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भारत के रणनीतिक और तकनीकी भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण सामग्रियों की अपरिहार्य भूमिका पर जोर दिया- विजय कुमार सारस्वत

नीति आयोग के सदस्य पद्म भूषण डॉक्टर विजय कुमार सारस्वत ने कहा कि हमारे जो भी खनिज संपदा है उसमें कई ऐसे खनिज है, जो बहुत कम मात्रा में निकलते हैं ऐसे लो क्वालिटी के खनिज संपदा के लिए राष्ट्रीय धातु कर्म प्रयोगशाला कोई नवाचार विकसित करें ताकि उसका उपयोग हो सके

जमशेदपुर- जमशेदपुर स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनएमएल) अपना प्लेटिनम जुबली वर्ष मना रही है। इस प्रयोगशाला का औपचारिक उदघाटन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 26 नवंबर 1950 को किया था। इस अवसर पर सीएसआईआर-एनएमएल प्लेटिनम जुबली व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन कर रही है

जिसमें प्रख्यात हस्तियों द्वारा व्याख्यान दिए जाते हैं। आज सीएसआईआर-एनएमएल ऑडिटोरियम में आयोजित पांचवां प्लेटिनम जुबली व्याख्यान को प्रतिष्ठित वक्ता भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य पद्म भूषण डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने दिया। डॉ. सारस्वत ने “भारत के सामरिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण सामग्री” शीर्षक विषय पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की शुरुआत सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी के स्वागत भाषण से हुई।

डॉ. सारस्वत ने सीएसआईआर-एनएमएल को उसकी 75वीं वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई दी और इस क्षेत्र में इसके महत्वपूर्ण योगदान को सराहा। अपने व्याख्यान में डॉ. सारस्वत ने भारत के रणनीतिक और तकनीकी भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण सामग्रियों की अपरिहार्य भूमिका पर जोर दिया ऐतिहासिक चुनौतियों पर विचार करते हुए उन्होंने रणनीतिक सामग्रियों की कमी और विकसित भारत के संदर्भ में उनके महत्व पर ध्यान दिलाया।

डॉ. सारस्वत ने एक व्यापक वैश्विक परिप्रेक्ष्य प्रदान किया जिसमें बताया गया कि इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियों और पवन टरबाइन घटकों का अधिकांश हिस्सा महत्वपूर्ण सामग्रियों पर निर्भर करता है, जो टिकाऊ और उन्नत प्रौद्योगिकियों के लिए उनके अहमियत को साबित करता है।

व्याख्यान में महत्वपूर्ण धातुओं और सामग्रियों के मूल्य श्रृंखला पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई उन्होंने उन प्रमुख सामग्रियों पर चर्चा की जिन्हें भारत सरकार ने उनकी आपूर्ति और मांग के अंतर और जोखिमों के साथ-साथ उनके महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के आधार पर चिह्नित किया है। डॉ. सारस्वत ने इन सामग्रियों के लिए वैश्विक शोधन परिदृश्य पर प्रकाश डाला और उत्सर्जन संबंधी चिंताओं सहित इन्हें सुरक्षित करने और संसाधित करने में भारत के सामने आने वाली अनूठी चुनौतियों पर प्रकाश डाला उन्होंने राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन 2025 के बारे में विस्तार से बताया, वर्तमान पहलों, प्रस्तावित व्यय और नीतिगत ढाँचों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिनका उद्देश्य इस क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता पर है। उन्होंने महत्वपूर्ण सामग्रियों हेतु एक चक्राकार अर्थव्यवस्था की क्षमता और एनएमएल के लिए निम्न-श्रेणी के अयस्क प्रसंस्करण, द्वितीयक संसाधन मूल्यांकन के क्षेत्र में अग्रणी नवाचारों हेतु रणनीतिक अवसरों और महत्वपूर्ण सामग्रियों के उत्पादन और उपयोग को अनुकूलित करने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की परिवर्तनकारी भूमिका के अवसर पर प्रकाश डाला

डॉ. सारस्वत ने एनएमएल के साथ अपने दीर्घकालिक जुड़ाव को याद करते हुए व्याख्यान का समापन किया, तथा सहयोगी परियोजनाओं पर प्रकाश डाला, जो धातुकर्म और सामग्री अनुसंधान को आगे बढ़ाने में संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती हैं।
कार्यक्रम का समापन एक रोचक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों और छात्रों सहित उपस्थित लोगों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। 5वां प्लेटिनम जुबली व्याख्यान में न केवल सीएसआईआर-एनएमएल की विरासत का जश्न मनाया गया, बल्कि अत्याधुनिक अनुसंधान और सहयोग के माध्यम से राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी मजबूत किया गया

जमशेदपुर- आज राष्ट्रीय धातु कर्म प्रयोगशाला सभागार में पांचवें प्लेटिनम जुबली व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। जिसमें नीति आयोग के सदस्य पद्म भूषण डॉक्टर विजय कुमार सारस्वत ने कहा कि हमारे जो भी खनिज संपदा है उसमें कई ऐसे खनिज है, जो बहुत कम मात्रा में निकलते हैं ऐसे लो क्वालिटी के खनिज संपदा के लिए राष्ट्रीय धातु कर्म प्रयोगशाला कोई नवाचार विकसित करें ताकि उसका उपयोग हो सके
बाद में संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार के 11 साल बेमिसाल रहे 7 लाख से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हुए। आईआईटी में रिसर्च सेंटर खुले कई तरह के काम हुए।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो सुविधा प्रदत की जा रही है उसे सबसे अंतिम गरीब व्यक्ति तक स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक विकास हो रहा है
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में उन्होंने कहा कि अगर कुछ आग्नेयास्त्र को हम छोड़ दें, तो अधिकांश हथियार हमारे देश में ही बने हैं। तकनीकी को हमने विकसित किया है उसका हमने निर्माण किया है पहले 70% आग्नेयास्त्र हम दूसरे देश से मांगते थे। अभी मात्र 30% ही अग्नियास्त्र मांगते हैं और 70% एक्सपोर्ट करते हैं।
उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ से अभी बहुत कुछ बदलाव आने वाला है उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में कहा कि हमारी जितनी क्षति हुई है, उसका 10 गुना से अधिक क्षति पाकिस्तान को हुई है।
डॉक्टर सारस्वत ने कहा कि अभी विभिन्न क्षेत्रों में बहुत तेजी से विकास हो रहा है और यह बदलाव हमें देखने को मिल रहा है। हरेक क्षेत्र में काफी कुछ हमारा देश विकसित हुआ है

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