हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी जमशेदपुर द्वारा आज एसएनटीआई ऑडिटोरियम में माली और बागवानों के लिए सामान्य बागवानी पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
इस नि:शुल्क कार्यशाला में शहर के विभिन्न हिस्सों से 70 से अधिक माली शामिल हुए

जमशेदपुर- हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी जमशेदपुर द्वारा आज एसएनटीआई ऑडिटोरियम में माली और बागवानों के लिए सामान्य बागवानी पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस नि:शुल्क कार्यशाला में शहर के विभिन्न हिस्सों से 70 से अधिक माली शामिल हुए
कार्यशाला की शुरुआत मुख्य अतिथि शैलजा सुंदर रमम द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई सोसाइटी की अध्यक्ष सुमिता नूपुर ने सभी का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला और माली समुदाय की सराहना की कि वे इस प्रकार की विशिष्ट कार्यशाला में भाग लेने आए जो विशेष रूप से उनके लिए आयोजित की गई थी
अपने संबोधन में श्रीमती शैलजा ने माली समुदाय द्वारा शहर को हरित और सुंदर बनाए रखने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला उनके ज्ञान को बढ़ाएगी और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगी, जिससे वे अपने दैनिक कार्यों में और दक्षता के साथ सुंदर बग़ीचों का निर्माण व रख-रखाव कर सकेंगे
कार्यशाला का संचालन ज्योति हांसदा ने किया उन्होंने दोनों वक्ताओं का परिचय कराया अनिल कुमार विद्यार्थी, सीनियर हॉर्टिकल्चरिस्ट, टाटा स्टील लिमिटेड तथा डॉ. धनंजय चौबे, पूर्व मुख्य हॉर्टिकल्चरिस्ट, मि. पलिश्री लिमिटेड एवं वर्तमान में जमशेदपुर एग्री बिजनेस के प्रोप्राइटर अनिल विद्यार्थी ने “सामान्य बागवानी कौशल विकास” पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने गमले वाले पौधों सहित अच्छे बग़ीचे के विकास हेतु अपनाई जाने वाली विभिन्न कृषि पद्धतियों, उचित मृदा माध्यम, पौधारोपण तकनीक, पौधों की देखभाल, नर्सरी प्रबंधन, रोग और कीट नियंत्रण (जैविक तरीके से) तथा सिंचाई के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।
वहीं डॉ. चौबे ने बग़ीचे के सामान्य रखरखाव पर प्रकाश डालते हुए पौधों की पहचान के महत्व को रेखांकित किया, जिससे संबंधित सिंचाई, उर्वरक प्रयोग, कटाई-छंटाई आदि क्रियाओं को ठीक से किया जा सके। उन्होंने माली समुदाय द्वारा की जाने वाली सामान्य त्रुटियों जैसे अत्यधिक पानी देना, बार-बार गमले बदलना, उर्वरकों का गलत उपयोग आदि के बारे में बताया
दोनों वक्ताओं ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी दिए
कार्यशाला का समापन प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ। अंत में ज्योति हांसदा ने सभी उपस्थितजनों और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का आभार प्रकट किया