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तालाब ने बदली ज़िंदगी की राह

ग्राम बड़ागीधी, पंचायत जोनबनी, प्रखंड राजनगर के रहने वाले रोहित हो की आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि है। पहले सिंचाई की समुचित सुविधा न होने के कारण उन्हें खेती में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, विशेषकर ग्रीष्म ऋतु में जब फसलों को अधिक जल की आवश्यकता होती थी

तालाब ने बदली ज़िंदगी की राह

सरायकेला खरसावां – ग्राम बड़ागीधी, पंचायत जोनबनी, प्रखंड राजनगर के रहने वाले रोहित हो की आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि है। पहले सिंचाई की समुचित सुविधा न होने के कारण उन्हें खेती में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, विशेषकर ग्रीष्म ऋतु में जब फसलों को अधिक जल की आवश्यकता होती थी

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (जल छाजन विकास घटक 2.0) के तहत ग्राम सभा से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर एनआरएम मद से रोहित हो की भूमि पर 100×100×12 फीट आकार का एक नया तालाब निर्माण कराया गया। इस तालाब का कैचमेंट एरिया लगभग 1.5 हेक्टेयर है।

वर्तमान में रोहित इस तालाब के जल का उपयोग सब्जी उत्पादन के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कद्दू, मिर्च, टमाटर, सेम, बिन्स, मटर, आलू और गेहूं की सफलतापूर्वक खेती की है। तालाब की मेड़ पर अरहर की फसल लगाई गई है, जिससे मिट्टी का कटाव भी रोका जा सका है।

जल के समुचित उपयोग को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्शन सिस्टम मद के तहत रोहित ने एक एकड़ भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की भी खेती प्रारंभ की है।

अब तक रोहित हो द्वारा सब्जी व अनाज की बिक्री से लगभग ₹28,000 की आय प्राप्त की जा चुकी है, और आय में लगातार वृद्धि की संभावना है।

यह सफलता न केवल जल प्रबंधन के प्रभावी उपयोग का उदाहरण है, बल्कि आत्मनिर्भर किसान की दिशा में उठाया गया सशक्त कदम भी है।

 

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