धनकड़ उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया नहीं दिलवाया गया मोदी शासन में जो मन की बात सुनेगा वही चेयर पर राज करेगा- कैलाश यादव
जे पी नड्डा ने राज्यसभा में देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संवैधानिक पदों का अपमान किया एवं अहंकारी शासन का परिचय दिया

धनकड़ उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया नहीं दिलवाया गया मोदी शासन में जो मन की बात सुनेगा वही चेयर पर राज करेगा- कैलाश यादव
जे पी नड्डा ने राज्यसभा में देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संवैधानिक पदों का अपमान किया एवं अहंकारी शासन का परिचय दिया
जमशेदपुर- आज राजद महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने कहा कि आजाद भारत में पहली बार उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनकड़ ने इस्तीफा दिया है जो अत्यंत अफसोसजनक एवं चिंताजनक विषय है
विदित हो कि केंद्र में वर्ष 2014 से मोदी सरकार के शासनकाल में बीजेपी नेताओं एवं मंत्रियों द्वारा खुलेआम देश की लोकतांत्रिक और संवैधानिक व्यवस्था का घोर अपमान किया जा रहा है ! जिससे न्यायपालिका विधायिका कार्यपालिका और स्वतंत्र पत्रकारिता की स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है
विदित है देश में कल कई अनहोनी समाचार प्रकाशित में आया जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ का इस्तीफा और सुप्रीम कोर्ट एवं मद्रास हाईकोर्ट द्वारा ईडी के राजनैतिक इस्तेमाल होने पर जमकर फटकार लगाने जैसे विषय चर्चा में आए
ज्ञात हो कि देश के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ पहले की तरह इत्मीनान मूड में दिन भर राज्यसभा के चेयर पर विराजमान रहकर सदन को शेयर करते रहें और शाम होने के उपरांत अचानक राष्ट्रपति से मिलकर अपने स्वास्थ कारणों का हवाला देते हुए ट्विटर ‘ X’ अकाउंट के माध्यम से इस्तीफे की घोषणा कर दिया ! जिससे पूरा देश स्तब्ध हो गया
श्री यादव ने कहा कि कल राज्यसभा अपर हाउस में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर रहे नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने टेबल एड्रेस करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ से कहा कि राष्ट्रहित में सरकार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा अविलंब कराने पर निर्णय लेना चाहिए उस दौरान उपराष्ट्रपति धनकड़ ने नेता सदन जे पी नड्डा को इशारा करते हुए कहा कि सरकार का जवाब दीजिए इस बात पर जेपी नड्डा ने तल्ख टिपण्णी अख्तियार करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर की हुई कोई भी बात सदन के रिकॉर्ड पर नहीं जायेगा
नड्डा द्वारा यह बात कहना संवैधानिक पद पर बैठे उपराष्ट्रपति के चेयर का घोर अपमान हुआ नियमानुसार उपराष्ट्रपति का जवाब नेता सदन नहीं दे सकते है यह न्यायसंगत नहीं है यह बातें साफ और तौर पर लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने एवं अपमान करने के सम्मान है निश्चित रूप से समझा जाना चाहिए कि इस तरह की बाते मोदी के अहंकारी शासन का परिचय दिया गया है
कई ऐसे विषय है जिससे उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ को आहट करती रही सार्वजनिक रूप से धनकड़ को सम्मान न कर अपमान करना और उपराष्ट्रपति के बुलावे पर जरूरी बैठकों में शामिल नहीं होना भी बीजेपी नेताओं की आदत सी रही है इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि मोदी समूह द्वारा जगदीप धनकड़ पर इस्तीफे देने का दबाव बनाया गया जिस कारण स्वाभिमान सर्वोपरि को देखते हुए एवं स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जगदीप धनकड़ ने इस्तीफा दे दिया
श्री यादव ने कहा कि दूसरी ओर न्यायिक रूप से देश को एक और बड़ी समाचार प्रकाश में आया जब माननीय सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट ने ईडी द्वारा सत्ता के इशारे पर पक्षपात कार्यशैली अपनाने पर जमकर फटकार लगाई
गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पत्नी बीएम पार्वती पर वहां के हाउसिंग सोसाइटी जमीन के एक मामले (MUDA) को लेकर ईडी ने सम्मन भेजा था और कारवाई करने का संकेत दिया था जबकि इस विषय पर विगत मार्च महीने में ही कर्नाटक हाइकोर्ट ने सम्मन को रद्द कर दिया था लेकिन ईडी ने राजनीति से प्रेरित होकर सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी थी इस दौरान सुप्रीमकोर्ट ने ईडी को जमकर लताड़ लगाई और हिदायत दी कि संवेदनशील विषयों पर ईडी राजनीतिक इस्तेमाल न हो और न्यायिक प्रक्रिया का स्वाभाविक पालन करें
श्री यादव ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार में बैठे सभी मंत्री एवं भाजपा शासित प्रदेश मुख्यमंत्री लोकतांत्रिक व्यवस्था को तार तार करने पर आतुर है कोई भी संवैधानिक व्यवस्था सुरक्षित नहीं है अलोकतांत्रिक तरीके से कार्य कर रहे भाजपा राजनेता देश के लिए घातक संदेश दे रहे हैं देश प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों तथा पत्रकारों की स्वतंत्रता पर रोक लगाने का काम किया जा रहा है जो काफी चिंताजनक सवाल है