लालू यादव के गोद में राजनीति करने वाले नीतीश अब जे.पी,कर्पूरी के शिष्य नहीं रहे आदतन अभद्र भाषा का प्रयोग करना मानसिक दिवालियापन – कैलाश यादव
नागरिकता तय करना चुनाव आयोग का काम नहीं SIR के नाम पर दलित मजदूर कमजोर लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर करना अनुचित

लालू यादव के गोद में राजनीति करने वाले नीतीश अब जे.पी,कर्पूरी के शिष्य नहीं रहे आदतन अभद्र भाषा का प्रयोग करना मानसिक दिवालियापन – कैलाश यादव
नागरिकता तय करना चुनाव आयोग का काम नहीं SIR के नाम पर दलित मजदूर कमजोर लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर करना अनुचित
रांची- आज राजद महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग संवैधानिक तौर पर निष्पक्ष संस्था होती है लेकिन इन दिनों आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR के माध्यम से बिहार के दलित मजदूर किसान एवं कमजोर परिवार के लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर कर रहा है और SIR के डॉक्यूमेंट्री आधार पर बड़ी संख्या में रोजी रोजगार के लिए पलायन हुए लोगों को भी वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा ! इसका मतलब करोड़ो गरीब मजदूर क्लास के लोग वोट नहीं दे पाएंगे
विदित है चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण में नागरिकों को आधार कार्ड वोटर कार्ड राशन कार्ड को मान्यता नहीं देने का घोषणा किया है जो 11 डॉक्यूमेंट्स मांगा गया है वह रोज कमाने खाने वाले और ग्रामीण गरीब मजदूर किसान कहां से दे पाएगा इसलिए चुनाव आयोग का SIR प्रक्रिया अनुचित है
देश का संवैधानिक संस्थान चुनाव आयोग आखिरकार इतनी हठधर्मिता क्यों दिखा रहा है निश्चित रूप से कहीं न कहीं केंद्र की मोदी सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है
श्री यादव ने कहा कि ज्ञात होना चाहिए दलित मजदूर किसान एवं दबे कुचले वर्ग के अधिकांश लोग राजद के समर्थक और वोटर्स हैं बीजेपी चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर दलित गरीब तबके लोगो को वोट देने से रोकना चाहती हैं
राजद की ओर से चुनाव आयोग और मोदी सरकार से सवाल ?
1. घुसपैठ के नाम पर नागरिकता तय करना चुनाव आयोग का काम नहीं यह विषय गृह मंत्रालय के अधीन होता है बावजूद SIR के नाम पर लोगों की नागरिकता क्यों तय की जा रही है
2. चुनाव आयोग बताए SIR के नाम पर अभी तक कितने बांग्लादेशी नेपाली और किसी अन्य देशों के नागरिक पाए गए
3. संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग का बिहार विधानसभा चुनाव के समय विशेष गहन पुनरीक्षण SIR करना निष्पक्षता पर सवाल उठता है
4. मात्र 100 दिन के समीप बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव होना है इस परिस्थिति में SIR कराने की जिद्द क्यों किया जा रहा है जबकि यह प्रक्रिया लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद किया जा सकता था
कैलाश यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब से भाजपा के साथ सत्ता में गए हैं उनका भाषाई मर्यादा अभद्र हो गया है,आज बिहार विधानसभा में सदन में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को राजद सुप्रीमो लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर अमर्यादित टिपण्णी किया
विदित हो कि नीतीश कुमार का राजनीतिक जीवन राजद सुप्रीमो लालू प्र यादव के गोद में रहा है लालूजी ने नीतीश कुमार को हमेशा सम्मानपूर्वक छोटे भाई का संज्ञा दिया लेकिन इन दिनों नीतीश कुमार मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और बराबर तेजस्वी को नीचा दिखाने का काम करते हैं जो अशोभनीय और अमर्यादित है
श्री यादव ने कहा कि नीतीश कुमार की पहचान जेपी और कर्पूरी ठाकुर के विचारधारा के रूप ने एक सेक्युलर नेता मानी जाती थी लेकिन अब उनका आचरण जेपी और कर्पूरी का शिष्य के तौर पर नहीं रहा ! निश्चित रूप से नीतीश कुमार को इस व्यवहार का खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में चुकाना पड़ेगा