राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत माह जून, जुलाई एवं अगस्त 2025 के लिए किया जा रहा अग्रिम खाद्यान्न वितरण
एमजीएम अस्पताल (डिमना) में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु उपायुक्त का निरीक्षण, 15 जून तक ओटी शिफ्टिंग तथा आवश्यक आधुनिक उपकरणों के क्रय का दिए निर्देश

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत माह जून, जुलाई एवं अगस्त 2025 के लिए किया जा रहा अग्रिम खाद्यान्न वितरण
जमशेदपुर- पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के लाभुकों को आगामी तीन माह – जून, जुलाई एवं अगस्त 2025 – के लिए खाद्यान्न का अग्रिम वितरण सुनिश्चित करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस कार्य के सफल एवं समयबद्ध निष्पादन के लिए खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग, झारखंड, रांची द्वारा प्राप्त निर्देशों के आलोक में यह व्यवस्था की गई है।
खाद्यान्न वितरण की निर्धारित अवधि निम्नवत् है:
*जून एवं जुलाई 2025 का वितरण: 01 जून से 15 जून 2025 तक*
*अगस्त 2025 का वितरण: 16 जून से 30 जून 2025 तक*
जिले के कुल 4,34,255 परिवार इस योजना से लाभान्वित होंगे। जन वितरण प्रणाली (PDS) के दुकानदारों को ई-पॉस मशीन के माध्यम से प्रत्येक माह के लिए अलग-अलग लेनदेन (Separate Transactions) के साथ खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। प्रत्येक माह के लिए लाभुकों को अलग-अलग पर्ची (रसीद) निर्गत की जाएगी तथा हर बार अलग-अलग बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य होगा
इस संबंध में सभी दुकानदारों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि निर्धारित अवधि के भीतर ही खाद्यान्न का वितरण किया जाए। अन्यथा, समय सीमा का उल्लंघन करने पर संबंधित दुकानों की अनुज्ञप्ति को निलंबित या रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही, जिले के सभी पणन पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी एवं अनुभाजन क्षेत्र के पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में कुल 16,49,662 लाभुकों तक समयबद्ध खाद्यान्न वितरण की सतत निगरानी करें।================================================================================================
एमजीएम अस्पताल (डिमना) में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु उपायुक्त का निरीक्षण, 15 जून तक ओटी शिफ्टिंग तथा आवश्यक आधुनिक उपकरणों के क्रय का दिए निर्देश
जमशेदपुर- उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी द्वारा डिमना स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल का निरीक्षण किया गया इस मौके पर परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी, एमजीएम के अधीक्षक, उपाधीक्षक डॉ जुझार मांझी और विभिन्न विभागों के एचओडी, हेड, कार्यपालक अभियंता भवन निगम उज्ज्वल नाग और अन्य सम्बंधित मौजूद रहे । यह निरीक्षण स्थानीय नागरिकों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने तथा चिकित्सा ढांचे के सुदृढ़ीकरण की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के क्रम में किया गया
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने अस्पताल के विभिन्न चिकित्सा कक्षों जैसे जनरल वार्ड, महिला वार्ड, सर्जिकल वार्ड, बाल रोग वार्ड, ऑर्थोपेडिक, साइकेट्रिक ओपीडी, प्रसूति वार्ड, आपातकालीन वार्ड (इमरजेंसी), काउंसिलिंग थेरेपी रूम, सेफ्टिक लेबर ओटी, आईसीयू का दौरा किया । उन्होंने वार्ड में भर्ती मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी ली तथा उन्हें वार्ड आने-जाने में या अन्य तरह की दिक्कतों को लेकर उचित सूचना पट्ट, साइन साइनेज, फ्लोर इंडेक्स लगाने के निर्देश दिए । साथ ही मरीज पर्ची को अंग्रेजी के बजाय हिंदी या अन्य स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराने की भी बात कही ताकि मरीजों को समझने में आसानी हो । उपायुक्त ने रजिस्ट्रेशन काउंटर में खुद भी अपना रजिस्ट्रेशन कराते हुए ओपीडी पर्ची के टर्न अराउंड टाइम को जांचा
उपायुक्त ने कहा कि पुराने से नए अस्पताल में शिफ्टिंग का कार्य जारी है, शिफ्टिंग कार्य को गति देते हुए कैसे जल्द से जल्द अस्पताल को पूरी तरह क्रियाशील किया जाए इसकी समीक्षा की गई। 15 जून तक ओटी शिफ्ट करने का निर्देश दिया है, आपसी समन्वय से कमियों को दुरूस्त करने का प्रयास है । कुछ मशीनों के क्रय की आवश्यकता है जिसकी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया कि डिमना यूनिट में उपलब्ध ऑपरेशन थिएटर (OT) को जल्द से जल्द क्रियाशील बनाया जाए ताकि सर्जिकल मामलों के लिए मरीजों को मुख्य एमजीएम कैंपस की निर्भरता न रहे ।
निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर की स्वच्छता व्यवस्था, दवा वितरण प्रणाली, डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ की उपस्थिति, मरीजों के लिए बैठने एवं प्रतीक्षा कक्ष की व्यवस्था जैसी बुनियादी सेवाओं की भी समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक सुधार हेतु स्पष्ट निर्देश दिए ।
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि एमजीएम अस्पताल का डिमना यूनिट स्थानीय जनता के लिए एक भरोसेमंद, संसाधन संपन्न और सेवाभावी स्वास्थ्य केंद्र के रूप में विकसित हो। उन्होंने कहा कि ज़िले के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिले इस दिशा में सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।