होली के बाद झारखण्ड भाजपा संगठन में बड़ा बदलाव और पूर्व सीएम रघुवर को प्रदेश की कमान सौंपे जाने की संभावना
होली के बाद झारखंड भाजपा में बड़े फेरबदल की संभावना नजर आ रही है

होली के बाद झारखण्ड भाजपा संगठन में बड़ा बदलाव और पूर्व सीएम रघुवर को प्रदेश की कमान सौंपे जाने की संभावना
रांची – झारखंड के राजनीति के माहिर खिलाड़ी पूर्व सीएम रघुवर ने आखिर राजनीतिक लाभ के लिए 24 दिसंबर 2024 को ओडिशा राज्य के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके पूर्व से ही कयास लगाए जा रहे थे कि रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे सकते हैं और झारखंड के सक्रिय राजनीति में विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं लेकिन उन्होंने इस्तीफा तो दे दिया लेकिन सक्रिय राजनीति में पहले तो नहीं उतरे लेकिन जमशेदपुर पूर्वी पारंपरिक सीट से अपनी बहू पूर्णिमा दास साहू को प्रोजेक्ट किया और जीता भी दिया। हालांकि रघुवर दास ने अपने इस्तीफा के 15 दिन बाद यानी 10 जनवरी 2025 को उन्होंने फिर से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इधर दूसरी ओर जब भाजपा संसदीय बोर्ड ने एक खास रणनीति के तहत एक बड़ा उलट-फिर करते हुए दो केंद्रीय पर्यवेक्षक जिसमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और सांसद डॉ के लक्ष्मण शामिल थे, दोनों की मौजूदगी में झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबु लाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया इसके बाद बाबू लाल को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने की जिम्मेवारी दे दी गई। जिसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि क्या बाबूलाल मरांडी एक साथ दो पदों पर रहेंगे प्रतिपक्ष के नेता और प्रदेश अध्यक्ष भी ऐसी स्थिति में सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान एक खास रणनीति के तहत फिर से एक बार प्रदेश अध्यक्ष के लिए ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रहे और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, ओबीसी वर्ग के एक बड़े नेता के रूप में पहचान रखने वाले बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके रघुवर दास के हाथों में सौंप सकती है। इसके बाद संगठन में भी भारी फेरबदल की संभावना है
सूत्रों का कहना है कि 2024 विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को करारी शिकस्त महागठबंधन झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस ने दी थी। जिसके बाद से पार्टी आलाकमान संगठन में भारी बदलाव की रणनीति बनाने में जुटा हुआ है
राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि एक खास रणनीति के तहत झारखंड के पूर्व सीएम और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास की झारखंड में एंट्री हुई। वैसे भी कहा जाता है कि राजनीति और जंग में सब जायज है रघुवर दास अंदर ही अंदर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं और वह निश्चित समय पर फिर से एक बार झारखंड की कमान संभाल सकते हैं।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि पार्टी को भी झारखंड में एक धुरंधर और ओबीसी वर्ग के नेता की जरूरत है जबकि पार्टी में पूर्व में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे रघुवर दास इसमें फिट बैठ रहे हैं। परिस्थितियां भी कुछ इसी तरह चल रही है बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया है और रास्ता का अड़चन समाप्त कर दिया गया है
भाजपा विधायक दल नेता का चयन कर लिया गया है, क्योंकि वहीं दूसरी ओर सूत्रों का कहना है की बीजेपी का सिर्फ नेतृत्व अब झारखंड में ओबीसी और एसटी वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए एक खास रणनीति के तहत इन दोनों वर्ग से आने वाले चेहरों को प्रमुख स्थान दे सकती है। जबकि किसी सामान्य जाति या एससी वर्ग से आने वाले विधायक को सदन में मुख्य सचेतक या सचेतक की जिम्मेवारी दी जा सकती है
इसी बीच एक दिन ऐसा आया जब 24 दिसंबर 2024 को एकाएक रघुवर दास ने इस्तीफा दे दिया लेकिन फिर एक बार सुर्खियों में आ गये जब 10 जनवरी को दूसरी बार रघुवर दास भारतीय जनता पार्टी किस तरह सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए लेकिन किसी ओहदे पर नहीं बल्कि सामान्य कार्यकर्ता के रूप में
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अंदर खाने में यह चर्चा बेहद आम हो गई है कि संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी है और इसी के तहत बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है ताकि प्रदेश की कमान उनके हाथों से लेकर रघुवर दास को सौंपा जा सके। होली के बाद झारखंड भाजपा में बड़े बदलाव की संभावना नजर आ रही है