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रजक समाज द्वारा आषाढ़ी पूजा का आयोजन प्रकृति और समाज की शांति एवं समृद्धि के लिए सामूहिक प्रार्थना

बर्मामाइंस स्थित रजक समाज के द्वारा आज पारंपरिक आषाढ़ी पूजा का आयोजन पूरे श्रद्धा, उल्लास और सामाजिक सौहार्द के साथ किया गया। यह पूजा समाज में प्रकृति, वर्षा और फसल की समृद्धि के लिए की जाती है, जिसमें हर वर्ग और उम्र के लोग एक साथ आकर सामूहिक रूप से ईश्वर से प्रार्थना करते हैं

रजक समाज द्वारा आषाढ़ी पूजा का आयोजन प्रकृति और समाज की शांति एवं समृद्धि के लिए सामूहिक प्रार्थना

जमशेदपुर- बर्मामाइंस स्थित रजक समाज के द्वारा आज पारंपरिक आषाढ़ी पूजा का आयोजन पूरे श्रद्धा, उल्लास और सामाजिक सौहार्द के साथ किया गया। यह पूजा समाज में प्रकृति, वर्षा और फसल की समृद्धि के लिए की जाती है, जिसमें हर वर्ग और उम्र के लोग एक साथ आकर सामूहिक रूप से ईश्वर से प्रार्थना करते हैं

पूजन कार्यक्रम में समाज के वरिष्ठ नागरिक महिलाएं, युवा और बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समाज की महिलाओं ने सावन के आगमन की प्रतीक्षा और अच्छी वर्षा की कामना करते हुए पारंपरिक हरे रंग की पोशाक पहनकर वातावरण को और भी धार्मिक और सांस्कृतिक रंग में रंग दिया

पूजन स्थल पर शांति और श्रद्धा का वातावरण था जहां लोगों ने एकजुट होकर प्रकृति की रक्षा, समाज की खुशहाली और सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। पूजा के उपरांत सभी को प्रसाद वितरण किया गया और बच्चों के लिए विशेष आयोजन भी रखे गए।

समाज के वरिष्ठजनों ने इस आयोजन को सामाजिक एकता और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी पारंपरिक पूजाएं हमारी संस्कृति को जीवित रखती हैं और समाज में समरसता लाने का कार्य करती हैं।

रजक समाज का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि सामाजिक जागरूकता और पर्यावरण के प्रति सम्मान का भी एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर सामने आया

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