक पत्र एसोसिएट कोर्स पेपर के रूप में जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा- संथाली, हो, कुरमाली इतनी भाषा को जोड़ने की कृपा की जाए। हमारी यह मांगे पूरी तरह उचित हैं, जिन्हें पूरा करने की हम आपसे आशा करते है। ऐसे नहीं होने पर विद्यार्थीगण आंदोलन के लिए भी विवश हो सकते हैं
प्रतिनिधि मंडल में आनंद बेसरा, मानस सरदार, विक्रम हेंब्रम, रघुनाथ मुर्मू, बुधुराम मुर्मू, सविता सोरेन, अनिता सोरेन, कर्मी माझी, रीया मुर्मू आदि अन्य कई लोग शामिल थे