Uncategorized

आजीविका मिशन से जुड़कर आत्मनिर्भर बनीं अनुसूचित जनजाति की गुरुवारी सबर

पोटका प्रखंड के भाटिन पंचायत अंतर्गत झारिया गांव की निवासी गुरुवारी सबर जो अनुसूचित जनजाति समुदाय से आती हैं, आज अपनी मेहनत, लगन और आजीविका मिशन के सहयोग से अपने जीवन की छोटी-छोटी कठिनाईयों को दूर कर पाए हैं

आजीविका मिशन से जुड़कर आत्मनिर्भर बनीं अनुसूचित जनजाति की गुरुवारी सबर

पोटका – पोटका प्रखंड के भाटिन पंचायत अंतर्गत झारिया गांव की निवासी गुरुवारी सबर जो अनुसूचित जनजाति समुदाय से आती हैं, आज अपनी मेहनत, लगन और आजीविका मिशन के सहयोग से अपने जीवन की छोटी-छोटी कठिनाईयों को दूर कर पाए हैं।

गरीबी और संसाधनों की कमी के बावजूद गुरुवारी ने हार नहीं मानी। वर्ष 2018 में उन्हें जेएसएलपीएस  के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया इससे उन्हें न केवल समूह आधारित बचत व ऋण सुविधा मिली, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक ठोस आधार भी मिला।

समूह की नियमित बैठकों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से गुरुवारी को नयी दिशा मिली। उन्होंने 10 रुपए प्रति सप्ताह की बचत से शुरुआत की और धीरे-धीरे समूह से 15,000 रुपये का ऋण प्राप्त कर मवेशी पालन और मुर्गी पालन का व्यवसाय प्रारंभ किया। व्यवसाय में आय होने पर उन्होंने पुनः 20,000 रुपये का ऋण लिया और इसे व्यवसाय विस्तार में लगाया

लगातार प्रयासों से आज गुरुवारी सबर की आय प्रति वर्ष 15,000 रुपए से 20,000 रुपए तक पहुंच चुकी है। उनके घर में आज पशुपालन और मुर्गीपालन से स्थायी आमदनी का जरिया बन चुका है। उन्होंने अपनी मेहनत से न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनने की मिसाल पेश की है, बल्कि अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया है।

PM-JANMAN अभियान के तहत आदिवासी समुदायों में आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में की जा रही पहल का प्रत्यक्ष प्रमाण है। जिले में ऐसी कई और कहानियाँ हैं जो ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नई उम्मीद जगा रही हैं

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!