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राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय को जगाने के लिए यज्ञ 82वें दिन भी धरने पर डटे झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मचारी

यज्ञ के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि प्राचीन काल में जब मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यज्ञ किए जाते थे, ठीक उसी तरह आज हमने राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय के पदाधिकारियों को प्रसन्न करने के लिए यह हवन किया है, ताकि वे हमारी बात सुनें और समस्याओं का समाधान करें

राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय को जगाने के लिए यज्ञ 82वें दिन भी धरने पर डटे झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मचारी

रांची- झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट अनुबंध शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ का आंदोलन आज 82वें दिन भी जारी रहा। लंबे समय से राजभवन के समक्ष डटे इन कर्मचारियों की सुध अब तक न तो राज्य सरकार ने ली है और न ही राजभवन से कोई प्रतिनिधि मिलने आया है

कर्मचारियों का कहना है कि सरकार और प्रशासन की इस चुप्पी ने उन्हें व्यथित कर दिया है। इससे पहले कर्मचारियों ने सांकेतिक तौर पर जूता पॉलिश और भिक्षाटन जैसे विरोध प्रदर्शन किए थे। लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आने पर आज उन्होंने यज्ञ-हवन का आयोजन कर नया संदेश देने की कोशिश की।

यज्ञ के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि प्राचीन काल में जब मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यज्ञ किए जाते थे, ठीक उसी तरह आज हमने राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय के पदाधिकारियों को प्रसन्न करने के लिए यह हवन किया है, ताकि वे हमारी बात सुनें और समस्याओं का समाधान करें।
धरनास्थल पर धूप-गर्मी बरसात के बीच भी कर्मचारियों की उपस्थिति बनी हुई है। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती और कोई ठोस निर्णय नहीं देती आंदोलन लगातार जारी रहेगा

मुख्य मांगें:

अनुबंध शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का स्थायीकरण

नियमित वेतन भुगतान

सेवा शर्तों का निर्धारण

कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि अब भी शासन की नींद नहीं टूटी, तो वे अपने आंदोलन को और उग्र रूप देंगे
अब देखना यह होगा कि क्या यज्ञ की अग्नि से सरकार की संवेदना जागेगी या कर्मचारियों को संघर्ष की इस अग्निपरीक्षा में और लंबा इंतजार करना होगा

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