तुलसी भवन में नागार्जुन बालकृष्ण भट्ट की जयंती एवं मासिक काव्य कलश आयोजित’
सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक 'काव्य कलश' सह हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध साहित्यकार द्वय बालकृष्ण भट्ट एवं वैद्यनाथ मिश्र नागार्जुन की जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया

तुलसी भवन में नागार्जुन बालकृष्ण भट्ट की जयंती एवं मासिक काव्य कलश आयोजित’
जमशेदपुर- सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक ‘काव्य कलश’ सह हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध साहित्यकार द्वय बालकृष्ण भट्ट एवं वैद्यनाथ मिश्र नागार्जुन की जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र मुनका तथा संचालन समिति के उपाध्यक्ष अशोक पाठक ‘स्नेही’ ने किया । इस अवसर पर स्वागत वक्तव्य तुलसी भवन कार्यकारिणी के प्रसन्न वदन मेहता एवं धन्यवाद ज्ञापन समिति के सचिव डॉ० अजय कुमार ओझा द्वारा किया गया । मौके पर संस्थान के न्यासी अरुण कुमार तिवारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं पुष्पार्पण कर किया गया । तत्पश्चात् कार्यक्रम में डॉ० वीणा पाण्डेय ‘भारती’ के सरस्वती वंदना के बाद सुरेश चन्द्र झा द्वारा साहित्यकार बालकृष्ण भट्ट तथा ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र द्वारा कवि वैद्यनाथ मिश्र नागार्जुन का साहित्यिक जीवन परिचय प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम के अगले सत्र में ‘काव्य कलश ‘ के अन्तर्गत उपस्थित शहर के 42 नामचीन कवियों ने स्वरचित काव्य पाठ किया । जिनमें डॉ० यमुना तिवारी व्यथित, नीलिमा पाण्डेय, राजेन्द्र राज, बलविंदर सिंह, माधवी उपाध्याय, वीणा पाण्डेय भारती, उपासना सिन्हा, डॉ० उदय हयात, कैलाश नाथ शर्मा ‘गाजीपुरी’, विमल किशोर विमल, वसंत जमशेदपुरी, हरभजन सिंह रहबर, मनीष कुमार पाठक, विद्या शंकर विद्यार्थी, निशांत सिंह, हरिहर राय चौहान, प्रदीप कुमार मिश्र,अनिता निधि, मंजू कुमारी , क्षमाश्री दूबे, रीना गुप्ता, जितेश कुमार तिवारी, सुनील सैलानी, भंजदेव देवेन्द्र कुमार व्यथित, हृदयांश मिश्रा, दिव्यांशी मिश्रा, मनीष सिंह वंदन,डॉ० अरुण कुमार शर्मा, देवी प्रसाद, अंचिन्त्य शर्मा, संजय पाठक सनेही, प्रमुख रहे । जबकि साहित्य समिति के सचिव डॉ० अजय कुमार ओझा, माधुरी मिश्र, सुजय कुमार , प्रशांत कुमार, चंदन पाठक की उपस्थिति सराहनीय रही ।
कार्यक्रम के अंत में सामुहिक राष्ट्रगान हुआ ।