बसंत उत्सव में संगीत, सौंदर्य और मानवता का संगम
इस बार बसंत उत्सव में मानवता को सर्वोपरि रखते हुए पहली बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन और जमशेदपुर ब्लड सेंटर के सहयोग से आयोजित इस शिविर में 55 महिला-पुरुषों ने रक्तदान किया

बसंत उत्सव में संगीत, सौंदर्य और मानवता का संगम
जमशेदपुर- बसंत उत्सव समिति के तत्वावधान में आज एग्रिको पोस्ट ऑफिस मैदान में बसंत उत्सव का आयोजन किया गया। इस उत्सव का उदघाटन टीनप्लेट इवनिंग क्लब के अध्यक्ष सौर ज्योति डे, समाजसेवी अल्पना भट्टाचार्य, बंगाल क्लब के उपाध्यक्ष पार्थ सारथी सेन, सिविक एसोसिएशन के अध्यक्ष बिस्बनाथ सरकार और बसंत उत्सव समिति के अध्यक्ष अचिंतम गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया
अतिथियों ने अपने संबोधन में विश्व कवि रवींद्र नाथ ठाकुर द्वारा शांतिनिकेतन में प्रारंभ किए गए इस बसंत उत्सव की चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह उत्सव प्रकृति के प्रति प्रेम और सौंदर्य को दर्शाता है। समिति के महासचिव स्वपन राय ने स्वागत भाषण दिया
कार्यक्रम में संगीत की मोहक प्रस्तुतियां हुईं। स्थानीय संगीतकार सव्यसाची चंद ने “आमी बांगलाए गान गाई…”, “ओरे भाई फागुन लेगेछे बोने बोने…” जैसे गीतों से समां बांधा। शांता बनर्जी ने “ए गाने प्रोजापोती पाखाय पाखाय रंग छोराए…”, “ओ तूई नयन पाखी आमार रे…” और “वंदे माया लागाइछे पिरिती सिखाइछे…” प्रस्तुत किए। आयुष मित्रा ने “ओ चांद, संभालो जोछनाके…”, “दोले दोदुल दोले झूलोना…” और “बाजे गो वीना…”जैसे गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अर्जोमा झा ने नृत्य प्रस्तुत किए।
कोलकाता की बांग्ला संगीत गायिका केमेलिया दास ने “लाल पहाड़ीर देशे जाबो…”, “एकटा कालो भोमोर…”, “मोने कोरी आसाम जाबो…”प्रस्तुत कर श्रोताओं को मोहित किया, वहीं गायक कुमार अर्कित ने “देखो आलोय आलो…”, “जीबोने की पाबो ना…” और “से प्रथम प्रेम आमार नीलांजना…” गाकर समां बांधा।
इस अवसर पर विभिन्न स्टॉल लगाए गए, जिसमें फूड फेस्टिवल प्रमुख आकर्षण रहा। इस बार बसंत उत्सव में मानवता को सर्वोपरि रखते हुए पहली बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन और जमशेदपुर ब्लड सेंटर के सहयोग से आयोजित इस शिविर में 55 महिला-पुरुषों ने रक्तदान किया
कार्यक्रम को सफल बनाने में अचिंतम गुप्ता, सामंतो कुमार, स्वपन राय, रंजन बनर्जी, अरुण सरकार, शम्पा दासगुप्ता, मधुमिता बनर्जी, नीता बोस, तमालि सोम, बाच्चू, रूपम, देबराज, बिशु, तरुण बिस्वास, इति बनर्जी, मौसमी सिन्हा, शरबानी मित्र, पिजुश पाल, राणा, पंकज दत्ता, प्रीतिलता दत्ता आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।