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सहरसा जिला में सबसे भ्रष्ट सोनबरसा राज अंचल कार्यालय नहीं देते हैं वरीय पदाधिकारी को तर्जी

डी सी एल आर कोर्ट का आदेश पालन नहीं कर पा रहे हैं तत्कालीन सोनवर्षा अंचल अधिकारी तीस दिनों का आदेश नब्बे दिनों में भी शायद पूरा नहीं कर पाएगी आखिर क्या है वजह बड़ी सवाल अभी सामने आ रही है,क्या समय नहीं मिल पा रहा है तत्कालीन अंचल अधिकारी को या किसी निजी स्वार्थ वश या जाती का भेद भाव रख कर ऐसा कर रहे हैं ?

बिहार सहरसा – बिहार राज्य अंतर्गत सहरसा जिला में सबसे भ्रष्ट सोनबरसा राज अंचल कार्यालय नहीं देते हैं वरीय पदाधिकारी को तर्जी डी सी एल आर कोर्ट का आदेश पालन नहीं कर पा रहे हैं

तत्कालीन सोनवर्षा अंचल अधिकारी तीस दिनों का आदेश नब्बे दिनों में भी शायद पूरा नहीं कर पाएगी आखिर क्या है वजह बड़ी सवाल अभी सामने आ रही है,क्या समय नहीं मिल पा रहा है तत्कालीन अंचल अधिकारी को या किसी निजी स्वार्थ वश या जाती का भेद भाव रख कर ऐसा कर रहे हैं ? जो एक न्यायालय की अवमानना माना जा रहा है वास्तव में काम के प्रति गंभीर नहीं रहने से ही काम में विलंब होती है या जान बूझकर की जाती है दोनों ही भ्रष्टाचार भ्रष्टाचारी का प्रतीक है अठाईस मार्च को ऑन लाइन दिया गया आवेदन संख्या 3115 2024/2025 का अब तक निष्पादन नहीं किया गया है जो एक भ्रष्टाचार से जुड़े मामले हैं और न्यायालय का अपमान भी इसके लिए तत्कालीन अंचल अधिकारी सोनबरसा पर कार्रवाई क्यों नहीं होना चाहिए इससे पूर्व भी एक आवेदन संख्या 3414,3406 को जानबूझ कर रद्द किया गया है कि भी सूचना प्राप्त है, जबकि जमीन विक्रेता को डीसीएलआर कोर्ट से विक्रेता के पक्ष में न्याय मिला है जिसकी कॉपी भी अंचल अधिकारी को दिखाया गया है फिर भी आवेदन को रद्द किया जाना न्याय संगत नहीं है उसी तरह आवेदन 3115/2024/25 जो अठाईस मार्च को किया गया है,उस पर तीस दिनों के भीतर स्थलीय जांच कर जमा बंदी कायम करने का आदेश डीसीएलआर कोर्ट सहरसा से मिला है इस विषय पर अमीन से पूछे जाने पर उन्होंने कहा है कि उनको स्थलीय जांच करने का आदेश अब तक नहीं मिला है,और कर्मचारी के द्वारा भी अब तक कोई पहल नहीं किया जाना भी उनके क्रिया कलाप पर उंगली उठाता है इस विषय पर डीसीएलआर सहरसा और जिलाधिकारी को संज्ञान लेने की जरूरत है जबकि अंचल अधिकारी फोन भी नहीं उठाते हैं,और कर्मचारी भी आवेदक का नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिए हैं, ऐसा क्यों किया गया है, यह भी जांच का मामला है

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