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एनआईटी जमशेदपुर द्वारा विद्युत वायरिंग , घरेलू और औद्योगिक अनुप्रयोग विषय पर 7 से 11 जुलाई तक 5 दिवसीय कौशल कार्यशाला का शुभारंभ किया गया

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग द्वारा “विद्युत वायरिंग , घरेलू और औद्योगिक अनुप्रयोग” विषय पर पांच दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन दिनांक 7 जुलाई से 11 जुलाई 2025 तक किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ आज विधिवत रूप से किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावसायिक रूप से घरेलू एवं औद्योगिक विद्युत वायरिंग की तकनीकी जानकारी एवं व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है

एनआईटी जमशेदपुर द्वारा विद्युत वायरिंग , घरेलू और औद्योगिक अनुप्रयोग विषय पर 7 से 11 जुलाई तक 5 दिवसीय कौशल कार्यशाला का शुभारंभ किया गया

जमशेदपुर – राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग द्वारा “विद्युत वायरिंग , घरेलू और औद्योगिक अनुप्रयोग” विषय पर पांच दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन दिनांक 7 जुलाई से 11 जुलाई 2025 तक किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ आज विधिवत रूप से किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावसायिक रूप से घरेलू एवं औद्योगिक विद्युत वायरिंग की तकनीकी जानकारी एवं व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है
पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर कार्यशाला का उदघाटन एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. डॉक्टर गौतम सूत्रधार के कर-कमलों द्वारा हुआ। उन्होंने उदघाटन भाषण में कहा कि “आज के युग में व्यावहारिक तकनीकी कौशल ही विद्यार्थियों को वास्तविक उद्योग जगत के लिए तैयार करता है। निदेशक ने छात्रों से सवाल जवाब भी किया जिससे छात्र बहुत उत्साहित थे वहीं मौके पर उपस्थित प्रो. डॉक्टर सतीश कुमार (डीन, आरएंडसी) ने भी अपने विचार साझा किए और विद्यार्थियों को नवाचार के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का समग्र मार्गदर्शन डॉक्टर सुप्रियो दास द्वारा किया गया। उनके तकनीकी दिशा-निर्देशों ने इस कार्यशाला को और अधिक व्यावहारिक और प्रभावशाली बनाया। कार्यक्रम की संयोजक टीम में मुख्य रूप से डॉ. आलोक प्रियदर्शी, डॉ. अन्नयो भट्टाचार्य एवं डॉ. कुंदन कुमार आदि शामिल थे । इन्होंने योजना से लेकर कार्यान्वयन तक कार्यशाला की संपूर्ण रूपरेखा का सफल संचालन किया। वहीं कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में डॉ. रवि भूषण एवं डॉ. शुभांशु कुमार तिवारी रहे जिन्होंने तकनीकी सत्रों, प्रयोगात्मक अभ्यासों और प्रतिभागियों की आवश्यकताओं का उत्कृष्ट समन्वय सुनिश्चित किया। कन्वीनर और कोऑर्डिनेटर की कड़ी मेहनत के वजह से बहुत दूर-दूराज गांव से भी छात्र इस कार्यशाला में सक्रियता से भाग लिए । इस प्रशिक्षण कार्यशाला में इंडो डैनिश टूल रूम और पॉलीटेक्निक के छात्र भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं । यहाँ करीब 58 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इस कार्यशाला की सफलता में पीएचडी शोधार्थियों का भी अहम योगदान रहा।
अभिषेक कुमार सिन्हा, रंजन कुमार, आनंद कुमार, अमित आर्यन और अमित भारती ने तकनीकी, पंजीकरण, लॉजिस्टिक्स और ग्राउंड समन्वय से संबंधित सभी कार्यों को अत्यंत कुशलता से संभाला। इसके अतिरिक्त, द्वितीय वर्ष की छात्रा रोशनी कुमारी ने भी आयोजन के दौरान प्रतिभागियों के मार्गदर्शन एवं संचालन में सराहनीय सहयोग प्रदान किया। उनकी सक्रिय भागीदारी ने कार्यक्रम को सहज रूप से संचालित करने में सहायता की। पूर्ण रूप से विद्युत अभियांत्रिकी विभाग द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला ने प्रतिभागियों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान से परिचित कराया, बल्कि उन्हें वास्तविक वायरिंग और इंस्टॉलेशन से जुड़ी व्यावहारिक चुनौतियों का अनुभव भी प्रदान किया। एनआईटी जमशेदपुर का यह प्रयास विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से दक्ष एवं उद्योग-तैयार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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