पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर एक हजार के नोट को पुनः प्रचलन में लाने हेतु किया अनुरोध
पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष मुकेश मित्तल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एक रुपये के नोट को पुनः प्रचलन में लाने हेतु किया अनुरोध करते हुए बताया कि एक रुपये का नोट न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है

पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर एक रुपये के नोट को पुनः प्रचलन में लाने हेतु किया अनुरोध
पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष मुकेश मित्तल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एक रुपये के नोट को पुनः प्रचलन में लाने हेतु किया अनुरोध करते हुए बताया कि एक रुपये का नोट न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यद्यपि एक रुपये का सिक्का अब भी चलन में है परंतु एक रुपये के नोट का महत्व मात्र एक मुद्रा तक सीमित नहीं है। सनातन धर्म की परंपराओं में एक रुपये का नोट अत्यंत शुभ और आवश्यक माना गया है। जब भी कोई दान, पूजन, दक्षिणा या किसी धार्मिक कार्य में धन प्रदान किया जाता है उसे संपूर्णता और मंगलता के प्रतीक रूप में एक रुपये जोड़कर दिया जाता है जैसे ₹101, ₹501, ₹1001 रुपये आदि
मुकेश मित्तल ने आगे पत्र में लिखा कि इस परंपरा के पीछे मान्यता है कि कोई भी दान, दक्षिणा या आशीर्वाद अखंडता और वृद्धि का प्रतीक होना चाहिए, और ₹1 का नोट उस “शुभ आरंभ और अक्षय फल” का संकेत है।
कुछ प्रमुख कारण जिनसे एक रुपये का नोट पुनः प्रचलन में लाना आवश्यक है:
1.धार्मिक महत्त्व: अधिकांश धार्मिक अनुष्ठानों, विवाहों, व्रत-त्योहारों, दान-दक्षिणा में ₹1 के नोट की विशिष्ट आवश्यकता होती है।
2.सांस्कृतिक पहचान: यह भारतीय संस्कृति की एक विशेष परंपरा है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है।
3.सिक्के की तुलना में नोट का व्यवहारिक पक्ष: कई वरिष्ठ नागरिकों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को सिक्के की तुलना में नोट अधिक सुगमता से उपयोगी और स्वीकार्य लगते हैं।
4.उपहार और सम्मान के अवसर पर: किसी को सम्मान या शुभकामनाएं स्वरूप दी जाने वाली राशि में ₹1 के नोट का प्रयोग एक परंपरा बन चुका है।
5.संग्रहण और स्मृति चिह्न: बहुत से लोग ₹1 के नोट को शुभ मानकर सुरक्षित रखते हैं। ये आर्थिक से ज़्यादा भावनात्मक मूल्य रखते हैं।
प्रधानमंत्री से निवेदन करते हुए मुकेश मित्तल ने मांग की एक रुपये के नोट को पुनः कानूनी मुद्रा (Legal Tender) के रूप में जारी किया जाए तथा भारतीय रिज़र्व बैंक को इस संदर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए जाएं।