सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर से रांची में मुलाकात कर विभिन्न मांगों की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया
सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधिमंडल ने रांची में झारखण्ड राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर से मुलाकात कर प्रोफेशनल टैक्स के सरलीकरण, जमशेदपुर डिविजन के अंतर्गत आने वाले चार सर्किलों में उच्च अधिकारियों की जल्द नियुक्ति एवं वर्ष 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद कार्य संवेदकों को इसके अनुसार झारखण्ड में भुगतान नहीं किये जाने का मुद्दा उठाते हुये उनका ध्यान आकृष्ट कराया
सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर से रांची में मुलाकात कर विभिन्न मांगों की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया

रांची – सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधिमंडल ने रांची में झारखण्ड राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर से मुलाकात कर प्रोफेशनल टैक्स के सरलीकरण, जमशेदपुर डिविजन के अंतर्गत आने वाले चार सर्किलों में उच्च अधिकारियों की जल्द नियुक्ति एवं वर्ष 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद कार्य संवेदकों को इसके अनुसार झारखण्ड में भुगतान नहीं किये जाने का मुद्दा उठाते हुये उनका ध्यान आकृष्ट कराया
इस दौरान मानद महासचिव मानव केडिया ने वित्त मंत्री के समक्ष मुद्दा उठाते हुये कहा पूरे झारखण्ड राज्य में अभी राज्य कर विभाग में सैकड़ों की संख्या में अधिकारियों के पद रिक्त पड़े हैं। जिसमें जमशेदपुर डिविजन में भी पड़ने वाले पांच सर्किलों में से केवल जमशेदपुर सर्किल में अंचल अधिकारी है बाकी चार सर्किल में पिछले कई महीनों से अधिकारियों की नियुक्ति नहीं हुई। इन रिक्त पदों के कारण झारखण्ड सरकार के द्वारा पिछले दिनों उत्पादकों एवं माइंस मालिकों के लिये डीजल पर वैट की दर को कम किये जाने की अधिसूचना जारी की गई थी जिसके लिये ऐसे व्यवसायियों को अंचल अधिकारियों के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाना है, परंतु अंचल अधिकारी के नहीं होने के कारण उक्त अधिसूचना का लाभ लाभार्थी व्यवसायियों को नहीं मिल पा रहा है सरकार के राजस्व संग्रहण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्रशासनीय और अपीलीय कार्यों के संचालन में कठिनाई हो रही है। विभाग में वैट के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन एवं रिफंड नहीं हो पा रहा है। कई अपीलीय मामले जमशेदपुर अपील में लंबित है। इस स्थिति से व्यापारियों एवं करदाताओं के लिये समस्यायें उत्पन्न हो रही है क्योंकि उनके कार्यों का समय पर समाधान नहीं हो पा रहा है। समस्याओं को देखते हुये समाधान हेतु इसपर जल्द निर्णय लेते हुये रिक्त पड़े पदों पर नियुक्ति की जानी चाहिए।
उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने मंत्री से कहा कि दिनांक 01.07.2017 से देश भर में लागू किये गये नये जीएसटी कानून के कारण, कार्य संवेदकों को 01.07.2017 से पूर्व में लिये गये ठेकों पर जीएसटी के मद में अतिरिक्त भुगतान झारखण्ड सरकार द्वारा नहीं की जा रही है। इससे संवेदकों को वित्त संबंधी समस्यायें आ रही है। जबकि झारखण्ड उच्च न्यायालय ने वर्ष 2022 में सरकार को नियमों में संशोधन कर जल्द निर्णय लेने का आदेश निर्गत किया था। दूसरे पड़ोसी राज्यों ने इसपर कार्य शुरू कर दिया है लेकिन अभी तक झारखण्ड में इसपर कोई प्रगति नहीं दिख रही है। झारखण्ड सरकार को इसपर त्वरित निर्णय लिया जाना चाहिए।
सीए. अनिल रिंगसिया ने इस अवसर पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर का ध्यान प्रोफेशनल टैक्स रजिस्ट्रेशन की ओर आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में झारखण्ड राज्य में प्रोफेशनल टैक्स का रजिस्टेªशन सिंगल विंडो सिस्टम के जरिये किया गया है। जिसके कारण करदाता प्रोफेशनल टैक्स का रजिस्टेªशन नहीं ले पा रहे हैं। चैम्बर ने सुझाव दिया कि बिहार राज्य वाणिज्य कर विभाग की तर्ज पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म झारखण्ड कॉमर्शियल टैक्स के पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
इस दौरान माननी मंत्री श्री राधाकृष्ण किशोर ने चैम्बर प्रतिनिधिमंडल से उक्त विषयों पर विस्तृत चर्चा की तथा संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को इस बैठक में बुलाकर शामिल किया। उन्होंने चैम्बर को आश्वासन दिया कि जल्द ही विभाग के सचिव एवं आयुक्तों के साथ बैठक कर इसपर निर्णय लेंगे और इसके फलाफल से चैम्बर को अवगत करायेंगे।
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सीए रिंगसिया, पीयूष गोयल आदि उपस्थित थे।