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विद्यालयों में POCSO एक्ट पर विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन

किशोरों के मानसिक एवं भावनात्मक विकास में हिंसा, विशेषकर यौन हिंसा और दुर्व्यवहार, एक बड़ी बाधा बनकर उभर रही है। विभिन्न राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय अध्ययनों ने भी यह स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की घटनाएं किशोरों को गहरे स्तर पर प्रभावित करती हैं

विद्यालयों में POCSO एक्ट पर विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन

जमशेदपुर- किशोरों के मानसिक एवं भावनात्मक विकास में हिंसा, विशेषकर यौन हिंसा और दुर्व्यवहार, एक बड़ी बाधा बनकर उभर रही है। विभिन्न राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय अध्ययनों ने भी यह स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की घटनाएं किशोरों को गहरे स्तर पर प्रभावित करती हैं।

इसी परिप्रेक्ष्य में, झारखंड काउंसिल फार एजुकेशन रिसर्च एड ट्रेनिंग, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, रांची झारखंड के मार्गदर्शन में एवं संबंधित जिला शिक्षा शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान से विक्टर विजय समद की अगुवाई में एवं सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज (C3) के तकनीकी सहयोग एवं C3 के जिला प्रबंधक श्रवण कुमार के सहयोग से विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम (SHWP) अंतर्गत प्रशिक्षित दो-दो हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर द्वारा मंगलवार (दिनांक 24-06-2025) को पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी , माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शोषण, हिंसा एवं POCSO एक्ट से संबंधित विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इसमें छात्रों को विस्तार पूर्वक बताया गया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2012 में लागू किया गया POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट एक विशेष कानून है, जो 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। इस अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न, शोषण, अश्लील हरकतें, पोर्नोग्राफी और अन्य यौन अपराधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर कड़ा दंड निर्धारित किया गया है।

इस कानून की सबसे अहम विशेषता यह है कि यह लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए समान रूप से लागू होता है। इसके तहत पीड़ित की पहचान को गोपनीय रखना, बच्चे के अनुकूल न्याय प्रक्रिया अपनाना, और समयबद्ध सुनवाई सुनिश्चित की जाती है।

POCSO एक्ट के माध्यम से बच्चों को यह संदेश दिया गया है कि कोई भी यौन हिंसा सहन करना उनकी मजबूरी नहीं है, और वे न्याय पाने के हकदार हैं। यह कानून न केवल सज़ा सुनिश्चित करता है, बल्कि जागरूकता और संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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