पायरागुड़ी गांव में माताजी आश्रम का 26 वां तथा झारखंड का 36 वा अपुर पाठशाला खोली गई बंगला सीखने के लिए बच्चों में काफी उत्साह,120 बच्चे ने किया नामांकन मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं,,,््््््््््््््््् सुनील कुमार दे
रथ यात्रा के पावन अवसर पर पायरागुड़ी गांव में झारखंड बंगला भाषा उन्नयन समिति के जन जागरण कार्यक्रम के तहत माताजी आश्रम हाता की ओर से 26 वां तथा झारखंड में 36 वां अपुर पाठशाला खोली गई इस पाठशाला के माध्यम से बंगला भाषी छात्र छात्राओं को निःशुल्क बंगला भाषा की शिक्षा दी जा रही है।कार्यक्रम का शुभारंभ साहित्यकार,समाज सेवी तथा माताजी आश्रम के संरक्षक सुनील कुमार दे ने धूप दीप प्रज्वलित कर तथा सरस्वती मां की प्रतिकृति पर पुष्प प्रदान कर के किया

पायरागुड़ी गांव में माताजी आश्रम का 26 वां तथा झारखंड का 36 वा अपुर पाठशाला खोली गई
बंगला सीखने के लिए बच्चों में काफी उत्साह,120 बच्चे ने किया नामांकन मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं,,,््््््््््््््््् सुनील कुमार दे
जमशेदपुर- आज रथ यात्रा के पावन अवसर पर पायरागुड़ी गांव में झारखंड बंगला भाषा उन्नयन समिति के जन जागरण कार्यक्रम के तहत माताजी आश्रम हाता की ओर से 26 वां तथा झारखंड में 36 वां अपुर पाठशाला खोली गई
इस पाठशाला के माध्यम से बंगला भाषी छात्र छात्राओं को निःशुल्क बंगला भाषा की शिक्षा दी जा रही है।कार्यक्रम का शुभारंभ साहित्यकार,समाज सेवी तथा माताजी आश्रम के संरक्षक सुनील कुमार दे ने धूप दीप प्रज्वलित कर तथा सरस्वती मां की प्रतिकृति पर पुष्प प्रदान कर के किया
शिक्षाविद तथा ग्राम प्रधान बासंती सिंह सरदार ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए माताजी आश्रम का इस प्रयास का सराहना की रेवा गोस्वामी ने मां सरस्वती की गीत प्रस्तुत करते हुए बच्चों को बंगला सीखने के लिए प्रेरित किया।इस अवसर पर सुनील कुमार दे ने कहा,्मैं्मै्मैं्म्मैं्मै्मैं्म्मैं्मै्मैं्म्मैं्मै्मैं्म कि मैं पायरागुड़ी गांव के बच्चें और अभिभावकों के अंदर बंगला भाषा के प्रति उत्साह और सीखने की प्रबल ईच्छा देखकर काफी प्रभावित हूँ।मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं है।मातृभाषा का जगह दूसरा कोई भाषा नहीं ले सकती है इसलिए सभी को अपनी मातृभाषा सीखनी चाहिए
समाजसेवी सह कलाकार सुबोध गराई ने कहा,,बच्चे बंगला सीखना चाहता है और अभिभावक भी बच्चे को बंगला सीखाना चाहते हैं लेकिन सरकारी विद्यालयों में इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए बच्चे मातृभाषा से बंचित हो रहे हैं।हमलोग अपुर पाठशाला के माध्यम से बच्चे को अपनी मातृभाषा बंगला को सीखाने का प्रयास कर रहे हैं।शिक्षाविद भवतारण मंडल ने कविता और संगीत के माध्यम से बंगला भाषा की महिमा का गुणगान किया और बच्चे को बंगला सीखने के लिए आहवान किया।प्रभात मुखर्जी,मृणाल पाल,बलराम गोप और विकाश कुमार भकत ने भी बच्चे को आशीर्वाद देते हुए अपनी मातृभाषा को सीखने के लिए अनुरोध किया नित्यानंद गोस्वामी ने बंगला क्लास लिया तथा माताजी आश्रम की ओर से बंगला सीखने के लिए वर्ण परिचय पुस्तक प्रदान किया गया।अंत में धन्यवाद ज्ञापन पंकज साहू ने दिया।इस अवसर पर 120 बच्चों ने बंगला सीखने के लिए नामांकन किया प्रत्येक रविवार को सुबह 9 बजे बासंती सिंह सरदार और पंकज साहू ने बच्चे को निःशुल्क बंगला सीखायेंगे इस अवसर पर काफी संख्या में गांव के अभिभावक और विभिन्न विद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन सुनील कुमार दे ने किया