कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जाएं
समाहरणालय सभागार जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में पी.सी एंड पी.एन.डी.टी एक्ट की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, एसीएमओ डॉ. जोगेश्वर प्रसाद, डीआरसीएचओ डॉ. रंजीत पांडा सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं समिति सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में जिले में संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्रों द्वारा पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के अनुपालन की समीक्षा के साथ-साथ नवीकरण हेतु प्राप्त आवेदनों पर निर्णय लिया गया

उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई पी.सी एडं पी.एन.डी.टी एक्ट की समीक्षात्मक बैठक तीन अल्ट्रासाउंट सेंटर के लाइसेंस नवीकरण का निर्णय, अल्ट्रासाउंड सेंटर के नियमित निरीक्षण का दिया गया निर्देश, बोले कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जाएं
जमशेदपुर- समाहरणालय सभागार जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में पी.सी एंड पी.एन.डी.टी एक्ट की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, एसीएमओ डॉ. जोगेश्वर प्रसाद, डीआरसीएचओ डॉ. रंजीत पांडा सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं समिति सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में जिले में संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्रों द्वारा पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के अनुपालन की समीक्षा के साथ-साथ नवीकरण हेतु प्राप्त आवेदनों पर निर्णय लिया गया।
बैठक में चार अल्ट्रासाउंड केंद्रों द्वारा नई मशीन स्थापना अथवा बाय बैक के माध्यम से मशीन अद्यतन करने हेतु प्रस्तुत किए गए आवेदनों की तकनीकी एवं विधिक जांच की गई। सभी मामलों की बारीकी से समीक्षा के उपरांत समिति द्वारा आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने की शर्त पर मशीन स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि बिना वैधानिक अनुमति मशीन की स्थापना पूर्णतः वर्जित है
वहीं तीन अल्ट्रासाउंड केंद्रों द्वारा अपने रजिस्ट्रेशन के नवीकरण हेतु आवेदन दिए गए थे। समिति द्वारा इन आवेदनों के साथ संलग्न सभी दस्तावेजों की विधिवत जांच की गई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत समयबद्ध रूप से नवीकरण की कार्रवाई की जाए तथा कोई भी केंद्र बिना वैध पंजीकरण के कार्यरत नहीं रहे।
उपायुक्त ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि लिंग चयन की किसी भी गतिविधि को कड़ाई से रोका जाए, और इसमें लिप्त पाए जाने वाले संस्थानों या कर्मियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। सभी केंद्रों पर स्पष्ट चेतावनी बोर्ड प्रदर्शित किए जाएं, जिसमें लिंग परीक्षण की मनाही का उल्लेख हो। प्रत्येक अल्ट्रासाउंड केंद्र की समय-समय पर निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की जाए और जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए। फॉर्म-F का रिकॉर्ड अद्यतन एवं ऑनलाइन प्रविष्टि अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
उपायुक्त ने कहा कि लिंगानुपात को संतुलित बनाए रखने हेतु पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट का सख्ती से पालन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए नियमित जांच एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाएं ताकि कन्या भ्रूण परीक्षण जैसी कुरीति पर अंकुश लगाया जा सके