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चौहान जी ने स्वयं को एक स्वस्थ और ऊर्जावान उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया

80 वर्ष की आयु में भी वे पूर्ण रूप से सक्रिय और फिट हैं। उन्होंने भोजन और जल सेवन का समय भी महत्वपूर्ण बताया "हमें तभी खाना चाहिए जब हमें भूख लगे और तभी पानी पीना चाहिए जब प्यास लगे।" उन्होंने बताया कि यदि हम यह दिनचर्या लगातार अपनाएं, तो शरीर में पर्याप्त जल संचित रहेगा और बार-बार प्यास नहीं लगेगी

जमशेदपुर- चौहान जी ने स्वयं को एक स्वस्थ और ऊर्जावान उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। 80 वर्ष की आयु में भी वे पूर्ण रूप से सक्रिय और फिट हैं। उन्होंने भोजन और जल सेवन का समय भी महत्वपूर्ण बताया “हमें तभी खाना चाहिए जब हमें भूख लगे और तभी पानी पीना चाहिए जब प्यास लगे।” उन्होंने बताया कि यदि हम यह दिनचर्या लगातार अपनाएं, तो शरीर में पर्याप्त जल संचित रहेगा और बार-बार प्यास नहीं लगेगी

उन्होंने कहा कि मैं पिछले एक घंटे से बोल रहा हूँ लेकिन मुझे पानी की आवश्यकता नहीं पड़ी उन्होंने यह भी बताया कि यदि दिनचर्या शुद्ध हो जाए तो सुबह उठते ही मुँह में ताजगी महसूस होगी और ब्रश करना मात्र औपचारिकता बन जाएगा

उन्होंने यह भी कहा कि आज की विज्ञान-प्रेरित जीवनशैली ने हमें प्राकृतिक भोजन और सब्जियों की सुंदरता से दूर कर दिया है अब समय है कि हम पुनः प्रकृति से जुड़ें।

आध्यात्मिक पक्ष में ब्रह्माकुमारी अंजू बहन ने सभी को आध्यात्मिक ज्ञान से प्रकाशित किया

उन्होंने ईश्वर के सत्य के बारे में बताया कि ईश्वर

एक है और ज्योति स्वरूप है, जिसे सभी किसी न किसी रूप में पूजते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि हम सच्चे और अच्छे कर्म करें, तो जीवन में कोई बुरा अनुभव नहीं आएगा। प्रकृति ऐसे कर्मों का कई गुना फल हमें स्वतः लौटा देती है। “हमें सदा दानशील और सेवा भाव से युक्त रहना चाहिए उन्होंने कहा कि अब प्रतिभागी शारीरिक और आत्मिक दोनों ही दृष्टिकोण से ऊर्जावान और प्रेरित महसूस कर रहे हैं। जमशेदपुर के अन्य लोग भी अगले 3 दिनों तक इस शिविर में भाग ले सकते हैं और वास्तविक प्राकृतिक आहार के माध्यम से असली स्वास्थ्य का अदभुत ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं

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