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बाबूलाल रघुवर ईर्ष्याभरी राजनीति से बचे विश्व शांति नोबेल और भारत रत्न से सुशोभित मदर टेरेसा के अतुल्नीय कार्यों का प्रशंसक थे अटल आडवाणी- कैलाश यादव

अटल क्लीनिक के जगह मदर टेरेसा क्लीनिक खोलने का फैसला बिल्कुल सही है इसमें भाजपा नेताओं को विरोध करने की बजाय उनके देश के प्रति सेवा भाव को याद कर सम्मानित करने की सोच होनी चाहिए और नकारात्मक विचार को खत्म कर राज्यहित में सरकार के फैसले का स्वागत करना चाहिए

बाबूलाल रघुवर ईर्ष्याभरी राजनीति से बचे विश्व शांति नोबेल और भारत रत्न से सुशोभित मदर टेरेसा के अतुल्नीय कार्यों का प्रशंसक थे अटल आडवाणी- कैलाश यादव

रांची- आज राजद महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मदर टेरेसा क्लीनिक खोलने के फैसला का तहेदिल से प्रशंसा किया है

मदर टेरेसा क्लीनिक खोलने के फैसले के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास जैसे नेता ओछी राजनीति का परिचय दे रहे हैं इन लोगों को अपनी यादाश्त मजबूत करने की आवश्यकता है क्योंकि इन्हें याद होना चाहिए कि भाजपा के संस्थापक नेता देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी एवं उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री रहे लालकृष्ण आडवाणी ने मदर टेरेसा से मुलाकात कर उनके अतुल्नीय एवं ऐतिहासिक कार्यों का प्रशंसा कर अपने आप को बड़ा प्रशंसक बताया था

श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा अटल क्लीनिक का नाम बदल कर मदर टेरेसा क्लीनिक नाम करने का झारखंड अस्मिता के लिए भाजपा नेताओं को स्वागत करना चाहिए
जहां तक नाम बदलने की बात हो तो आजाद भारत में सबसे ज्यादा नाम बदलने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा मुख्यमंत्रियों द्वारा किया गया है विगत समय में देश के अनेकों सम्मानित विभूतियों एवं प्रतीकों का नाम बदला गया है

श्री यादव ने कहा कि मदर टेरेसा त्याग तपस्या और संघर्ष की प्रतिमूर्ति हैं उन्होंने कम उम्र समय से ही सामाजिक कार्यों में रुचि दिखाई उन्होंने कैथोलिक संत एवं नन के रूप करुणा और प्रेम का संदेश दिया जिसके चलते उन्हें मनता की मूर्ति और विश्व की मां का संज्ञा मिला

विदित है मदर टेरेसा ने मात्र 13 लोगों के साथ मिशनरी ऑफ चैरिटी की स्थापना कर भारत सहित दुनिया के लगभग 500 स्थानों में मिशन चलाएं
मदर टेरेसा अपना पूरा जीवन सहयोगियों के साथ कुष्ठ रोगियों के लिए वृद्धाश्रम कॉलोनी गरीब भूखे अनाथ बेसहारा के लिए घर गंभीर बीमार लोगों के लिए धर्मशालाएं बनवाने जैसे अनेकों कार्यों में समर्पित कर दिया
वे निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा की ओर करुणा एवं प्रेम से ममता की मूर्ति बन कर कार्य करते रही ! मदर टेरेसा निर्भीकता पूर्ण एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों की देखभाल करती थी ऐसे कार्यों के मदर टेरेसा को काफी प्रशंसा मिली

मदर टेरेसा को वर्ष 1979-80 में भारत के लोगों के प्रति उनकी मानवीय सेवाओं के लिए भारत सरकार ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान नोबेल शांति पुरस्कार एवं भारत रत्न से सम्मानित किया

मदर टेरेसा ने लोगों को सीख के रूप में संदेश दिया

सेवा का महत्व : सबसे बड़ा धर्म दूसरों की मदद करना !

प्रेम और करुणा : कोई भी हो सभी के प्रति प्रेम और करुणा रखें

सहानुभूति : दूसरे के दर्द को समझें और सहानुभूति रखें

निस्वार्थ : बगैर किसी स्वार्थ के दूसरे मदद करें

दृढ़ संकल्प :लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ रहें चाहे रास्ते कितने भी कठिन हों

मदर टेरेसा की सेवा भावना और सीख संदेश ने देश दुनिया को प्रेरित करता है जिन्होंने पूरी जीवन सेवा स्वास्थ क्षेत्र में बिताया

राजद का स्पष्ट मानना है कि अटल क्लीनिक के जगह मदर टेरेसा क्लीनिक खोलने का फैसला बिल्कुल सही है इसमें भाजपा नेताओं को विरोध करने की बजाय उनके देश के प्रति सेवा भाव को याद कर सम्मानित करने की सोच होनी चाहिए और नकारात्मक विचार को खत्म कर राज्यहित में सरकार के फैसले का स्वागत करना चाहिए

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