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जमशेदपुर में सबल अवार्ड्स के पांचवें संस्करण का हुआ समापन

सबल अवार्ड्स के पांचवें संस्करण को अब तक की सबसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसमें 1025 प्रविष्टियां दर्ज हुईं—यह इसकी स्थापना के बाद से अब तक की सबसे अधिक संख्या है। इन प्रविष्टियों ने 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व किया

जमशेदपुर में सबल अवार्ड्स के पांचवें संस्करण का हुआ समापन

जमशेदपुर – कुड़ी महंती ऑडिटोरियम जमशेदपुर में आयोजित सबल अवार्ड्स के पांचवें संस्करण का समापन आज सम्मान समारोह के साथ हुआ। यह आयोजन दिव्यांगजन की अद्वितीय प्रतिभाओं को पहचानने और उनकी अदम्य दृढ़ साहस का जश्न मनाने के लिए समर्पित था
सबल अवार्ड्स के ग्रैंड फिनाले में कला जगत के विभिन्न क्षेत्रों से 38 प्रतिभाशाली हस्तियों का संगम हुआ, जिन्होंने अपनी-अपनी श्रेणियों में फाइनलिस्ट के रूप में जगह बनाई
इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित हस्तियों, जिनमें शामिल थे एस. गोविंदराज (आयुक्त, दिव्यांगजन, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार), राजीव रतूरी (स्ट्रैटेजिक एडवाइजर, सक्षम), पुलकित शर्मा (पॉडकास्टर और आरजे), नोयनोक तालोम (गायक एवं इंडियन ब्लाइंड फुटबॉल टीम के सदस्य), प्रवीण कुमार (अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एएलआईएमसीओ, भारत सरकार) और चाणक्य चौधरी (निदेशक, टाटा स्टील फाउंडेशन) सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही

सबल अवार्ड्स के पांचवें संस्करण को अब तक की सबसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसमें 1025 प्रविष्टियां दर्ज हुईं—यह इसकी स्थापना के बाद से अब तक की सबसे अधिक संख्या है। इन प्रविष्टियों ने 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व किया

प्रारंभिक चयन और फाइनलिस्ट की शॉर्टलिस्टिंग का दौर अक्टूबर 2024 में पूरा हुआ, जिसे एक प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल के परामर्श से संपन्न किया गया। इस जूरी में प्रमुख सदस्य के रूप में– मेजर डॉ. बी.वी. राम कुमार (निदेशक, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटीज, भारत सरकार), डॉ. गौरव रहेजा (स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, आईं आई टी रुड़की), सुवर्णा राज (अंतरराष्ट्रीय पैरा-एथलीट), दीपेंद्र मनोचा (संस्थापक, सक्षम) और पलक कंडारा (ट्रेनर, शंकर महादेवन अकादमी) सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।

इस अवसर पर टाटा स्टील फाउंडेशन के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर सौरव रॉय ने कहा, “सबल अवार्ड्स के पांचवें संस्करण का ग्रैंड फिनाले हमारी सालभर की उस यात्रा का सार है जिसमें हमने विजुअल दुनिया के भीतर छिपी अदृश्य प्रतिभाओं की पहचान और सराहना की है। इस वर्ष हमें 1025 आवेदन प्राप्त हुए, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है और यह सबल के समावेशन और संवाद के प्रयासों को दर्शाता है। हर साल इस मंच पर अनूठी प्रतिभाओं और क्षमताओं को देखना प्रेरणादायक होता है, जो संवाद के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान करने में सहायक है।

दिनभर चले इस पुरस्कार समारोह में शॉर्टलिस्ट किए गए प्रतिभागियों ने अपनी प्रेरणादायक और मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। साथ ही, दिव्यांग कलाकारों ने भी अपने अदभुत कौशल का प्रदर्शन किया, जिनमें नृत्य कलाकार पवन कुमार टुडू, प्रशांत राउत, रेखा, गायक जीतु कुमार, नव्या और मधुलिता, चित्रकार रूपक मुंजे, शुभ पाठक, अजय कुमार गर्ग, छवि और अनुप कुमार सिंह शामिल रहे। शाम के सत्र में कुड़ी महांती ऑडिटोरियम में आयोजित सम्मान समारोह में उत्कृष्ट प्रतिभाओं को पहचाना गया और सभी गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में उन्हें सम्मानित किया गया।

सबल अवार्ड्स 2025: विजेताओं की सूची

सबल परफ़ॉर्मर कैटेगरी – सक्ता चक्रवर्ती, शुभ पाठक, रूपक राजेंद्र मुंजे
सबल डांसर कैटेगरी – प्रशांत कुमार राउत, रेखा कुमारी मिश्रा, पवन कुमार टुडू
सबल आर्टिस्ट कैटेगरी – अनुप कुमार सिंह, अजय कुमार गर्ग, छवि शर्मा
सबल म्यूज़िकल माएस्ट्रो – एन. म्होंचुमो शिटियो, अर्जुन नटराज
सबल वोकलिस्ट कैटेगरी – जीतु कुमार, नव्या, मधुमिता

पुरस्कार समारोह में कई परिवर्तनकारी व्यक्तित्वों और रोल मॉडल्स को सम्मानित किया गया, जिनमें नवनीत कुलकर्णी, प्राची महाजन, तहल हाज़िक, अदिति सौम्यनारायण, अजीत कुमार, कृष्ण कमल किशोर बुंग, तारिक अहमद मीर, चैतन्य मुकुंद, दिव्या शर्मा, गुलफाम अहमद, शालिनी गुप्ता, प्रशांत नाइक, डॉ. आलोक कुमार, पूर्वी रुंगटा, रिया शाह और पूनम त्यागी शामिल रहे।
सबल अवार्ड्स के 5वें संस्करण का एक ऐतिहासिक क्षण एएलआईएमसीओ के साथ प्रधान मंत्री दिव्याशा केंद्र (पीएमडीके) की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर रहा। यह केंद्र सबल सेंटर, जमशेदपुर में स्थापित किया जाएगा और इसे टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) और एएलआईएमसीओ की साझेदारी में संचालित किया जाएगा

इस सहयोग का उद्देश्य दिव्यांगजन (पी डब्लू डीएस) और वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक समावेशी वातावरण तैयार करना है, जहां उन्हें रेडी-टू-यूज़ सहायक उपकरण, कस्टमाइज्ड प्रोस्थेटिक्स और आवश्यक गतिशीलता प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसका लक्ष्य लाभार्थियों को अधिक स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और गरिमापूर्ण जीवन जीने में सक्षम बनाना है

सबल पीएमडीके सेंटर, एडीआईपी और आरवीवाई दिशानिर्देशों के अनुरूप काम करेगा, जहां एएलआईएमसीओ उपकरणों के सही उपयोग के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा, जबकि टाटा स्टील फाउंडेशन दिव्यांगजनों की जरूरतों को समझते हुए एक सहानुभूतिपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा

यह साझेदारी सामाजिक न्याय और समानता के प्रति एक सशक्त प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूटे। सबल पीएमडीके सेंटर जमशेदपुर को समावेशिता और सहानुभूति का एक राष्ट्रीय उदाहरण बनाएगा, जहां हर व्यक्ति को सम्मान और सहयोग के साथ आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

सबल अवार्ड्स अब दिव्यांगजनों के लिए सुगमता और समावेशी स्थानों के निर्माण पर संवाद का एक सशक्त मंच बन चुका है। यह कला के विभिन्न रूपों में दिव्यांगजन की समान अभिव्यक्ति का जश्न मनाता है, एक ऐसी दुनिया बनाने की उम्मीद के साथ जहां हर व्यक्ति को पूरी स्वीकृति मिले—कुछ को नहीं, बल्कि सभी को।

और यह मंच दिव्यांगता से जुड़े व्यापक विमर्श के भीतर हाशिए पर मौजूद वर्गों पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है, यह याद दिलाते हुए कि भारत में हर 4 में से 3 दिव्यांगजन ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, जबकि अधिकांश समाधान अभी भी शहरी संदर्भ तक ही सीमित हैं।आज, यह मंच हर साल 10,000 से अधिक दिव्यांगजनों तक पहुंचता है, दिव्यांगता से जुड़े व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र में 20,000 से अधिक लोगों के साथ काम करता है, और बुनियादी बदलाव लाने के लिए प्रयासरत है। इसका प्रभावी उदाहरण नोआमुंडी है, जो भारत का पहला ऐसा ब्लॉक बना जहां सभी दिव्यांगजन पंजीकृत हैं और अपने विधिसम्मत सार्वजनिक अधिकार प्राप्त कर रहे हैं।

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