Uncategorized

मौसमी कांड– 16 वर्षों से मां को है न्याय का इंतजार,बेटी की जयंती पर दीप जलाकर मां ने दी बेटी को श्रद्धांजलि, कोर्ट पर है निगाह

मां का आरोप है कि होटल मालिक की पहुंच टाटा के अधिकारियों और पुलिस तक होने की वजह से पुलिस ने मामले की लीपापोती कर दी

मौसमी कांड– 16 वर्षों से मां को है न्याय का इंतजार,बेटी की जयंती पर दीप जलाकर मां ने दी बेटी को श्रद्धांजलि, कोर्ट पर है निगाह

जमशेदपुर- आज मां तापसी चौधरी ट्रेनी एयर होस्टेस मौसमी चौधरी की 33वीं जयंती मना रही है. मात्र 17 वर्ष की उम्र में ही वह असमय ही इस दुनिया से चली गई. आज भी याद करके मां का कलेजा फट जाता है.न्याय की लड़ाई लड़ते वह अब कुछ वर्षों से बीमार हो चली है.इसलिए अब वह पहले की तरह कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं करती बल्कि घर पर ही श्रद्धांजलि देती है.शुक्रवार(28फरवरी) को घर पर दिवंगत मौसमी चौधरी के चित्र की पूजा कर और दीप जलाकर मां तापसी चौधरी ने श्रद्धांजलि दी.इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य सह सामाजिक कार्यकर्ता राधा कांत ओझा ने भी मौसमी के चित्र पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी और न्याय के इस संघर्ष में हमेशा की तरह साथ देने की बात कही.

मौसमी कांड क्या है?
—————-

आहा संस्थान की ट्रेनी एयर होस्टेस मौसमी चौधरी को जमशेदपुर के मशहूर होटल सोनेट से 9 मई 2009 को संदिग्ध परिस्थितियों में टीएमएच लाया गया था, जहां पहले आईसीयू फिर सीसीयू में इलाजरत रहने के बाद 20 मई को उसे मृत घोषित किया गया था.मां तापसी चौधरी ने बेटी के साथ होटल में दुष्कर्म कर हत्या का आरोप लगाया था. मां का कहना था कि मौसमी की हत्या 9 मई 2009 को होटल सोनेट में ही कर दी गई थी और टीएमएच में तत्कालीन टाटा स्टील के वीपी पार्थो सेन गुप्ता के दबाव पर जबरन मौसमी के शव को रखा गया था बाद में 20 मई को टीएमएच प्रबंधन ने उसे मृत घोषित कर दिया था.

मां का आरोप है कि होटल मालिक की पहुंच टाटा के अधिकारियों और पुलिस तक होने की वजह से पुलिस ने मामले की लीपापोती कर दी.बाद में हाई कोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर दो- दो बार सीबीआई जांच हुई, लेकिन न्याय नहीं मिला मां ने आरोप लगाया है कि रसूखदार आरोपियों की वजह से सीबीआई भी बिक गई.मां को न्यायालय पर भरोसा है.मां का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्राईवेट पार्टस पर चोट के निशान के जिक्र हैं जिसे देखते हुए सुप्रीमकोर्ट ने सीबीआई को धारा 302 के तहत मां के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर अनुसंधान के निर्देश दिए थे, लेकिन सीबीआई ने लीपापोती की.उससे पहले पुलिस ने भी संदिग्ध हालत में भर्ती बताई गई मौसमी का न तो बयान लिया और न ही मेडिकल और अन्य जांच की

डॉ प्रभात हत्याकांड से मौसमी कांड के तार जुड़े–मां तापसी—–

मां तापसी चौधरी का कहना है कि मौसमी कांड के तार टीएमएच की इमरजेंसी के तत्कालिक हेड डा.प्रभात की हत्या से जुड़े हैं. मौसमी चौधरी की कथित तौर पर हत्या के छह महीने के भीतर टीएमएच की इमरजेंसी के हेड डॉ प्रभात की भी हत्या हो गई थी.मां का कहना है कि मौसमी को सबसे पहले टीएमएच के इमरजेंसी में लाया गया था जहां शव के दाखिले को डॉ प्रभात ने दाखिला लेने से इंकार कर दिया था. उसके बाद घटना को छुपाने के लिए तत्कालीन टाटा स्टील के वीपी पार्थो सेन गुप्ता के दबाव पर मौसमी को पहले आईसीयू और फिर सीसीयू में दाखिल कराया गया. तापसी चौधरी ने आरोप लगाया कि मौसमी किस हालत में टीएमएच लाई गई थी इसके अहम गवाह डॉ प्रभात थे, जिस वजह से उनकी भी हत्या कर दी गई

नहीं मिली सरकारी मदद
—————– ———–

मां तापसी चौधरी को इस बात से तकलीफ हुई कि सरकारें आईं और गईं लेकिन किसी ने उनकी बेटी को न्याय दिलाने में कोई मदद नहीं की.

सीबीआई का दबाव–दुर्घटना मान ले मां
मां तापसी चौधरी ने आरोप लगाया कि सीबीआई लगातार दबाव बना रही है कि वह अपनी बेटी के साथ हुई घटना को दुर्घटना मान ले और वैसी गवाही दे.लेकिन, मां तापसी चौधरी ने मरते दम तक न्याय के लिए लड़ने के संकल्प को दुहराया है.

तापसी कहती हैं कि वे मरते दम तक इस बयान पर कायम रहेंगी कि 09 मई को ही मौसमी के साथ होटल में दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई थी.आईवाश करने के लिए होटल मालिक रवि पारिख और प्रबंधन के अन्य सदस्यों ने टाटा स्टील के तत्कालीन वीपी पार्थो सेन गुप्ता की मदद से मौसमी के शव को 11 दिनों तक टीएमएच में रखवा दिया था.वहीं बिष्टुपुर थाने में होटल प्रबंधन ने दुर्घटना का मामला दर्ज करवाया, जबकि तत्कालीन बिष्टुपुर थाना प्रभारी नीरज मिश्रा ने मौसमी कांड को लेकर कई दिनों तक न तो घटनास्थल का दौरा किया और न ही मौसमी की मां का बयान लेकर मामला दर्ज किया तत्कालीन झारखंड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्र ने कर्तव्य में लापरवाही को लेकर नीरज मिश्रा को निलंबित करने के आदेश दिए थे

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!