साहित्य समिति तुलसी भवन के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ० यमुना तिवारी ‘व्यथित’ के चयनित त्वरित कविताओं का संकलन “समय के साक्षी शब्द” का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया
दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत हुई सरस्वती वंदना डाॅ० रागिनी भूषण ने प्रस्तुत किया

कवि डॉ यमुना तिवारी व्यथित रचित काव्य संकलन लोकार्पित
जमशेदपुर- सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन द्वारा संस्थान के मानस सभागार में साहित्य समिति तुलसी भवन के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ० यमुना तिवारी ‘व्यथित’ के चयनित त्वरित कविताओं का संकलन “समय के साक्षी शब्द” का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया
कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी भवन के अध्यक्ष
सुभाष चन्द्र मुनका तथा संचालन साहित्य समिति की उपाध्यक्ष डाॅ० वीणा पाण्डेय ‘भारती’ ने की । मुख्य अतिथि के रुप में राँची विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ० जंग बहादुर पाण्डेय उपस्थित रहे जबकि विशिष्ट अतिथि के रुप में अरका जैन विश्वविद्यालय के निदेशक डाॅ० अंगद तिवारी, टाटा मोटर्स के पूर्व उपमहाप्रबंधक डाॅ० चन्देश्वर खाँ तथा तुलसी भवन के न्यासी अरुण कुमार तिवारी मंचासीन रहे
दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत हुई सरस्वती वंदना डाॅ० रागिनी भूषण ने प्रस्तुत किया स्वागत वक्तव्य तुलसी भवन के मानद महासचिव डाॅ० प्रसेनजित तिवारी ने दिया लोकार्पित पुस्तक पर पाठकीय प्रतिक्रिया वसंत जमशेदपुरी ने प्रस्तुत किया
पुस्तक प्रकाशन के वित्त पोषक कन्हैया लाल अग्रवाल को लोकार्पण के पश्चात पुस्तक समर्पित की गई
इसके बाद रचनाकार का परिचय कैलाश नाथ शर्मा ‘गाजीपुरी’ एवं कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन तुलसी भवन कार्यकारिणी के श्री प्रसन्न वदन मेहता द्वारा दी गई
इस अवसर पर मुख्य रुप से मुरलीधर केडिया डाॅ० अजय कुमार ओझा रीना सिन्हा, रमेश कुमार डाॅ० दिलीप ओझा, शीतल प्रसाद दूबे, लक्ष्मी सिंह, पूनम महानंद, अनिरुद्ध त्रिपाठी ‘अशेष’, जीतेश तिवारी, शकुन्तला शर्मा, आरती श्रीवास्तव, भंजदेव देवेन्द्र कुमार व्यथित, राजेन्द्र राज, नीलिमा पाण्डेय, डाॅ० उदय प्रताप हयात, वसंत जमशेदपुरी, हरिहर राय चौहान, राजदेव सिन्हा बलविन्दर सिंह,रीना गुप्ता शिव नन्दन सिंह, नीता सागर चौधरी, नीलाम्बर चौधरी चन्द्रकान्त, डाॅ० अरुण कुमार शर्मा, रंदी सत्यनारायण राव, राजेन्द्र सिंह, वीणा कुमारी नंदिनी, हरभजन सिंह रहबर , अरविन्द तिवारी सहित अनेक साहित्यकारों एवं नगर के प्रबुद्ध लोगों की उपस्थिति रही